गुरुवार, 27 नवंबर 2025

लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने ज्ञानपीठ केन्द्र 1पर “संविधान दिवस” कार्यक्रम का आयोजन किया


                             मुकेश गुप्ता

 गाजियाबाद ।  26 नवम्बर 2025 को लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में “संविधान दिवस” कार्यक्रम का आयोजन किया गया, समाजवादी चिन्तक, शिक्षाविद राम दुलार यादव के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित किया गया। सभी साथियों ने बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर को संविधान निर्माता के रूप में याद करते हुए उनके द्वारा बनाये विश्व के सर्वश्रेष्ठ संविधान व  संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा का संकल्प लिया, संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के बाद, देश-प्रेम के गीत प्रस्तुत किये गये, विद्यालयों में संविधान की मूल, भावना, मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के अध्ययन की व्यवस्था करने की सत्ता से मांग की गयी ।

         कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि हमें भारत के संविधान पर गर्व है, जिसे बाबा साहेब डा0 अम्बेदकर ने कठिन परिश्रम कर रात-दिन एक कर 2 साल 11 महीने 18 दिन में तैयार किया, हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हो, विधिवत कार्य करने लगा, जनता को मौलिक अधिकार मिला, स्वतंत्रता, समता, न्याय और बंधुता व हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्राप्त हुआ, तथा सभी धर्मों, वर्गों जातियों को स्वतंत्र रूप से पूजा, उपासना, काम करने का अधिकार मिला, उसके साथ-साथ हमें संविधान के प्रति उत्तरदायी रहते हुए अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करना चाहिए, डा0 अम्बेदकर ने व्यवस्था की, आज के दिन बाबा साहेब डा0 अम्बेदकर को हम सभी देशवासी श्रद्धांजलि अर्पित करते है, उन्होंने अथक परिश्रम कर संविधान का निर्माण किया, जिससे देश का हर वर्ग लाभान्वित हुआ ।

       लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद ही स्थिति ऐसी बन रही है कि संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, तथा उन्हें प्रभावित किया जा रहा है, यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है, हमारे पुरखों ने यातनाएं झेली, शहीद हुए, फांसी के फंदे को हंसते-हंसते चूम लिया, जब हम गुलामी से मुक्त हो गये तो संविधान निर्माता ने सोचा था कि देश का उपेक्षित, वंचित वर्ग भी यह अनुभव करेगा कि इस देश में मेरा भी उतना ही सम्मान है जितना प्रभु वर्ग का, लेकिन आज स्थिति बदल रही है, गरीब, कमजोर, छात्र, नवजवान, किसान, मजदूर, मंहगाई, बेरोजगारी, बेकारी की मार झेल रहा है, और उपेक्षित हो रहा है, हमें इस अवसर पर संकल्प लेना है कि हम बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेदकर द्वारा निर्मित संविधान को कमजोर नहीं होने देंगे, चाहे हमें कितना ही कष्ट झेलना पड़े, तभी मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सकती है, अधिनायकवादी व वर्चस्ववादी ताकतों से सावधान रहने की जरुरत है, तभी हम मौलिक अधिकारों की रक्षा कर पाएंगे ।

        कार्यक्रम में प्रमुख रुप से शामिल रहे, राम दुलार यादव,  हाजी मोहम्मद सलाम, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, शिवम् पाण्डेय, राजीव गर्ग, प्रेमचंद पटेल, शीतल यादव, हुकुम सिंह, हरिकृष्ण, रोहित यादव, साहिल, सुभाष यादव, दिलीप कुमार आदि। 


                                                                                             


                                                                                         

                                                                               

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