मंगलवार, 18 नवंबर 2025

सुन्दर दीप ग्रुप ऑफ इंस्टिटूशनस, गाजियाबाद के विद्यार्थियों को प्रसिद्ध सॉफटवेयर कम्पनी चेतु इंडिया प्रा० लि० मे मिला प्लेस्मेंट





                           मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद । सुन्दर दीप ग्रुप ऑफ इंस्टिटूशनस, गाजियाबाद में  कैम्पस प्लेसमेंट ड्राइव में 17 विद्यार्थियों का प्रसिद्ध सॉफटवेयर कम्पनी चेतु इंडिया प्रा० लि० मे चयन हुआ। इस चयन प्रक्रिया मे बी.टेक.-कंप्यूटर सांइस, एम.सी.ए. एव बी.सी.ए. के छात्र-छात्राओं ने बढ चढकर हिस्सा लिया। जिसमे लिखित परीक्षा, ग्रुप डिस्कश्न और साक्षात्कार के माध्यम से 17 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ।

इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष  महेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि सुन्दर दीप अपने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए निरन्तर प्रयासरत है जिसके फल-स्वरूप यहाँ के छात्र एवं छात्रायें देश-विदेश मे भारत का नाम रोशन कर रहे है।

इस अवसर पर सुन्दर दीप ग्रुप के चेयरमैन महेंद्र अग्रवाल, उपकुलाधिपति नितिन अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुंदरदीप समूह,  अखिल अग्रवाल, एस.डी.जी.आई. ग्लोबल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो० (डॉ०) प्रसेंनजीत कुमार, प्रो० चांसलर श्पीयूष श्रीवास्तव, आई.जी. पुलिस (से०नि०), रजिस्ट्रार डॉ० राजीव रतन, श्री बृजेन्द्र सिंह, निदेशक (ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट), प्रो. (डॉ०) मोनिका सेंगर, निदेशक इंजीनियरिंग तथा सभी कॉलेजों के निदेशक, विभागाध्यक्ष, और फैकल्टी सदस्यों द्वारा चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी गई और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज किया परमार्थ संगम घाट का निरिक्षण,आगामी कुम्भ मेला, माघ मेला और अन्य कार्यक्रमों का प्लान किया तैयार

 




अरैल घाट, प्रयागराज के पूरे क्षेत्र को भव्य, दिव्य और नूतन बनाने पर विशेष चर्चा

🌸पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी के बलिदान दिवस, राम मंदिर आंदोलन के नायक अशोक सिंघल जी एवं प्रखर राष्ट्रवादी नेता बाला साहब ठाकरे जी की पुण्यतिथि के अवसर पर भावभीनी श्रद्धाजंलि

🌸कुंभ एवं आगामी आयोजनों को दिव्य-भव्य रूप में आयोजित करने की बनी रणनीति

🌺राष्ट्रनायकों की पुण्यतिथि पर परमार्थ त्रिवेणी पुष्प प्रांगण में रूद्राक्ष के पौधे का रोपण

प्रयागराज, 19 नवम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज प्रयागराज स्थित परमार्थ संगम घाट एवं आस-पास के क्षेत्रों का विस्तृत निरीक्षण कर आगामी कुंभ मेला, माघ मेला तथा अन्य आध्यात्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर स्वामी जी ने प्रदेश और देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं, साधु-संतों एवं विशेष अतिथियों के स्वागत हेतु घाट क्षेत्र को और अधिक भव्य, दिव्य, सुरक्षित एवं नूतन स्वरूप में विकसित करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार प्रतिबद्ध है अपनी विरासत, संस्कृति व विकास के साथ आगे बढ़ने के लिये।

स्वामी जी ने कहा कि प्रयागराज मात्र एक तीर्थ नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक धड़कन, सांस्कृतिक धरोहर और सनातन एकता का जीवंत प्रतीक है इसलिए संगम क्षेत्र की स्वच्छता, सुगमता, सुरक्षा और सौंदर्य सभी प्राथमिकताएँ हैं, जिन पर आने वाले दिनों में तीव्र गति से कार्य किए जाएंगे। 

निरीक्षण के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अरैल घाट तथा आसपास के विस्तृत क्षेत्र को आध्यात्मिक पर्यटन और तीर्थ संस्कृति के आदर्श मॉडल के रूप में विकसित करने हेतु विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने कहा कि संगम एक ऐसा स्थल है जहाँ आस्था, अध्यात्म, सेवा, संस्कार और संस्कृति एक साथ प्रवाहित होते हैं। अतः यहाँ का विकास केवल ढाँचागत न होकर, भावनात्मक और सांस्कृतिक आधार पर भी होना चाहिए ताकि हर यात्री स्वयं को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध महसूस करे।

स्वामी जी ने स्थानीय युवाओं, स्वयंसेवकों और धार्मिक संगठनों से आह्वान किया कि वे आने वाले कुंभ से पूर्व क्षेत्र में स्वच्छता, वृक्षारोपण, जल संरक्षण और जनजागरूकता के कार्यक्रमों को और सशक्त करना होगा।

इस अवसर पर स्वामी जी ने तीन महानतम राष्ट्रनायकों पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी, राम जन्मभूमि आंदोलन के मुख्य स्तंभ अशोक सिंघल  तथा प्रखर राष्ट्रवादी नेता बाला साहब ठाकरे  की पुण्यतिथि पर परमार्थ त्रिवेणी पुष्प प्रांगण, प्रयागराज में रूद्राक्ष के पौधे का रोपण किया।

स्वामी जी ने कहा कि यह तीनों महापुरुष भारत की नई पीढ़ी के लिए साहस, राष्ट्रभक्ति, त्याग और सनातन मूल्यों के ज्वलंत प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि लाला लाजपत राय का अदम्य साहस, अशोक सिंघल  की आध्यात्मिक राष्ट्रभक्ति और बाला साहब ठाकरे जी की निर्भीक राष्ट्रनिष्ठा ये तीनों मिलकर भारत को नवऊर्जा, नवप्रेरणा और नवदिशा देने वाले स्तंभ हैं। इनकी पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण करना प्रकृति, राष्ट्र और संस्कृति के प्रति कृतज्ञता का एक पवित्र संकल्प है।

पंजाब केसरी लाला लाजपत राय , राम मंदिर आंदोलन के अटूट शिल्पी अशोक सिंघल जी तथा प्रखर राष्ट्रवादी नेता बाला साहब ठाकरे जी, इन तीनों महापुरुषों की पुण्यतिथि भारतीय इतिहास में अदम्य साहस, राष्ट्रनिष्ठा और अटूट संकल्प का त्रिवेणी संगम है।

लाला लाजपत राय  ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान देकर पूरी पीढ़ी में क्रांति की चिंगारी जलाई। उनका निर्भीक नेतृत्व और मातृभूमि के प्रति समर्पण आज भी हर भारतीय के हृदय में प्रेरणा का दीप प्रज्वलित करता है।

अशोक सिंघल ने जीवनभर राम जन्मभूमि आंदोलन को आत्मसमर्पण, तप और साधना की शक्ति से आगे बढ़ाया। उनका शांत लेकिन अडिग नेतृत्व सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का आधार बना और उन्होंने राष्ट्र को आध्यात्मिक चेतना से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बाला साहब ठाकरे जी ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए निर्भीकता, प्रखरता और राष्ट्रवादी विचारधारा का अद्वितीय स्वर भारत को दिया। उनकी आवाज करोड़ों युवाओं में स्वाभिमान और राष्ट्रगौरव की भावना जगाती रही।

इन तीनों महापुरुषों का जीवन संदेश देता है कि राष्ट्रभक्ति केवल विचार नहीं, बल्कि जीवन भर का संकल्प है।

आज उनकी पुण्यतिथि पर हम विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संकल्प लेते हैं कि उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र, धर्म और संस्कृति की रक्षा हेतु निरंतर समर्पित रहेंगे।

नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत के जितेन्द्र बच्चन प्रदेश समन्वयक नियुक्त

                              मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद। नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत (डिजिटल)  ने जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व समाजिक चिंतक जितेन्द्र बच्चन को उत्तर प्रदेश का समन्वयक नियुक्त किया है। आज ऑन लाइन भेजे मनोनयन पत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ललित नारायण आमेटा ने उम्मीद जताई है कि श्री बच्चन स्वतंत्र पत्रकारिता करने के साथ-साथ समाजसेवी भी हैं। निश्चित ही वह शहरी क्षेत्र के युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में इस मंच से जोड़ने का कार्य करेंगे।

उल्लेखनीय है कि नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत (एनवाईपीएस) डिजिटल मंच युवाओं को लोकतांत्रिक मूल्यों,शासन और नीति-निर्माण की प्रक्रियाओं से जोड़ने के लिए एक डिजिटल मंच है। यह प्लेटफार्म युवाओं को विभिन्न विषयों पर बहस करने, अपने विचार व्यक्त करने और नेतृत्व व नागरिक भागीदारी कौशल विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह एक डिजिटल ब्रिज है जो युवाओं को राष्ट्रीय चर्चाओं में भाग लेने और 'विकसित भारत 2047' के लिए अपने विचार साझा करने में मदद करता है।

यह प्रतिभागियों को स्व-शिक्षण के लिए ई-प्रशिक्षण संसाधन, ट्यूटोरियल और प्रशिक्षण वीडियो प्रदान करता है। यह डिजिटल मंच नेतृत्व क्षमता, नागरिक भागीदारी और निर्णय लेने के कौशल को विकसित करता है। साथ ही युवाओं में लोकतांत्रिक सिद्धांतों की गहरी समझ पैदा करता है। यह युवाओं को संसद की कार्यवाही और कानून निर्माण की प्रक्रिया को समझने में मदद करता है।

जितेन्द्र बच्चन ने नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आमेटा के प्रति आभार जातते हुए कहा है कि वह नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत डिजिटल मंच के माध्यम से भारत सरकार एवं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जनकाल्याणकारी योजनाओं का धरातल स्तर तक समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे गरीब तबके को उनका हक दिलाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करने में कोताही नहीं बरतेंगे।

रविवार, 16 नवंबर 2025

लोकमानिलाल एवं दयाकांति देवी पुरस्कार-2025, शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मान समारोह आयोजित राष्ट्रीय पत्रकार दिवस पर सभी पत्रकारों के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ, भारत का भविष्य कक्षाओं में बैठा हर विद्यार्थी--स्वामी चिदानन्द सरस्वती








🌸मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी चिदानन्द सरस्वती  का पावन सान्निध्य

प्रयागराज/ऋषिकेश, 16 नवम्बर। महार्षि पतंजलि समूह के प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा आयोजित “लोकमानिलाल एवं दयाकांति देवी पुरस्कार-2025” का दिव्य एवं प्रेरणादायी आयोजन आज विवेकानंद ऑडिटोरियम, एमपीवीएम, गंगा गुरुकुलम्, प्रयागराज में संपन्न हुआ। यह पुरस्कार उन शिक्षकों, शिक्षाविदों और संस्थानों को समर्पित है जिन्होंने भारतीय ज्ञान, परंपरा, संस्कार, समृद्ध शिक्षा और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से समाज में विशिष्ट योगदान दिया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती अध्यक्ष परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश ने अपने मंगल आशीष  देते हुए कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल जानकारियों का संचय नहीं, अपितु ज्ञान, विवेक, सेवा, चरित्र और संस्कार का समन्वय है। उन्होंने कहा कि सनातन भारत ने सदियों से ‘विद्या ददाति विनयम्’ के आदर्श पर दुनिया को मार्ग दिखाया है। यहाँ शिक्षा का उद्देश्य केवल आजीविका नहीं, अपितु जीवन का उत्थान है, मनुष्य को मानव से महात्मा बनाने का पावन प्रयास है। 

पूज्य स्वामी जी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा को राष्ट्रनिर्माण, पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति, सेवा और मानवता के कल्याण में लगाएँ। उन्होंने कहा “भारत का भविष्य कक्षाओं में बैठा हर विद्यार्थी है। हमारे युवाओं में दिव्यता है, क्षमतायें है और परिवर्तन का सामथ्र्य है। आवश्यकता है उन्हें सही दिशा, संस्कार और प्रेरणा प्रदान करते की।”

राष्ट्रीय पत्रकार दिवस के पावन अवसर पर स्वामी जी ने सभी पत्रकार बंधुओं केा हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुये कहा कि पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, बल्कि सत्य, नैतिकता और समाज सेवा का पवित्र मार्ग है। पत्रकार समाज में जागरूकता, पारदर्शिता और राष्ट्रीय उत्तरदायित्व के स्तंभ हैं। उनका कार्य केवल खबर पहुँचाना नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा, आदर्श और मूल्य प्रदान करना है। आइए हम सभी पत्रकारों के समर्पण और प्रयासों का सम्मान करें और उनके माध्यम से समाज में सत्य, नैतिकता और राष्ट्र निर्माण के मूल्यों को प्रोत्साहित करें। 

विशिष्ट अतिथि  अनिल कुमार जैन जी ने शिक्षा क्षेत्र में एमपीवीएम समूह के योगदान की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुये कहा कि आज जब विश्व मूल्य, संकट से गुजर रहा है, तब भारतीय संस्कृति आधारित शिक्षा ही वह आधार है जो युवा पीढ़ी को स्थिरता, समृद्धि और आदर्शों से जोड़ सकती है।

कार्यक्रम में प्रोफेसर कृष्णा गुप्ता, सचिव, एमपीवीएम समूह, प्रसिद्ध उद्योगपति व समाजसेवी श्री विनोद बागरोडिया जी,  श्री रविंदर कुमार गुप्ता जी, श्री यशोवर्धन गुप्ता जी तथा वरिष्ठ शिक्षाविदों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोकमानिलाल एवं दयाकांति देवी पुरस्कार का उद्देश्य शिक्षा के उन अनदेखे नायकों को सम्मानित करना है, जो निःस्वार्थ भाव से विद्यार्थियों में ज्ञान, अनुशासन, विज्ञान, दृष्टि और मानवीय मूल्यों का संचार कर रहे हैं।  यशोवर्धन ने आगामी शैक्षिक योजनाओं व संस्थान के सांस्कृतिक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।

महार्षि पतंजलि समूह के संस्थानों, विशेषतः एमपीवीएम, गंगा गुरुकुलम् और महार्षि पतंजलि ग्रुप ऑफ स्कूल्स, ने सदैव भारतीय मूल्य, आधारित आधुनिक शिक्षा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। यहाँ योग, ध्यान, संस्कृति, विज्ञान, नवाचार और चरित्र, निर्माण को समान महत्त्व दिया जाता है। यही कारण है कि विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक परिणामों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि जीवन, मूल्यों, सेवा, भाव, पर्यावरण चेतना और सामाजिक उत्तरदायित्व के मार्ग पर भी अग्रसर हैं।

कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों व विद्वानों को सम्मानित करते हुए कहा कि गुरुकुल परंपरा से लेकर आधुनिक शिक्षण, प्रणाली तक, भारत ने पूरे विश्व को सदैव ज्ञान का प्रकाश दिया है। आज आवश्यकता है कि इस परंपरा को युवाओं तक पहुँचाया जाए, ताकि वे नई तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, विज्ञान और नवाचार के साथ साथ अपने संस्कार, संस्कृति और राष्ट्रीय चरित्र को भी सुदृढ़ रखें।

पूरे समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, वैदिक मंत्र, उच्चारण और प्रेरणादायी वचनों ने एक आध्यात्मिक एवं उत्साहपूर्ण वातावरण का सृजन किया। उपस्थित जन समुदाय ने संकल्प लिया कि वे शिक्षा के माध्यम से समाज को उच्चतर दिशा देने में अपना योगदान देंगे।

कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय परिवार द्वारा किया गया। अंत में सभी अतिथियों एवं शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया गया कि यह पुरस्कार परंपरा आगे भी शिक्षकों और युवाओं को प्रेरित करती रहेगी, तथा भारतीय ज्ञान विज्ञान और सनातन संस्कृति की ज्योति विश्व में और अधिक उज्ज्वल होगी।

इस अवसर पर सोनिया दत्त, डॉ. उर्वशी साहनी, चारु सेठ, सौम्या तनेजा को पुरस्कृत किया गया।

इन्दू शिशु विद्या सदन के वार्षिकोत्सव पर बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए





 गाजियाबाद ।  (सुशील कुमार शर्मा) : रविदास कालोनी,विजय नगर स्थित इन्दु शिशु विद्या सदन (संचालित- ममता की छांव सेवा ट्रस्ट) द्वारा 15 नवंबर 2025 शनिवार को स्कूल का वार्षिकोत्सव उत्सव- भवन के हाल में मनाया गया । प्रातः काल 11:30 बजे अतिथियों द्वारा  मां सरस्वती  और भारत माता के चित्र के  समक्ष दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का आरंभ किया गया।  कार्यक्रम का संचालन स्कूल प्रबंधक  राज कुमार आर्या और प्रधानाचार्या सीमा शर्मा ने किया। बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। 

    सर्वप्रथम गणेश जी की वंदना की प्रस्तुति आशीष,शिवम्, उमर, लकी व आशीष द्वारा की गई। निशा, लक्ष्मी, आंचल, खुशी और रिया ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। स्कूल की शिक्षिकाओं  गीता , कुमारी संध्या ,प्रिया सेठी , कुमारी मुस्कान ने 'मेरे घर राम आए हैं' गीत के साथ अतिथियों का स्वागत किया। मशहूर राजस्थानी कालबेलिया नृत्य पर प्रतिज्ञा, लक्ष्मी और पलक ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। गुड मैनर्स को दर्शाते हुए एक छोटी सी नाटिका में रिया, मयंक, रितु, शिवम, विवेक, अंशुल, आस्था, गगन, नमिता, और गर्वित ने भाग लिया । आशीष द्वारा 'ओ मेरे देश मेरे..' गीत को प्रस्तुत किया गया। पहलगाम में होने वाले आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर को एक छोटी सी नाटिका के रुप में खुशी, नैना, लक्ष्मी, अनम, कुणाल, प्रिया,लकी, हनी,मयंक, गौरव, पलक, अंकुश और शिवम ने प्रस्तुत किया। 'गलती से मिस्टेक' गाने में छोटे-छोटे बच्चों ने अपने मनमोहक हाव-भाव प्रस्तुत किये। सृष्टि, रितु, शिवम, रिया, परिधि, अंशुल, मयंक,अरहान और विवेक ने दर्शकों का मन मोह लिया। 

      गौरव, खुशी,प्रिया, अंकुश, यामीन, लक्ष्मी, प्रतिज्ञा, पलक, मयंक, नैना, निशा और आंचल ने 'आदियोगी..' की लय पर योग के कुछ योगासनों के साथ योग नृत्य प्रस्तुत किया। 'तेरी उंगली पड़कर' गीत पर यामीन,श्लोक, पलक, मयंक, सनम, शिफा, मुस्कान, मानसी, सिया, हेमा,साक्षी, नैनसी जैसे छोटे-छोटे प्यारे बच्चों ने मां की महानता को दर्शाया। राधा- कृष्ण के फागुन के गीत पर पलक, प्रतिज्ञा, सौम्या, रिया,सलोनी और अनम की सुंदर प्रस्तुति  सभी को कृष्ण भक्ति की ओर ले गई। 'पापा मेरे पापा' गाने के साथ चंचल, सोनी, डाॅली, श्लोक, कुणाल, आर्यन, सोनाक्षी, सनम, शिफा ने पिता के महत्व को दर्शाया। 

   सोशल मीडिया एक ऐसा जरिया है जिसमें आज सभी लोग बिल्कुल डूबे पड़े हैं बड़े हो या छोटे हो। सभी व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम इनके साथ कैसे हर समय जुड़े रहते हैं और अपने निकटतम संबंधों को भूल रहे हैं इस पर  छोटे-छोटे बच्चों ने एक छोटी सी नाटिका के माध्यम से सभी के समक्ष सोशल मीडिया के शिकंजो में जड़े हुए इंसानों की तस्वीर पेश की। इसमें भाग लेने वाले कुणाल, आर्यन, अनम, डाॅली, प्रतिज्ञा, सोनाक्षी, सलोनी, पलक, आंचल और आशीष ने बहुत सुंदर तरीके से सोशल मीडिया के जाल को दर्शाया। कार्यक्रम का समापन माला,रिया और सोनी के द्वारा वंदे मातरम् गीत के साथ किया गया। 

    समारोह अध्यक्षा डॉ.  प्रतिभा सिंघल (सेवानिवृत्त शिक्षिका कन्या वैदिक इंटर कॉलेज), कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक संजीव शर्मा व अतिथिगण कर्नल टी.पी. त्यागी (वीर चक्र), रोटे. सुभाष गुप्ता, वी.पी. गोयल , डॉ.  खत्री (खत्री नर्सिंग होम), आर.के. पांडे, मुनीश अवस्थी, हरप्रीत सिंह जग्गी, वाई.के. परिहार, सचिन अग्रवाल व शिक्षाविद् जे.एल.रैना कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

   सभी अतिथियों  और ट्रस्ट के चेयरमैन मेघ राज अरोड़ा व वरिष्ठ संरक्षक स्वरूप नारायण पिशन  का स्वागत  डॉ. त्रिपाठी, डॉ. आर्या, डॉ. खत्री, एस.के.नन्दा, विनोद शर्मा, सीमा शर्मा, महेंद्र खंडेलवाल, संजीव बरनवाल व बालकृष्ण कुकरेजा ने स्मृति चिन्ह व ममता की छांव सेवा ट्रस्ट का बैग व पटका पहनाकर सम्मानित किया। 

   महिला अतिथि प्रतिभा सिंघल और महिला पत्रकार सविता शर्मा  और आर. पी. एकाडमी की प्रिंसिपल अरुणा शर्मा को ट्रस्ट और स्कूल के पदाधिकारियों और सदस्यों मंजू त्रिपाठी, सुधा रानी, कीर्ति नन्दा, सुधा खण्डेलवाल,रानी ममता, मंजू मल्होत्रा, अर्चना शर्मा, प्रीती कुकरेजा द्वारा सम्मानित किया गया।

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एस.के.नन्दा ने ट्रस्ट का  परिचय, ट्रस्ट और समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों का विवरण दिया। इस कार्यक्रम में  ट्रस्ट के चेयरमैन मेघराज अरोड़ा और कोषाध्यक्ष डॉ. एम. एल. त्रिपाठी को शाॅल और माला पहनाकर सम्मानित किया।

यशोदा मेडिसिटी के हॉल में कायस्थ समाज के लोगों को मिला यशोद मेडसिटी का स्वास्थ उपहार




गाजियाबाद चित्रगुप्त सभा , चित्रांश चैंबर ऑफ कॉमर्स और यशोदा मेडिसिटी की एक नई पहल

"कायस्थ स्वास्थ्य संवाद" में यशोदा मेडिसिटी के विशेषज्ञों ने खोले जीवन रक्षा के नए आयाम

                                मुकेश गुप्ता

गाज़ियाबाद । यशोदा मेडिसिटी इंदिरापुरम के सभागार में स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक सहभागिता का अनोखा संगम तब देखने को मिला जब चित्रांश चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं गाज़ियाबाद चित्रगुप्त महासभा के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यशोदा मेडिसिटी के विभिन्न विभागों का अवलोकन कर उपस्थित जनसमूह ने आधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी, उपचार प्रक्रियाओं और अस्पताल की विशेषज्ञ सेवाओं का प्रत्यक्ष अनुभव भी प्राप्त किया।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ. संजीव सिन्हा, चीफ रेवेन्यू ऑफिसर, नगर निगम गाज़ियाबाद तथा यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ. पी.एन. अरोड़ा एवं सी.ओ.ओ. डॉ. सुनील डागर के पुष्पगुच्छ स्वागत के साथ हुई। मुख्य संयोजक अनुरंजन श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए मंच को गरिमा प्रदान की। अपने प्रेरक उद्बोधन में डॉ. अरोड़ा ने आश्वस्त किया कि अस्पताल सदैव समाज के लिए सहायता, उपचार और करुणा से भरी सेवाएँ प्रदान करता रहेगा। उन्होंने यशोदा मेडिसिटी की अत्याधुनिक तकनीक, विशेषज्ञ डॉक्टरों और विशेष सुविधाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि “रोगी के प्रति संवेदना ही हमारी असली पहचान है।” मुख्य अतिथि डॉ. संजीव सिन्हा ने चित्रांश समाज और यशोदा मेडिसिटी दोनों को इस पहल के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में स्वास्थ्य जागरूकता का प्रसार होता है और आपसी विश्वास मज़बूत होता है। संयोजक अनुरंजन श्रीवास्तव ने मेडिसिटी की टीम और डॉक्टरों के समर्पण की सराहना की। धन्यवाद प्रस्ताव कार्यक्रम संयोजक विवेक श्रीवास्तव विक्कू ने दिया। अस्पताल की ओर से वरिष्ठ चिकित्सकों डॉ. बीनू बाजपेई (बाल रोग विशेषज्ञ), डॉ. अंकित भाटिया (श्वास रोग विशेषज्ञ), डॉ. रचित सक्सेना (हार्ट सर्जन), डॉ. धीरेन्द्र सिंघानिया (हृदय रोग विशेषज्ञ), डॉ. वैभव सक्सेना (मूत्र रोग विशेषज्ञ), डॉ. रश्मि शुक्ला (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) आदि ने अपने-अपने विषयों पर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी साझा की। उपस्थित जनसमूह ने प्रश्न–उत्तर सत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे कार्यक्रम और भी संवादात्मक और सारगर्भित बन गया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. सुनील डागर ने कार्यक्रम संयोजकों एवं मंच संचालक सुयश को पौधे भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही, यशोदा मेडिसिटी द्वारा समस्त कायस्थ परिवार को विशेष डिस्काउंट कार्ड प्रदान करने की घोषणा ने उपस्थित लोगों में प्रसन्नता और आत्मीयता का संचार किया। यह आयोजन केवल स्वास्थ्य जागरूकता का मंच ही नहीं रहा, बल्कि समाज, संवेदना और चिकित्सा सेवा के त्रिवेणी संगम का प्रेरणादायी उदाहरण भी बन गया, जहाँ उपचार से पहले भरोसा और मानवता की भावना को सर्वोपरि माना गया। इस अवसर पर विकल कुलश्रेष्ठ,

धीरज सहाय, कुलदीप बर्तारिया, पुनीत सक्सेना, राहुल प्रकाश, आनंद श्रीवास्तव, सुनील सक्सेना, सुशील सक्सेना, प्रशांत सिन्हा, विवेक वर्मा, डॉक्टर विवेक   सहित कायस्थ सभा के सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे।

उत्तराखंड देश का सिरमौर :-मनोज धामा









                             मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद ।  लोनी नगर पालिका क्षेत्र के राम पार्क विस्तार के शिव मंदिर प्रांगण मे उत्तरांचल सांस्कृतिक भ्राता समिति के द्वारा बहुत ही भव्य तरीके से उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस का कार्यक्रम बेहद ही धूमधाम से मनाया गया । 

इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनोज धामा मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में पहुंचे तथा संस्था के पदाधिकारीयों द्वारा पालिका अध्यक्ष का फूलमाला पहनकर ढोल नगर के साथ जोरदार स्वागत किया गया

इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनोज धामा जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य जिसको हम सभी लोग देवभूमि के नाम से भी जानते हैं जिसमे अनेकों  तीर्थ स्थल विराजमान है जिनमें गंगोत्री,यमुनोत्री ,केदारनाथ ,बद्रीनाथ ,मुक्तेश्वर,हरिद्वार ,योगनगरी ऋषिकेश ,धारी देवी,गोलू देवता आदि तीर्थ स्थल विराजमान है जिनके दर्शन करने के लिये लाखों करोड़ों जनमानसों का समूह प्रतिवर्ष वहां पर जाता है ।

हम सभी भारतवासियों के लिए देवभूमि बहुत ही पावन स्थल है तथा वहां के लोग वहां की संस्कृति विश्व भर में एक अलग ही अनमोल स्थान रखती है ये हम सभी लोनीवासियों का बहुत ही सौभाग्य है की उत्तराखंड के लोग हमारी लोनी नगर पालिका क्षेत्र में भी निवास करते हैं जिससे हम सभी को वहां की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिलता है वहां का कल्चर एक अलग ही उमंग वह शांति का प्रतीक है देवभूमि का भोजन भी विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है वहां का अतिथि संस्कार का तो कहना ही क्या है । 

इस अवसर पर छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति की झलक पेश करते हुए बहुत ही सुंदर कलाकृति का प्रदर्शन किया तथा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा बच्चों को मेडल पहनाकर व ट्राफी देकर सम्मानित किया गया । 

कार्यक्रम के समापन पर समिति के पदाधिकारीयों के द्वारा मनोज धामा का स्मृति चिन्ह देकर पटका व पारंपरिक टोपी पहनकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर अध्यक्ष जयेन्द्र नेगी,उपाध्यक्ष श्री ठाकुर सिंह राणा ,महासचिव यशपाल नेगी,राजेंद्र सिंह रावत ,शंकर सिंह बिस्ट ,संतोष चौहान,देवेंद्र नेगी,हरेंद्र पटवाल,मोहन सिंह बिष्ट,तोताराम भंडारी, कपिल मलिक सहित हजारों संख्या में महिला व पुरुष उपस्थित रहे ।

शनिवार, 15 नवंबर 2025

एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी में "विश्व मधुमेह दिवस" पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन फार्मास्युटिकल साइंसेज स्कूल द्वारा जागरूकता एवं स्वास्थ्य संवर्धन की अनूठी पहल

 




                           मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद ।  एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज द्वारा "विश्व मधुमेह दिवस" (World Diabetes Day) के अवसर पर 14 नवम्बर 2025 को एक विशेषज्ञ व्याख्यान (Expert Talk) का सफल आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों और समाज में मधुमेह रोग के प्रति जागरूकता फैलाना, इसके रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डालना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व को समझाना था।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित थे डॉ. अंकित अरोड़ा, सहायक प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी विभाग, वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली। उन्होंने मधुमेह के कारणों, लक्षणों, उपचार विधियों और आधुनिक चिकित्सा में फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनका व्याख्यान अत्यंत प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रहा, जिसने विद्यार्थियों में चिकित्सा विज्ञान और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों के प्रति नई चेतना जगाई।

इस कार्यक्रम की शोभा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ नेतृत्व की उपस्थिति से और बढ़ गई। माननीय चांसलर श्री महेन्दर अग्रवाल, माननीय वाइस चेयरमैन श्री अखिल अग्रवाल, प्रो-चांसलर श्री नितिन अग्रवाल, प्रो-चांसलर (प्रशासन) श्री पीयूष श्रीवास्तव, प्रो-चांसलर (अकादमिक) श्री विमल कुमार शर्मा, माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रसेनजीत कुमार, तथा रजिस्ट्रार डॉ. राजीव रतन जैसे विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को विशेष महत्व प्रदान किया। उनकी सहभागिता ने यह सिद्ध किया कि एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी पूरी निष्ठा से निभा रही है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन समारोह से हुआ, जो ज्ञान, सत्य और नवाचार का प्रतीक है। इसके उपरांत प्रो. (डॉ.) शालिनी शर्मा, निदेशक, स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, ने सभी गणमान्य अतिथियों, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों का स्वागत किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने विश्व मधुमेह दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह दिवस हर वर्ष 14 नवम्बर को मनाया जाता है, जो सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन की स्मृति में मनाया जाता है वही वैज्ञानिक जिन्होंने इंसुलिन की खोज की थी। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें इस तथ्य की याद दिलाता है कि मधुमेह अब एक वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है और इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए शिक्षा, जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अत्यंत आवश्यक है।

डॉ. शर्मा ने वर्ष 2025 की थीम "डायबिटीज एंड वेलबीइंग" (मधुमेह और कल्याण) का परिचय कराया और बताया कि मधुमेह का प्रबंधन केवल दवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक संतुलन का भी उतना ही महत्व है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव नियंत्रण, और सकारात्मक सोच को अपनाकर न केवल मधुमेह बल्कि अनेक जीवनशैली-जनित रोगों से बचा जा सकता है।

इसके बाद रजिस्ट्रार डॉ. राजीव रतन ने प्रेरणादायक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों की सक्रिय भागीदारी विश्वविद्यालय की सशक्त शैक्षणिक संस्कृति को दर्शाती है। डॉ. रतन ने इस बात पर बल दिया कि आज के समय में फार्मासिस्ट केवल दवाओं के प्रदायक नहीं, बल्कि समाज के सच्चे स्वास्थ्य सलाहकार हैं। वे रोगियों को न केवल सही औषधि उपयोग के लिए मार्गदर्शन करते हैं, बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे समाज में स्वास्थ्य जागरूकता के दूत बनें और अपने पेशेवर ज्ञान को सामाजिक कल्याण के साथ जोड़ें।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा डॉ. अंकित अरोड़ा का विस्तृत और सारगर्भित व्याख्यान। उन्होंने मधुमेह को एक दीर्घकालिक मेटाबोलिक विकार के रूप में समझाते हुए बताया कि यह रोग इंसुलिन की कमी या इंसुलिन के प्रति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के कारण उत्पन्न होता है, जिससे रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। उन्होंने टाइप-1, टाइप-2, गर्भावधि (Gestational) और द्वितीयक (Secondary Diabetes) जैसे विभिन्न प्रकारों का वैज्ञानिक विवरण प्रस्तुत किया और इनके कारण, जोखिम कारक और दीर्घकालिक जटिलताओं पर विस्तार से चर्चा की।

डॉ. अरोड़ा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत आज "डायबिटीज़ कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड" के रूप में उभर रहा है। उन्होंने युवाओं को चेताया कि बदलती जीवनशैली, असंतुलित आहार, और शारीरिक निष्क्रियता इस रोग के प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में इस विषय पर जागरूकता फैलाना समय की मांग है ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ जीवन जी सके।

उन्होंने मधुमेह के औषधीय (Pharmacological) और गैर-औषधीय (Non-Pharmacological) उपचारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इंसुलिन एनालॉग्स, सल्फोनाइल यूरियाज, बिगुआनाइड्स, थायाजोलिडीनडायोन्स, DPP-4 इनहिबिटर्स तथा SGLT-2 इनहिबिटर्स जैसी औषधियों की कार्यविधि, उपयोगिता और दुष्प्रभावों को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह

दी कि वे नवीनतम चिकित्सा अनुसंधानों से स्वयं को अद्यतन रखें और रोगी केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाएं।

डॉ. अरोड़ा ने मधुमेह से जुड़ी मनोवैज्ञानिक चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मधुमेह जैसे दीर्घकालिक रोग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि मधुमेह रोगियों में तनाव, चिंता और अवसाद आम समस्याएं हैं, जो उपचार की प्रभावशीलता को घटा सकती हैं। इसलिए रोगी की समग्र देखभाल में परिवार, चिकित्सक, परामर्शदाता और समाज सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है।

व्याख्यान के अंत में आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र में विद्यार्थियों ने अनेक जिज्ञासापूर्ण प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर डॉ. अरोड़ा ने वैज्ञानिक तथ्यों के साथ अत्यंत सरल और स्पष्ट रूप में दिया। विद्यार्थियों ने नई दवाओं, इंसुलिन डिलीवरी तकनीकों और मधुमेह अनुसंधान के नवीन क्षेत्रों के बारे में विशेष रुचि दिखाई।

 कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रसेनजीत कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि फार्मास्युटिकल साइंसेज स्कूल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत वह शैक्षणिक उत्कृष्टता और सामाजिक उत्तरदायित्व दोनों को समान महत्व देता है। उन्होंने विभाग के शिक्षकों और छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुभव से जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं और उन्हें भविष्य के संवेदनशील एवं नवोन्मेषी स्वास्थ्य पेशेवर बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर डॉ. बबीता अग्रवाल, डॉ. जसप्रीत कौर, नेहा रावत, अंकुर श्रीवास्तव स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज द्वारा किया गया। समापन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन सुश्री पलक हिंडवाल, सहायक प्रोफेसर द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने मुख्य अतिथि, विश्वविद्यालय प्रशासन, आयोजन समिति और छात्रों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन इस भावना के साथ हुआ कि "विश्व मधुमेह दिवस 2025' केवल एक शैक्षणिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान है, जिसने छात्रों में जागरूकता, सहानुभूति और समाज के प्रति दायित्व का भाव जगाया। इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी अपने विद्यार्थियों को केवल शिक्षा ही नहीं देती, बल्कि उन्हें मानवता की सेवा के प्रति समर्पित, संवेदनशील और सशक्त नागरिक बनाती है।

आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने किया सनातन हिन्दू एकता यात्रा का शंखनाद, सनातन की यात्रा जिओ और जीने दो की यात्रा, जिन्दा रहो और जिंदा रहने दो की यात्रा--स्वामी चिदानन्द सरस्वती






 💥सनातन हिन्दू एकता नौ दिवसीय पद यात्रा

✨पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती का पावन सान्निध्य और उद्बोधन

 *🌺हिन्दुत्व के जागरण की दिव्य यात्रा

✨सनातन की गौरव-गरिमा एवं राष्ट्रोदय का मंत्र के साथ वृंदावन पहुंची सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा

✨इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी  ज्ञानानंद , बद्रीनाथ वाले परवाणी बाबा महाराज, पुण्डरीक गोस्वामी जी, सुश्री जया किशोरी जी तथा वृंदावन, ब्रजभूमि की अनेक प्रतिष्ठित विभूतियों ने सहभाग किया

💐सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा पुनर्जागरण की यात्रा

🌻सनातन की यात्रा सब की यात्रा, सब को साथ लेकर चलने की यात्रा

वृंदावन, ऋषिकेश, 15 नवम्बर। भारत की सभ्यता का मूलाधार सनातन धर्म आज भारतीय संस्कृति का प्रकाशस्तंभ है। यह समस्त मानवता के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति है। विश्व जिस समय मूल्य संकट, पर्यावरणीय खतरे, मानसिक तनाव और सामाजिक विघटन का सामना कर रहा है, ऐसे समय में सनातन की शिक्षाएँ, कर्तव्य, करुणा, समरसता, अध्यात्म और वसुधैव कुटुम्बकम् एक बार फिर संपूर्ण धरती के लिए आशा का अवलंब हैं।

सनातन हिन्दू एकता यात्रा के माध्यम से भारत के इस आध्यात्मिक पुनर्जागरण के साथ-साथ देश में राष्ट्रचेतना, सांस्कृतिक पहचान और गौरव की भावना अभूतपूर्व रूप से प्रखर हो रही है। यह वही चिरंतन भावना है जिसने हजारों वर्षों तक हमारी सभ्यता को सुरक्षित रखा, और जिसने हमें आक्रांताओं, चुनौतियों और विघटन के युगों में भी अडिग बनाए रखा।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सनातन हिन्दू एकता यात्रा किसे से बदला लेने की नहीं बल्कि बदलाव की यात्रा है, यह किसी विरोध की नहीं बल्कि सहयोगी की यात्रा है। 

स्वामी जी ने कहा कि भारत के यशस्वी, तपस्वी, ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं है बल्कि भाव के साथ खड़े रहने की आवश्यकता है। 

स्वामी जी ने कहा कि ये ब्लास्ट भारत को स्वीकार नहीं है। ऐसे में भारत ज्यादा समय तक शान्त नहीं रह सकता। भारत में सदैव था, है, और रहेगा। भारत ने सब को टिका रखा है और टिका रखेगा और भारत भी मजबूत होकर खड़ा रहेगा। ये मोदी जी व योगी जी का युग है जहां सब समान और सब का सम्मान है।

स्वामी जी ने कहा कि ये नौ दिनों की यात्रा कुछ नया घड़ने की यात्रा है, कुछ नया करने की यात्रा है, यह किसी पर थोपने व किसी को रोकने की यात्रा नहीं है बल्कि कुछ नया सोचने की यात्रा है, अब समय आ गया है कि कुछ नये ढंग से सोचे। ये सनातन की यात्रा है जो सदा चलती रही और सदा चलते रहेगी। यह न तो थकने की यात्रा है और न ही रूकने की यात्रा है। न टूटने की यात्रा है और न ही तोड़ने की यात्रा है बल्कि यह तो जोड़ने की यात्रा है।

आज का भारत वैभव, विज्ञान, अध्यात्म और राष्ट्रीय स्वाभिमान, इन चार स्तंभों पर अपने नवोदय की यात्रा तय कर रहा है। यह यात्रा केवल आर्थिक और तकनीकी प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अपने मूल स्रोतों, सनातन संस्कृति, भारतीय ज्ञान परंपरा, और धर्माधारित राष्ट्रचेतना की ओर एक पूर्ण, चिरस्थायी और गौरवपूर्ण रूप से लौटने की है।

सनातन, जाति, संप्रदाय या मत नहीं, बल्कि जीवन का समग्र दर्शन है एक ऐसा मार्ग जो धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश सभी का सम्मान करता है। यह वही परंपरा है जिसने हमें ऋषियों की ज्ञानधारा, शास्त्रों की प्रकाशमान दृष्टि और योग-ध्यान जैसी वैश्विक अमृत-विद्याएँ प्रदान कीं।

आज विश्वभर में योग, आयुर्वेद, ध्यान, गीता-ज्ञान, उपनिषदों का विमर्श और भारत की अध्यात्म-प्रधान जीवनदृष्टि जिस तीव्रता से स्वीकार की जा रही है, वह स्पष्ट संकेत है कि सनातन का उदय विश्वकल्याण का उदय है।

स्वामी जी ने कहा कि भारत, राष्ट्र नहीं, एक आध्यात्मिक चेतना है। भारत हमेशा से केवल एक भूभाग नहीं बल्कि यह एक जीवित राष्ट्रपुरुष, एक सांस्कृतिक चेतना है। एक जमीन का एक टुकडा नहीं बल्कि शान्ति की भूमि है।

यह चेतना जन-जन को जोड़ती है और विविधता को संघर्ष नहीं बल्कि उत्सव मानती है। भारत की यह राष्ट्रभावना “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” आज के युवाओं में नए उत्साह के साथ जाग्रत हो रही है। विश्वव्यापी मंचों पर भारत की प्रतिष्ठा, वैश्विक नीतियों में भारत की निर्णायक भूमिका, और सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्प्रतिष्ठा इसी राष्ट्रोदय का संकेत है। सनातन धर्म और भारत का राष्ट्रधर्म अलग-अलग नहीं, एक ही अखंड आध्यात्मिक परंपरा के दो स्वरूप हैं।

सनातन हमें आत्मा, करुणा, सत्य और कर्तव्य की शिक्षा देता है। राष्ट्रधर्म हमें संगठन, स्वाभिमान, अनुशासन और मातृभूमि-सेवा का मार्ग दिखाता है। जब ये दोनों एक साथ प्रवाहित होते हैं, तभी एक राष्ट्र सशक्त भी होता है, सभ्य, प्रगतिशील, पुण्यशील भी होता है।

स्वामी जी ने कहा कि जो अपने मूल से जुड़ा है, वही विश्व में सर्वश्रेष्ठ बन सकता है। एक समय था जब भारतीय संस्कृति को उपेक्षित करने का प्रयास हुआ, अब समय ऐसा है जब विश्व इसे सम्मानपूर्वक अपनाता है। यह परिवर्तन केवल नीतियों का नहीं, बल्कि जन-जन की जाग्रत चेतना का परिणाम है।

भारत पुनर्जागरण के स्वर्णिम युग में प्रवेश कर चुका है और यह सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा, शक्ति और सद्गुणों का मार्ग बनेगी।

जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ‘वार्षिक कक्षा प्रस्तुति’





                                  मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद । जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल, इंदिरापुरम में आज शनिवार 15नवंबर को Folk Tales – Flames of Wisdom विषय पर भव्य वार्षिक कक्षा प्रस्तुति का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन  जे. के. गौड़, डायरेक्टर  वरुण गौड़ एवं प्रधानाचार्या श्रीमती निधि गौड़ ने सभी अभिभावकों का हार्दिक स्वागत किया और अपने प्रेरक शब्दों से छात्रों का उत्साहवर्धन किया। इस वार्षिक प्रस्तुति में कक्षा 3, 4 और 5 के विद्यार्थियों ने दो शिफ्टों में अपनी सृजनात्मकता और सीख को उत्साहपूर्वक प्रस्तुत किया। प्रथम शिफ्ट प्रातः 9:30 से 11:30 बजे तक तथा द्वितीय शिफ्ट अपराह्न 1:00 से 3:00 बजे तक संपन्न हुई। छात्रों ने तेनाली रामन और अकबर–बीरबल की रोचक कथाओं पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दी, जिसकी कथावाचन शैली को विक्रम और बेताल ने जीवंत बना दिया। इसके साथ ही मनमोहक नृत्य, सुरम्य संगीत तथा ऊर्जावान योग प्रस्तुति ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम ने न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि भारतीय लोककथाओं की ज्ञानवर्धक परंपरा को भी सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। प्रधानाचार्या श्रीमती निधि गौड़ ने सभी अभिभावकों का हृदय से आभार व्यक्त किया। 

इस अवसर को और विशेष बनाया सपल एजुकेशन सेंटर, म्यांमार की वर्चुअल सहभागिता ने। उनके प्रोत्साहन भरे संदेशों ने बच्चों का उत्साह बढ़ाया और उनके प्रयासों की सराहना की। इस अंतरराष्ट्रीय सहभागिता ने विद्यार्थियों में वैश्विक एकता और आत्मविश्वास की भावना को और सुदृढ़ किया। विद्यालय में आयोजित यह वार्षिक कक्षा प्रस्तुति बच्चों के लिए रचनात्मकता और ज्ञान को अभिव्यक्त करने का एक उत्कृष्ट मंच सिद्ध हुई। शिक्षकों और अभिभावकों ने विद्यार्थियों की प्रतिभा, आत्मविश्वास और सीखने के आनंदपूर्ण वातावरण की सराहना की। यह कार्यक्रम विद्यालय की उस प्रतिबद्धता को पुनः सशक्त करता है, जिसके तहत विद्यालय अपने विद्यार्थियों के समग्र विकास, रचनात्मक सोच, ज्ञान-विस्तार और वैश्विक दृष्टिकोण को निरंतर प्रोत्साहित करता है।



शुक्रवार, 14 नवंबर 2025

हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदुजा का निधन गोपीचंद पी. हिंदुजा जी का निधन एक युग का अंत, हिंदुजा परिवार का परमार्थ निकेतन आगमन, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी से भेंटकर लिया आशीर्वाद विशेष शांति पूजा कर अर्पित की भावभीनी श्रद्धाजंलि

 






ऋषिकेश, 14 नवम्बर। विश्वप्रसिद्ध उद्योगपति और समाजसेवी हिंदुजा परिवार का परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आगमन हुआ। हिंदुजा ग्रुप के वरिष्ठ सदस्यों ने पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज से भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। हिंदुजा परिवार ने मां गंगा तट पर श्री गोपीचंद पी. हिंदुजा जी की आत्मा की शान्ति हेतु विशेष शांति पूजा की। हिंदुजा परिवार, भारतीय संस्कृति, धर्म और सामाजिक सेवा से सदैव हृदय से जुड़ा रहा। 

विश्वप्रसिद्ध उद्योगपति और हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदुजा जी का लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया था। वे 85 वर्ष के थे। उनके निधन से वैश्विक उद्योग जगत, भारतीय आर्थिक समुदाय और दुनिया भर में फैले हिंदुजा समूह के हितधारकों के बीच गहरा शोक व्याप्त है। वे हिंदुजा परिवार के चार भाइयों में दूसरे थे। सबसे बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा का 2023 में निधन हो गया था। परिवार के अन्य दो भाई प्रकाश हिंदुजा जी और अशोक हिंदुजा जी समूह के विभिन्न क्षेत्रों का नेतृत्व कर रहे हैं।

व्यवसाय जगत में ‘जीपी’ के नाम से विख्यात गोपीचंद हिंदुजा ने वर्ष 1950 में पारिवारिक व्यापार में प्रवेश किया। उस समय हिंदुजा परिवार का व्यवसाय मुख्य रूप से भारत और मध्य, पूर्व के बीच व्यापारिक गतिविधियों तक सीमित था, परंतु गोपीचंद हिंदुजाजी की दूरदर्शिता, वैश्विक दृष्टिकोण और नेतृत्व ने कंपनी को अगले कई दशकों में एक विशाल बहुराष्ट्रीय समूह के रूप में विकसित किया। आज हिंदुजा ग्रुप 100 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।

एक सशक्त शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले गोपीचंद हिंदुजा ने मुंबई स्थित जय हिंद कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उद्योग, सेवा और वैश्विक योगदान के लिए उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर और रिचमंड कॉलेज द्वारा मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया था। अपने जीवनकाल में उन्होंने न केवल व्यापार का विस्तार किया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मानवीय कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हिंदुजा ग्रुप वर्तमान में ग्यारह प्रमुख क्षेत्रों में कार्यरत है, जिनमें ऑटोमोबाइल, बैंकिंग एवं वित्त, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, रियल एस्टेट, ऊर्जा एवं पावर, मीडिया एवं एंटरटेनमेंट सहित कई प्रमुख सेक्टर शामिल हैं।

समूह की सबसे चर्चित कंपनियों में अशोक लेलैंड, इंडसइंड बैंक आदि प्रमुख हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुजा परिवार की प्रभावशाली उपस्थिति का प्रमाण हाल ही में जारी 2025 संडे टाइम्स रिच लिस्ट भी है, जिसमें गोपीचंद हिंदुजा जी के परिवार को 32.3 बिलियन पाउंड की कुल संपत्ति के साथ यूके का सबसे धनी परिवार घोषित किया गया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि  गोपीचंद, प्रकाश ने परिवार को एक मंत्र दिया सब कुछ सबका है और कुछ भी किसी एक का नहीं। उन्होंने पूरे परिवार को आपस में जोड़े रखा।

 गोपीचंद हिंदुजा अपने सादगीपूर्ण व्यक्तित्व, मेहनत, दृढ़ संकल्प के धनी थे। उन्होंने हमेशा यह विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय मूल्य, व्यवस्था, वैश्विक व्यापार और मानवीय संवेदना साथ-साथ चल सकती हैं। वे एक दूरदर्शी लीडर थे। 

स्वामी जी ने कहा कि हमारे प्रिय जीपी का निधन एक अपूर्णीय क्षति है। वे प्रेरणा, अनुशासन और सेवा भाव के प्रतीक थे। गोपीचंद पी. हिंदुजा जी परिवार प्रधान परंपरा, वैश्विक व्यापारिक विस्तार, और भारतीय मूल्यों को विश्व, पटल पर स्थापित करने वाले अद्भुत व्यक्तित्वों में से एक थे, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि व्यापार केवल लाभ का साधन नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का माध्यम भी है। उनका निधन एक युग के अंत जैसा है, किंतु उनके द्वारा स्थापित सिद्धांत, नेतृत्व, दृष्टि और मूल्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

हिंदुजा परिवार ने परमार्थ निकेतन प्रागंण में एक विशाल भंडारा का आयोजन किया। जिसमें साधु-संतों, निराश्रितों को भोजन कराया। मां गंगा के पावन तट पर विशेष शान्ति पूजा की।

हिंदुजा परिवार में कहा कि परमार्थ निकेतन में आकर ऐसा लगता है जैसे हम अपने वास्तविक घर लौट आए हों। यहाँ की शांति, भक्ति और सेवाभाव जीवन को भीतर से स्पर्श करते हैं।

हिंदुजा परिवार का शान्तिपूजा हेतु गंगा तट पर आगमन इस बात का प्रतीक है कि चाहे व्यक्ति कितना भी सफल या व्यस्त क्यों न हो जाए, जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता सदैव बनी रहती है। व्यापार और अध्यात्म जब एक साथ आगे बढ़ते हैं, तब समाज में समृद्धि, संतुलन और सौहार्द बढ़ता है।

हिंदुजा परिवार के  अशोक हिंदुजा,  संजय हिंदुजा,  धीरज हिंदुजा,  अजय हिंदुजा, रीटा छावरिया, शालिनी हिंदुजा, सत्या हिंदुजा एवं अन्य सदस्य गणों ने सहभाग किया।

गुरुवार, 13 नवंबर 2025

जीडीए, नगर निगम संयुक्त रूप से शहर हित में करेंगे कार्य, अधिकारियों ने बनाई योजना चार प्रमुख क्षेत्र के हैंडोवर हेतु जीडीए वीसी तथा नगर आयुक्त के बीच हुई चर्चा





मुकेश गुप्ता

  गाजियाबाद । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण तथा गाजियाबाद नगर निगम अधिकारियों के बीच शहर हित के कार्यों को लेकर बैठक हुई, नंदकिशोर कलाल जीडीएवीसी तथा विक्रमादित्य सिंह मलिक नगर आयुक्त गाजियाबाद की अध्यक्षता में जी डी ए तथा निगम अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई जिसमें विशेष रूप से चार प्रमुख योजनाओं करपुरीपुरम गोविंदपुरम, स्वर्ण जयंतीपुरम गोविंदपुरम, भवराव देशराज योजना, राज नगर एक्सटेंशन मैन रोड प्रमुख सेंट्रल वर्ज को हैंडोवर लेने के लिए भी चर्चा हुई जिसका एस्टीमेट बनाने तथा वर्तमान में स्थिति के लिए गाजियाबाद नगर निगम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अधिकारी संयुक्त रूप से निरीक्षण करेंगे, बैठक में गाजियाबाद नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार, मुख्य अभियंता निर्माण नरेंद्र कुमार चौधरी, प्रभारी उद्यान डॉक्टर अनुज, महाप्रबंधक जल कामाख्या प्रसाद आनंद, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश, तथा मुख्य कर निर्धारण अधिकारी उपस्थित रहे इसके अलावा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से मुख्य अभियंता आलोक रंजन, अधिशासी अभियंता योगेश व राजीव, सहायक अभियंता सुधीर, ट्रांस हिंडन के सहायक अभियंता अवतार रॉयल उपस्थित रहे जिनके बीच शहर हित में कार्य करने की योजना बनाई गई प्रमुख बिंदुओं पर  चर्चा भी हुईl


इंदिरापुरम की सीवर समस्या के समाधान के लिए गाजियाबाद नगर निगम द्वारा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से नेटवर्क मॉडल की मांग की गई जिस पर तत्काल जीडीएवीसी द्वारा अधिकारियों को सीवर लाइन प्लान साझा करने की निर्देश दिए गए, इंदिरापुरम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 8000 स्क्वायर मीटर भूमि एक सप्ताह में नगर निगम को सौंपने के लिए भी निर्देश दिए गए, नगर आयुक्त गाजियाबाद द्वारा इंदिरापुरम के ड्रोन सर्वे, टैक्स संबंधित डाटा उपलब्ध कराने के लिए भी अपना विषय रखा जिस पर जीडीए अधिकारियों को तत्काल कार्य करने के लिए जीडीएवीसी द्वारा निर्देशित किया गया l नगर आयुक्त तथा जीडीए वीसी के मध्य अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा हुई जिसमें सकारात्मक रूप से जनहित के लिए तेजी से निर्णय लिए जाएंगे चर्चा हुई जिसमें आरडीसी में जाम की समस्या को समाप्त करने के लिए योजना बनाई गई, शहर की प्रमुख चार योजनाओं के हैंडोवर के लिए भी चर्चा हुई जिसमें करपुरीपुरम, स्वर्ण जयंतीपुरम राज नगर एक्सटेंशन मैन रोड सेंट्रल वर्ज, प्रताप विहार भवराव देशराज योजना पर भी विचार विमर्श करते हुए निगम तथा जीडीए के अधिकारियों को संयुक्त रूप से निरीक्षण करते हुए एस्टीमेट तथा वर्तमान स्थिति 10 दिन के भीतर प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया l

गाजियाबाद नगर निगम तथा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा कुशल नेतृत्व में जनहित के लिए बेहतर योजना बनाई जा रही है जिसके क्रम में आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक तथा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष नंदकिशोर कलाल के द्वारा शहर में तीव्रता से बेहतर कार्य किए जाएंगे जिस शहर वासियों को लाभ मिलेगा, योजना बनाकर कार्यवाही अधिकारियों द्वारा भी प्रारंभ कर दी गई है 10 दिन में और अधिक सफलता के साथ निगम तथा जी डी ए कई महत्वपूर्ण निर्णय को धरातल पर पेश करेगाl

मुबंई में 47वें जमनालाल बजाज पुरस्कार 2025, गांधीवादी ‘योद्धाओं’ के सम्मान हेतु समर्पित, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख, परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज को मुख्य अतिथि के रूप में विशेष रूप से आंमत्रितकिया

 



🌸जमनालाल बजाज फाउंडेशन, मुंबई द्वारा आयोजित*

मुंबई, ऋषिकेश, 13 नवम्बर। गांधीवादी मूल्यों, सेवा और मानवीय समर्पण को समर्पित प्रतिष्ठित 47वें जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह का भव्य आयोजन मुंबई में किया गया। इस वर्ष के समारोह में परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख, परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज को मुख्य अतिथि के रूप में विशेष रूप से आमंत्रित किया।

जमनालाल बजाज फाउंडेशन द्वारा यह पुरस्कार हर वर्ष उन व्यक्तित्वों को प्रदान किए जाते हैं जिन्होंने महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलते हुए समाज और राष्ट्र के निर्माण में निःस्वार्थ योगदान दिया है। इस आयोजन का उद्देश्य जमनालाल बजाज जी की परोपकारी दृष्टि और गांधीवादी दर्शन को जन-जन तक पहुँचाना तथा ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवीय मूल्यों के प्रसार को प्रोत्साहित करना है।

स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा, सेवा ही सच्ची साधना है। जो अपने जीवन को दूसरों के उत्थान के लिए समर्पित करते हैं, वही सच्चे गांधीवादी है। आज जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया है, वे केवल पुरस्कार के नहीं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा के पात्र हैं। इनका जीवन यह संदेश देता है कि करुणा, स्वच्छता, सादगी और सेवा से ही सशक्त भारत का निर्माण सम्भव है।

स्वामी जी ने कहा कि जब देश ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब हमें गांधीजी के मूल्यों को केवल स्मरण नहीं, बल्कि अपने जीवन में आत्मसात करना होगा। “गांधीजी ने जो स्वराज्य की बात कही थी, वह केवल राजनीतिक नहीं थी बल्कि वह आत्मनिर्भरता, स्वच्छता और नैतिकता की जीवनशैली है।

जमनालाल बजाज फाउंडेशन ने इस अवसर पर चार प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए, जो समाज में मौन क्रांति लाने वाले सच्चे कर्मयोगियों को समर्पित हैं।

ग्रामीण भारत में रचनात्मक कार्य हेतु पुरस्कार, उन व्यक्तियों को जो ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता सुधारने, टिकाऊ आजीविका, शिक्षा, जल-संरक्षण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

ग्रामीण विकास हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग हेतु पुरस्कार, उन वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों को, जिन्होंने ग्रामीण भारत में विज्ञान को जन-कल्याण का माध्यम बनाया।

महिलाओं और बाल कल्याण के विकास हेतु पुरस्कार, उन महिला समाजसेविकाओं को जिन्होंने समाज में महिलाओं और बच्चों के अधिकार, शिक्षा और सशक्तिकरण को नई दिशा दी।

भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों के प्रचार हेतु अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, किसी विदेशी नागरिक को प्रदान किया जाने वाला यह सम्मान वैश्विक स्तर पर गांधीजी की विचारधारा को सशक्त करता है।

जमनालाल बजाज जी, जो महात्मा गांधी के ‘पाँचवें पुत्र’ के रूप में प्रसिद्ध थे, ने जीवनभर भारतीय उद्योग, समाज और राष्ट्रीय आंदोलन में सत्य, अहिंसा और सेवा के मूल्यों को जीवित रखा। उनकी प्रेरणा से आज भी अनगिनत लोग सामाजिक परिवर्तन के लिए कार्यरत हैं।

फाउंडेशन के अध्यक्ष और अतिथियों ने कहा कि यह पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को दिशा देने वाला दीपक है। इस वर्ष के विजेताओं के कार्य ग्रामीण शिक्षा, जल प्रबंधन, महिला स्वास्थ्य, जैविक खेती, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक नवाचार जैसे विविध क्षेत्रों में किए गए, गांधीजी के ‘सर्वोदय’ के सपने को साकार करने वाले हैं।

पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने सभी पुरस्कार विजेताओं को “भारत के वास्तविक रत्न” बताते हुए कहा जो दूसरों के दर्द को अपना मानकर काम करते हैं, वही सच्चे योगी, सच्चे गांधीवादी और सच्चा देशभक्त है।

स्वामी जी ने आह्वान किया कि वे ‘क्लीन और ग्रीन भारत’, ‘सेहतमंद भारत’ और ‘संवेदनशील भारत’ के निर्माण के लिए संकल्प लें। उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति अपने ग्राम, अपने समाज और अपने कर्मक्षेत्र में निस्वार्थ सेवा का दीप जलाए, तो भारत विश्व का आध्यात्मिक और नैतिक मार्गदर्शक बन सकता है।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आयोजकों ने कहा कि 47 वर्षों की यह यात्रा न केवल पुरस्कार वितरण की कहानी है, बल्कि यह उस सतत परंपरा का प्रतीक है जो मानवता, विनम्रता और राष्ट्रसेवा के मूल्यों को जीवित रखती है।

जमनालाल बजाज पुरस्कार 2025 ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि गांधीजी के सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं कृ चाहे वह ग्रामीण भारत का पुनर्निर्माण हो, महिला सशक्तिकरण हो या वैश्विक शांति का संदेश।

बुधवार, 12 नवंबर 2025

परमार्थ निकेतन में आयोजित दस दिवसीय मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का आज समापन, जहां सेवा है, वहीं साधना है, और जहां साधना है, वहीं सच्चा परमार्थ--स्वामी चिदानन्द सरस्वती

 




भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इग्लैंड, नेपाल सहित अन्य देशों के नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ प्रदान की उत्कृष्ट सेवायें

 अमेरिका से आये वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डा मनोज पटेल, आस्ट्रेलिया डा पूर्णिमा राय, डॉ. योगा, डॉ. विवेक जैन, डॉ. संपथ, डॉ. अश्विनी सुहासराव, डॉ. इरीना, डॉ. साई सुश्रुथा पेरुरी, डॉ. पारुल देसाई, डॉ. सतीश देसाई, डॉ. कलई, डॉ. आनंद चंद्रशेखरन, डॉ. विजयलक्ष्मी वद्रेवी, डॉ. भट्ट, डॉ. नीलिमा गाँधम, डॉ. जया माधुरी, डॉ. मनोज पटेल, डॉ. रोजी आहूजा आदि चिकित्सकों ने परमार्थ निकेतन से ली विदा

🌺एक हजार से अधिक जांच और 264 मोतियाबिंद के सफल आपरेशन

उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश के बिजनौर, शामली, नजीबाबाद, सहारनपुर, दिल्ली, आदि स्थानों से आये रोगियों की निःशुल्क जांच, विजन टेस्टिंग, मोतियाबिंद के आपरेशन, दवाइयां, निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्थायें

 ऋषिकेश । मां गंगा के पावन तट, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के दिव्य सान्निध्य और परमार्थ निकेतन के पवित्र वातावरण में आज दस दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का समापन हुआ जो चिकित्सा सेवाओं के साथ मानवता, करुणा और वैश्विक एकता का अद्भुत संगम है।

इस शिविर में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और नेपाल सहित अनेक देशों से आये वरिष्ठ नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं। शिविर में एक हजार से अधिक रोगियों की नेत्र जांच और 264 मोतियाबिंद ऑपरेशन निःशुल्क सम्पन्न हुए। उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिजनौर, नजीबाबाद, शामली, सहारनपुर आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए मरीजों को निःशुल्क विजन टेस्टिंग, दवाइयां, आवास, भोजन और मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की गई।

अमेरिका से पधारे डा. मनोज पटेल, ऑस्ट्रेलिया से डा. पूर्णिमा राय, डा. योगा, डा. विवेक जैन, डा. संपथ, डा. अश्विनी सुहासराव, डा. इरीना, डा. साई सुश्रुथा पेरुरी, डा. पारुल देसाई, डा. सतीश देसाई, डा. कलई, डा. आनंद चंद्रशेखरन, डा.विजयलक्ष्मी वद्रेवी, डा. भट्ट, डा. नीलिमा गाँधम, डा. जया माधुरी, डा. रोजी आहूजा और कई अन्य विशेषज्ञों ने परमार्थ निकेतन में रहकर यह सेवा यज्ञ संपन्न किया। हरिद्वार के केयर नर्सिंग काॅलेज के विद्यार्थियों ने भी उत्कृष्ट सेवायें प्रदान की।

ऑस्ट्रेलिया से डा. पूर्णिमा राय ने कहा कि मां गंगा के तट पर, पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में सेवा का अवसर मिलना उनके जीवन का सबसे पवित्र और अविस्मरणीय अनुभव हैं। वे विगत 20 वर्षों से लगातार नवम्बर में भारत आकर मां गंगा के पावन तट पर अपनी सेवायें दें रही हैं।

यहां सेवा केवल पेशेवर कर्तव्य नहीं, बल्कि पूजा बन जाती है। हर रोगी की मुस्कान हमारे लिए प्रसाद के समान है। परमार्थ निकेतन का वातावरण, मां गंगा की शीतल लहरें और स्वामी जी की करुणा हमें यह संदेश देती हैं कि चिकित्सा केवल आंखों की नहीं, आत्मा की भी होनी चाहिए।

स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि सेवा ही साधना है। जब हम किसी की दृष्टि लौटाते हैं, तो केवल उसकी आंखें नहीं, उसका विश्वास, उसका भविष्य और उसकी आशा लौटाते हैं। जो व्यक्ति सेवा करता है, वह ईश्वर का कार्य करता है। यही हमारे वेदों व सनातन धर्म का सन्देश है ‘नर सेवा ही नारायण सेवा’।”

स्वामी जी ने कि जिस प्रकार मां गंगा सभी को बिना भेदभाव के जीवन देती हैं, उसी प्रकार सेवा का भाव भी सार्वभौमिक होना चाहिए। उन्होंने कहा आज जब दुनियाभर में स्वार्थ और विभाजन बढ़ रहा है, तब ऐसे शिविर विश्व बंधुत्व और मानव एकता के सशक्त उदाहरण हैं। यहां चिकित्सा के माध्यम से प्रेम, शांति और करुणा का संदेश दिया जा रहा है।

शिविर के दौरान परमार्थ निकेतन के स्वयंसेवक और डॉक्टरों की टीम ने मिलकर सेवा की एक सुंदर श्रृंखला रची जिससे रोगियों को केवल शारीरिक उपचार ही नहीं, बल्कि मनोबल और आत्मविश्वास भी प्राप्त हुआ। 

कई वृद्ध जनों ने ऑपरेशन के बाद भावविभोर होकर कहा कि उन्हें वर्षों बाद स्पष्ट दिखाई देने लगा है। किसी ने कहा, “मां गंगा ने मेरी दृष्टि लौटा दी,” तो किसी ने कहा, “अब मैं अपने पोते का चेहरा साफ देख पा रही हूँ।” ऐसे क्षण शिविर के हर चिकित्सक और सेवा टीम के लिए अमूल्य प्रसाद बन गए।


पूज्य स्वामी जी ने सभी डॉक्टरों, स्वयंसेवकों और सहयोगियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह सेवा शिविर “नेत्रदान” ही नहीं, “आशा व उम्मिद” का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “जब हम किसी को देखने की शक्ति देते हैं, तो हम केवल उसकी दृष्टि नहीं, बल्कि उसकी दिशा भी सुधारते हैं।”

चिकित्सकों ने पूज्य स्वामी जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और कहा कि वे हर वर्ष परमार्थ निकेतन में आकर मां गंगा की गोद में सेवा यज्ञ में भाग लेना चाहेंगे। वे भावविह्वल होकर बोले कि भारत की पवित्र भूमि ने उन्हें केवल सेवा का अवसर नहीं दिया, बल्कि जीवन का गहरा अर्थ भी सिखाया।

इस शिविर में जय, गुरूप्रसाद, अशीष, कुलवंत, प्रेमराज, प्रेम, डा राठी, डा एस पी मिश्रा, करूणा, आध्या, राकेश रोशन, प्रभा गौरव, नर्सिंग केयर कालेज, हरिद्वार के विद्यार्थियों ने अद्भुत योगदान दिया।

शहर विधायक संजीव शर्मा जी ने हाउस टैक्स वृद्धि को लेकर मुख्य मंत्री आदरणीय योगी आदित्य नाथ जी की मुलाक़ात

 

                                मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद । शहर विधायक संजीव शर्मा ने आज मुख्य मन्त्री योगी आदित्य नाथ जी से मिलकर हाउस टैक्स मुददे पर चर्चा करते हुए बेहताशा वृद्धि पर लगाम लगाने का अनुरोध किया.. मुख्यमंत्रीजी का ध्यान क्षेत्र के नागरिकों को प्रभावित करने वाले हाउस टैक्स के जटिल और उच्च दरो संबंधी मामलों की और आकर्षित किया.. जनता को हाउस टैक्स से राहत दिलाने के लिए युक्तिसंगत बनाने और मौजूदा दरो मै संभावित कटौती करने का अनुरोध किया।

 हाउस टैक्स के अलावा  क्षेत्र के त्वरित और समावेशी विकास के मुद्दे, सड़क,बिजली और शिक्षा के विस्तार पर विस्तृत चर्चा हुई!

 मुख्यमंत्री ने  सभी बातों को गंभीरता से सुना और जनहित से जुड़े इन मामलो पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया