शनिवार, 30 अप्रैल 2022

कनेक्शन होने के बावजूद बिजली विभाग ने महिला से वसूले 24 हजार*

 



*जवाब देने के बावजूद भी नहीं हुई कोई सुनवाई, मात्र एक माह में ही लगा दिया 24 हजार का जुर्माना*

गाजियाबाद। विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा आजकल झूठी शिकायतों पर लोगों के कनेक्शन लगे होने के बावजूद जबरन कार्रवाई की जा रही है। विद्युत विभाग अनाप-शनाप बिल बनाकर लोगों से पैसा वसूल रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण विजय नगर क्षेत्र के सिद्धार्थ विहार में देखने को मिला। जहां महिला सुशीला ने एक माह पूर्व ही अपने कमरे को किराए हेतु दिया था। जिस पर कालोनी के किसी दलाल व्यक्ति ने उसकी शिकायत बिजली विभाग से कर दी। बिजली विभाग के कर्मचारियोंं ने जल्दबाजी दिखाते हुए महिला के घर पर पहुंचकर वीडियोग्राफी कराई और महिला को व्यवसायिक गतिविधि होने की बात बोलकर महिला को 24,114 रूपए का बिल जारी कर दिया। इस संबंध में उक्त महिला द्वारा अपना पक्ष रखते हुए सभी दस्तावेजों के साथ विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता सारी जानकारी से अवगत कराया था। जिसको अधिकारियों द्वारा अनसुना कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ विहार के ब्रह्मपुत्र एंक्लेव में रहने वाली सुशीला नामक महिला ने एक कमरे के फ्लैट में 2 किलो वाट का बिजली कनेक्शन लिया हुआ है। सुशीला ने कोरोनाकाल के दौरान जुलाई 2021 में आर्थिक तंगी के कारण अपना एक कमरा किसी एक व्यक्ति को किराए पर दे दिया था। किराएदार को एक महीना बीता ही था कि कॉलोनी में सक्रिय दलालों की शिकायत पर विद्युत विभाग ने महिला को अगस्त 2021 में उनके घर पर बिजली चोरी का आरोप लगाया और वहां पहुंचे विद्युतकर्मियों ने वीडियोग्राफी भी की थी इस दौरान कमरे में केवल एक फ्रीज चल था और खाने-पीने का सामान रखा हुआ था। इसके बावजूद विद्युतकर्मियों ने अपनी हठधॢमता दिखाते हुए उक्त महिला को एक नोटिस 24,114 रूपए का जारी कर दिया। जबकि महिला के विद्युत कनेक्शन पर पिछला कोई भी बकाया भुगतान नहीं था। उसके बावजूद बिजली बिल का अतिरिक्त भार महिला के ऊपर डाल दिया। काबिल मार्च महीने में भेज दिया और जमा न करने पर बिजली काटने का फरमान जारी कर दिया। मजे की बात यह है कि सुशीला ने अगस्त माह में नोटिस के आधार पर अधिशासी अभियंता पंचम को अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया। इस मामले को लगभग 8 माह बीत चुके थे और महिला को लगा कि अधिकारी को जवाब प्रस्तुत करने के बाद उसका मामला निपट गया है। लेकिन मार्च 2022 में विद्युत विभाग द्वारा वसूली अभियान चलाया गया तो उक्त महिला के बिजली बिल में नोटिस की राशि वर्तमान बिल में जोड़कर भेज दी गई। बिल देखकर महिला के होश फाख्ता हो गए। इसके बाद महिला ने जानकारी करनी चाही तो उसे बताया गया कि आपने विद्युत चोरी की है इसका हर्जाना तो भरना ही होगा नहीं तो विधिक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। महिला ने इधर उधर से एकत्रित कर विभाग में पैसा जमा करा दिया। महिला सुशीला का कहना है कि मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, प्रमुख सचिव मंडलायुक्त, जिलाधिकारी से कार्रवाई कर अपना पैसा वापस कराने की मांग की है।

बता दें कि विद्युत विभाग के कर्मचारियों का भ्रष्टाचार चरम पर है। विद्युत विभाग के लाइनमैन तक क्षेत्र में खुलकर विद्युत चोरी करा रहे हैं। क्षेत्र में जब भी छापेमारी की जाती है तो लाइनमैन फोन करके पहले ही लोगों को सचेत कर देते हैं जिससे वह बच जाते हैं। पता चला है कि लाइनमैन 500 रूपए लेकर घरों में कई-कई एसी चलवा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि जीरो टालरेंस नीति के तहत प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसा जाएगा। लगता है कि मुख्यमंत्री के आदेश भी विद्युत विभाग के अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखते तभी तो वह मनमर्जी कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि अधिशासी अभियंता के क्षेत्र में कर्मचारियों की सांठगांठ से जमकर विद्युत बिजली चोरी हो रही है। अवैध कॉलोनियों में 25 से 30,000 रुपए लेकर विद्युत कनेक्शन बांटे जा रहे हैं। जिसमें बिल्डर उपभोक्ताओं से फ्लैट बेचकर कनेक्शन के नाम पर अन्य वसूली कर रहे हैं। प्रताप विहार के सेक्टर 12, सिद्धार्थ विहार में सिद्धार्थ विहार रेजीडेंसी, डूब क्षेत्र अकबरपुर बहरामपुर, सुुदामापुरी, कृष्णा वाटिका और चार 4 मंजिलों में बनाए जा रहे प्लेटों में अवैध रूप से कनेक्शन बांटे जा रहे हैं जिसका कोई नियम कानून नहीं है।


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