मुकेश गुप्ता
गाजियाबाद/साहिबाबाद । समाजवादी पार्टी शिविर कार्यालय 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद, गाजियाबाद के प्रांगण में भारत रत्न, लौह पुरुष, भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री, प्रखर वक्ता, स्वतंत्रता सेनानी सरदार बल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती और बौद्ध दर्शन, मार्क्सवाद, गांधीवाद, समाजवाद के ध्वजवाहक आचार्य नरेन्द्र देव की जन्म जयंती का आयोजन समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव एडवोकेट के नेतृत्व में आयोजित किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 देवकर्ण चौहान ने की, मुख्य अतिथि त्रियोगी परमानन्द यादव वरिष्ठ समाजवादी नेता रहे, संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया, वरिष्ठ नेता समाजवादी चिन्तक राम दुलार यादव शिक्षाविद ने भी कार्यक्रम में भाग लिया, सभी समाजवादी साथियों ने महान राष्ट्र सपूतों के चित्र पर पुष्प कर उन्हें स्मरण करते हुए उनके प्रेरणादायक विचार पर चलने का संकल्प लिया, राजेन्द्र सिंह, हुकुम सिंह ने देश प्रेम के गीत सुना सभी को आत्मविभोर कर दिया, कार्यक्रम को जगन्नाथ प्रसाद, सम्राट सिंह यादव ने भी संबोधित किया, महानगर अध्यक्ष समाजवादी युवजन सभा विक्की ठाकुर ने सभी का समारोह में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महानगर अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने दोनों स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचार के ध्वजवाहक सरदार पटेल में निर्भीकता पूर्वक निर्णय लेने की अद्भुत प्रतिभा थी, किसानों के आन्दोलन, नमक सत्याग्रह में सफलता उनके कुशल नेतृत्व, लगन से हो पायी, वह जेल भी गये, भारत छोडो आन्दोलन में अपनी वाक्पटुता से लाखों नवजवानों को स्वतंत्रता आन्दोलन से जोड़ा, देश आजाद हुआ तो सरदार पटेल के नेतृत्व और साहसिक निर्णय का कमाल था कि विखरे भारत की 565 रियासतों को एक सूत्र में बांधकर एकता, अखंडता की मिसाल कायम की, वह धर्मनिरपेक्षता, ईमानदारी, नैतिकता की प्रतिमूर्ति रहे, इसी बीच महात्मा गाँधी की निर्मम हत्या आतंकी द्वारा हो जाती है, इनके नेतृत्व की परीक्षा तब होती है जब जाँच में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हाथ होता है तो सरदार पटेल ने 4 फरवरी 1948 को इस संगठन पर प्रतिबन्ध लगाकर लौह पुरुष की छवि को सच साबित कर दिया, तथा कहा कि चाहे कोई संगठन हो देश में नफ़रत, असहिष्णुता फैला आगजनी कर देश को अस्थिर नहीं कर सकता, नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया, उनका मानना था कि देश की सम्पन्नता और समृद्धि, सद्भाव, भाईचारा, प्रेम, न्याय और सहयोग से ही हो सकती है, वह पंडित जवाहर लाल नेहरू को अपना दाहिना बाजू बता दुष्प्रचारक को करारा जबाब दिया था ।
वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने आचार्य नरेन्द्र देव के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि वह प्रकांड विद्वान, मूर्धन्य लेखक रहे, कशी विद्यापीठ के अध्यक्ष, लखनऊ, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति, बौद्ध, मार्क्स, गाँधीवादी दर्शन के प्रबल पक्षधर रहे, उपेक्षितों, शोषितों, प्रताड़ितों के लिए उनके मन में करुणा का भाव था, उनके दुःख से वह द्रवित हो जाते थे, शिक्षकों को भी उन्होंने संबोधित करते हुए कहा था कि बच्चों को अध्ययन करवाने के साथ-साथ नैतिक आचरण और नि:स्वार्थ भाव से सेवा के लिए तैयार करें, वह धर्मनिरपेक्ष, जातिविहीन, वर्गविहीन समाज बनाने में अपना सम्पूर्ण जीवन लगा, जातिवादी, सांप्रदायिक, वर्चस्ववादी ताकतों को हतोत्साहित करने में लगे रहे, इनका महत्व जन-जन में प्रचारित-प्रसारित हुआ, जब श्री प्रकाश बाबू ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से मिलवाया, इन्होने अपने विचार से इतना उन्हें प्रभावित किया कि गाँधी जी ने कहा कि “आप ने इस अनमोल हीरे को कहाँ छिपाए रखा था” वह समाजवाद के जनक रहे, जिनकी प्रेरणा से लाखों समाजवादियों ने स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग ले यातनाएं झेल देश को गुलामी से मुक्त करवाया।
समाजवादी चिन्तक राम दुलार यादव ने कहा कि इन महान विभूतियों के सामने आज का नेतृत्व कही टिक नहीं पा रहा, राजनीति की दिशा, दशा बदल गयी, संसाधनों की लूट, हर बात में निर्लज्जता पूर्वक झूठ बोलने को राजनीतिक सफलता माना जाना देश के लिए शुभ संकेत नहीं है, आज भारत की स्थिति भ्रष्टाचार, भूख, प्रसन्नता, पर्यावरण प्रदूषण, प्रेस की आजादी में नेपाल, भूटान से भी बदतर है, हमें इस पर ध्यान देने की जरुरत है, 80 करोड़ को 5 किलो राशन, किसानों को 500/= (पांच सौ रुपये) देने से देश में असमानता कम नहीं होगी, गरीब, गरीब हो रहा है, पूंजीपति माला-माल, छात्र, नवजवान बेरोजगार, जनता पर मंहगाई की मार, इन नेताओं ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन भारत की जनता यह दिन देखने को मिलेगा, इनको असली श्रद्धांजलि तब होगी जब इनके विचार के अनुरूप कार्य करें।
जन्म जयंती समारोह में पुष्पांजलि देने वालों में शामिल रहे राम दुलार यादव, महानगर अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, ठाकुर विक्की सिंह, त्रियोगी परमानन्द यादव, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, ओम प्रकाश अरोड़ा, अनिल मिश्र, देवकर्ण चौहान, सम्राट सिंह यादव, सुभाष चन्द यादव, राम यादव, के0के0 सिंह, राजेन्द्र सिंह, जगन्नाथ प्रसाद, रामेश्वर यादव, रवि चौहान, हुकुम सिंह, अवधेश यादव, सुरेश चन्द यादव, प्रभा शंकर मिश्र, हरेन्द्र, अमृतलाल चौरसिया, ब्रह्म प्रकाश, विजय भाटी एडवोकेट, ताहिर अली, यासीन हुसैन, सुभाष यादव, प्रेम चन्द पटेल, हरिकृष्ण, विक्रम सिंह आदि।


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