रिपोर्ट--मुकेश गुप्ता
गाजियाबाद । BIRAJ FOUNDATION (Blissful Initiative for Rural Advancements Journey) द्वारा संचालित ‘पिंक सेफ्टी ड्राइव’ के अंतर्गत मंगलवार को गाजियाबाद पब्लिक स्कूल में 10 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की लगभग 200 छात्राओं के लिए विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। सत्र का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को ‘गुड टच और बैड टच’ के अंतर को समझाना तथा स्वयं की सुरक्षा के प्रति सजग बनाना था।
कार्यक्रम की मुख्य ट्रेनर डॉ. मोनिशा शर्मा ने छात्राओं को सरल भाषा में बताया कि कौन-सा स्पर्श सुरक्षित है और कौन-सा असुरक्षित। उन्होंने कहा, “आजकल टीनएज लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और यौन शोषण की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ज्यादातर मामलों में बच्चे शर्म या डर के कारण चुप रह जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम उन्हें शुरू से ही सही-गलत की पहचान सिखाएं और ‘नो’ कहने की हिम्मत दें।”
सत्र में इंटरैक्टिव गतिविधियों, कहानियों और रोल-प्ले के जरिए बच्चों को समझाया गया कि:
अगर कोई असहज स्पर्श करे तो तुरंत विश्वसनीय वयस्क को बताएं।
अपनी प्राइवेट बॉडी पार्ट्स की सुरक्षा खुद की जिम्मेदारी है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगहों पर सतर्क रहें।
आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1098 (चाइल्डलाइन) और 112 (पुलिस) का इस्तेमाल करें।
स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती डा० भावना यादव और प्रोग्राम कॉर्डिनेटर श्रीमती गीता ने BIRAJ फाउंडेशन को धन्यवाद देते हुए कहा, “हमारी लड़कियां अब ज्यादा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगी। ऐसे जागरूकता कार्यक्रम हर स्कूल में नियमित रूप से होने चाहिए।”
BIRAJ फाउंडेशन की संस्थापक बिराज कुमार सिंह ने बताया कि पिंक सेफ्टी ड्राइव के तहत आने वाले दिनों में गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों के कई और स्कूलों में ऐसे सत्र आयोजित किए जाएंगे ताकि हर बच्ची सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सके।
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्राओं को ‘माई सेफ्टी प्रॉमिस’ कार्ड वितरित किए गए, जिसमें उन्होंने खुद की सुरक्षा के लिए कुछ नियम लिखकर प्रतिज्ञा ली।
अंत में श्री बिराज ने ये भी बताया कि इस पूरे कार्यक्रम में विशेष रूप से गणेश हॉस्पिटल का मुख्य योगदान भी रहा


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