शनिवार, 22 नवंबर 2025

भारत सरकार द्वारा चारों श्रम संहिताओं का औपचारिक क्रियान्वयन: श्रमिक कल्याण के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम--सत्येन्द्र सिंह, चेयरमैन – भारतीय औद्योगिक प्रबंधन परिषद (ICIM)


                              मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद । भारतीय औद्योगिक प्रबंधन परिषद (ICIM) भारत सरकार द्वारा चारों श्रम संहिताओं (Four Labour Codes) के आधिकारिक क्रियान्वयन का हार्दिक स्वागत करती है। स्वतंत्रता के बाद यह श्रम क्षेत्र में लाया गया सबसे व्यापक, आधुनिक और प्रगतिशील सुधार है, जो देश के करोड़ों श्रमिकों को एक सशक्त और सुरक्षित भविष्य प्रदान करेगा। यह बात भारतीय औद्योगिक प्रबंधन परिषद (ICIM) के चैयरमेन सत्येन्द्र सिंह ने कही उन्होंने कहा कि  भारत सरकार द्वारा लागू की गई चार श्रम संहिताए जैसे

1. वेतन संहिता, 2019

2. सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020

3. व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थितियाँ संहिता (OSHWC), 2020

4. औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 है

उन्होंने बताया कि इन 29 केंद्रीय श्रम क़ानूनों को एकीकृत कर एक पारदर्शी, सरल, तकनीक-आधारित और भविष्य उन्मुख ढाँचा तैयार करती हैं।

श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए मजबूत आधार हैं इन संहिताओं के लागू होने से देश के सभी श्रमिकों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे, जैसे—

• सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा – संगठित, असंगठित, गिग, प्लेटफ़ॉर्म और प्रवासी सभी श्रमिकों के लिए

• न्यूनतम एवं समय पर वेतन का भुगतान

• सुरक्षित, स्वस्थ एवं सम्मानजनक कार्यस्थल

• नारी शक्ति और युवा शक्ति के लिए बढ़ी हुई अवसरों की भागीदारी

ये प्रावधान भारत के श्रमिक समुदाय को सुरक्षा, सम्मान, पारदर्शिता और बेहतर कार्य—जीवन संतुलन प्रदान करेंगे।

उद्योगों के लिए अत्यधिक सरलता और Ease of Doing Business को बढ़ावा

श्रम संहिताओं से उद्योग जगत को भी उल्लेखनीय लाभ होंगे, जैसे—

• एकल पंजीकरण और एकल लाइसेंस प्रणाली

• देशभर में समान अनुपालन ढाँचा

• निरीक्षण, पंजीकरण और रिटर्न की डिजिटल पारदर्शिता

• श्रम विवाद निपटान में स्पष्टता

• उद्योगों पर प्रशासनिक बोझ में कमी

इससे देश में निवेश, रोजगार सृजन, उत्पादकता और औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।

विकसित भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम

ये सुधार केवल कागज़ी बदलाव नहीं, बल्कि भारत के श्रमिकों और उद्योगों की संरचना को आधुनिक, न्यायपूर्ण और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक दीर्घकालिक परिवर्तन हैं।

चारों श्रम संहिताएँ भारत के आर्थिक भविष्य को मजबूत बनाती हैं और देश के “विकसित भारत” विज़न को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।

सत्येन्द्र सिंह, चेयरमैन – ICIM ने कहा कि भारत सरकार द्वारा चारों श्रम संहिताओं का आधिकारिक क्रियान्वयन श्रम प्रशासन के इतिहास में एक मील का पत्थर है। ये संहिताएँ श्रमिकों के अधिकारों को सुदृढ़ करते हुए उद्योगों के विकास और अनुपालन में सरलता का सामंजस्य स्थापित करती हैं। ICIM इन ऐतिहासिक सुधारों का पूर्ण समर्थन करता है, जो भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और अधिक सक्षम बनाएंगे तथा विकसित भारत की दिशा में हमारी प्रगति को तीव्र करेंगे।



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