साहिबाबाद । इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज ने तकनीकी सहयोग, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान सी-डैक के सेंटर हेड एवं साइंटिस्ट ‘जी’ जितेन्द्र सिंह तथा इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार सोलंकी द्वारा साइन किया गया।
एमओयू का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स , इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग, साइबर सिक्योरिटी, सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी, ई-गवर्नेंस, स्मार्ट सिटी सॉल्यूशंस सहित आधुनिक और उभरती तकनीकों के विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त शोध, विकास और तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना है।
निदेशक डॉ. अनिल कुमार सोलंकी ने कहा कि यह साझेदारी उद्योग और शिक्षा जगत के बीच एक मजबूत पुल का काम करेगी। दोनों संस्थान मिलकर तकनीकी समाधान विकसित करने, नवाचार को बढ़ावा देने, रिसर्च को मजबूत करने और नई पीढ़ी के छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने बताया कि यह समझौता आधुनिक तकनीकों के वास्तविक उपयोग और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए क्षमता निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर सी-डैक की ओर से अपूर्व कोहली (वैज्ञानिक ‘ई’), अरविंद कुमार (वरिष्ठ सलाहकार—नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन), देवदत्त ससमला (वैज्ञानिक ‘एफ’), डॉ. प्रियंका जैन (वैज्ञानिक ‘एफ’), सुनील कुमार (वैज्ञानिक ‘ई’), अनूराग राजपूत (वैज्ञानिक ‘डी’), ऋचा चौधरी तथा डॉ. शोयब अली उपस्थित रहे।
वहीं इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर से वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डीन एकेडमिक्स डॉ. अमित जैन तथा डॉ. पूजा त्रिपाठी ने कार्यक्रम में सहभागिता दर्ज की।
आईपीईसी और सी-डैक के बीच इस महत्वपूर्ण एकेडमिक-इंडस्ट्री सहयोग से छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को हाई-एंड तकनीकों के वास्तविक उपयोग, प्रशिक्षण और अनुसंधान के नए अवसर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकी इकोसिस्टम को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

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