सोमवार, 22 दिसंबर 2025

विश्व ध्यान दिवस पर गाजियाबाद में सम्पन्न हुआ सामूहिक ध्यान अभ्यास कार्यक्रम, ध्यान केवल मानसिक शांति का साधन नहीं है, बल्कि यह शरीर के नर्वस सिस्टम को वैज्ञानिक रूप से संतुलित करता है- देवेंद्र हितकारी



                      रिपोर्ट-मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद । विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान, गाजियाबाद एवं योग साधना केंद्र, औषधि पार्क के संयुक्त तत्वावधान में सामूहिक ध्यान के प्रयोगात्मक अभ्यास कार्यक्रम का सफल आयोजन रविवार, 21 दिसंबर 2025 को चिन्मय मिशन, राजनगर (सेक्टर–2/28), गाजियाबाद में किया गया। कार्यक्रम प्रातः 5:45 बजे से 7:15 बजे तक चला, जिसमें बड़ी संख्या में योग एवं ध्यान साधकों, नागरिकों एवं युवाओं ने सहभागिता की।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज को ध्यान एवं योग के वैज्ञानिक, मानसिक एवं शारीरिक लाभों के प्रति जागरूक करना रहा। सामूहिक ध्यान अभ्यास के दौरान प्रतिभागियों ने गहन शांति, एकाग्रता एवं सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया।

इस अवसर पर मुख्य शिक्षक देवेन्द्र हितकारी ने कहा कि ध्यान केवल मानसिक शांति का साधन नहीं है, बल्कि यह शरीर के नर्वस सिस्टम को वैज्ञानिक रूप से संतुलित करता है। नियमित ध्यान से हार्ट रेट नियंत्रित रहती है, ब्लड प्रेशर संतुलन में आता है तथा मन स्वाभाविक रूप से शांत होता है।

मुख्य शिक्षक डॉ. आर. के. पोद्दार ने कहा कि विज्ञान यह प्रमाणित कर चुका है कि प्रतिदिन मात्र 20 मिनट का ध्यान शरीर को ‘रेस्ट एंड हील’ मोड में ले जाता है। एमआरआई एवं न्यूरोसाइंस शोध बताते हैं कि ध्यान स्मृति शक्ति बढ़ाता है तथा भय, तनाव एवं अवसाद को कम करता है।

मुख्य शिक्षक देवेन्द्र सिंह बिष्ट ने अपने वक्तव्य में कहा कि ध्यान व्यक्ति को शरीर और मन के संकेतों के प्रति जागरूक बनाता है। नियमित अभ्यास से व्यक्ति अपने विचारों, भावनाओं एवं ऊर्जा स्तर पर नियंत्रण करना सीखता है, जिससे जीवन में संतुलन और सकारात्मकता आती है।

कार्यक्रम संयोजक एवं योग साधक प्रदीप चौधरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के तनावपूर्ण जीवन में ध्यान और योग समय की आवश्यकता बन चुके हैं। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निरंतर प्रयासों से योग एवं ध्यान को वैश्विक पहचान मिली है और आमजन में इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित यह सामूहिक अभ्यास लोगों को आत्मशांति, स्वास्थ्य एवं आत्मबोध की दिशा में प्रेरित करता है।

ध्यान एवं योग अभ्यास के उपरांत सभी साधकों ने सह सूक्ष्म जलपान कर आपसी मैत्रेय भाव को और अधिक प्रगाढ़ किया तथा सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया।

आयोजकों ने बताया कि यह कार्यक्रम पूर्णतः निःशुल्क था तथा सभी आयु वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में साधकों ने नियमित रूप से ध्यान एवं योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में बृजेश अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, के. के. गुप्ता, बीना चौधरी, सुधा शर्मा, सुगंधा, बी. आर. पाल, रणबीर सिरोही, राकेश कुमार सहित अनेक गणमान्य साधकों की गरिमामयी उपस्थिति एवं सराहनीय सहयोग रहा।

अंत में आयोजकों ने नागरिकों से अपील की कि वे ध्यान एवं योग को अपनाकर स्वस्थ, संतुलित एवं तनावमुक्त जीवन की ओर अग्रसर हों।



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