सोमवार, 24 नवंबर 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 नवंबर को करेंगे गुफा मंदिर का लोकार्पण, नैतिकता के बिना धार्मिकता नहीं है : आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज

 



                        रिपोर्ट - मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद। आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नैतिकता के बिना धार्मिकता नही है, इसका तात्पर्य है कि यदि व्यक्ति के अंदर नैतिकता नही है और वह कहता है कि मैं धार्मिक हूं, और उसका चारित्रिक पतन हो चुका है तो वह कैसा धार्मिक और उसके अंदर नैतिकता नाम की चीज नही है और अपने को धार्मिक कह रहा है तो वह धार्मिक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में मानव सेवा विलुप्त होती जा रही है। व्यक्ति वह सुनना और देखना पसंद करता है जो उसे अच्छा लगता है। मानवता की बात करने वाले मां बाप, भाई बहन, साधु संत एवम पीड़ित व्यक्तियों की सेवा नही करता है और अपने को बहुत बड़ा मानव सेवी बताता है यह मात्र दिखावा है।

जब देश में साहित्य फुटपाथ पर और जूते चप्पल कांच के शोरूम में बिकते हैं तो लोगों को साहित्य की नही जूते चप्पलों की जरूरत है। 

दुनिया में सबसे बड़ा भिखारी वह है जिसके पास भगवान के लिए समय नहीं है। आजकल लोग मंदिर में भक्त बनकर नहीं किसी भय व भगवान से मांगने के लिए ही जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम साधु संत मंदिर से मोक्ष की तरफ आगे बढ़ते है और सांसारिक जीवन घर से शमशान की ओर बढ़ता है। अगर व्यक्ति को अपना भविष्य सुधारना है तो उसको व्यर्थ चीजों को त्यागना आना चाहिए। मनुष्य हमेशा अपने कर्मो का फल भोगता है भगवान ना कुछ देते हैं और ना ही लेते हैं। अंत में उन्होंने सभी को सुभाशीष देते हुए सभी के उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना की।

क्रांतिकारी संत परम पूज्य आचार्य श्री तरुण सागर जी महाराज की समाधि स्थली — तरुणसागर तीर्थ धाम, मुरादनगर (गाजियाबाद) — इन दिनों भक्ति, तप और आध्यात्मिक उल्लास से आलोकित है।

आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज के पावन सान्निध्य और मुनि श्री पीयूष सागर जी महाराज के निर्देशन में यहां भगवान महोत्सव का आयोजन दिनांक 26 से 30 नवंबर 2025 तक किया जा रहा है। इस महोत्सव की विशेष आध्यात्मिक उपलब्धि के रूप में — मात्र *100 दिनों में निर्मित भव्य “गुफा मंदिर* ” का लोकार्पण 27 नवंबर 2025 को संपन्न होगा।

इस अवसर पर *उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी मुख्य अतिथि* के रूप में तरुणसागर तीर्थ धाम पधारेंगे। उनके आगमन से यह ऐतिहासिक आयोजन और भी गरिमामय एवं प्रेरणादायी रूप लेगा। धर्म, संस्कृति और राष्ट्रसेवा के प्रति उनकी अटूट निष्ठा इस पावन कार्यक्रम की भावना से पूर्णतः मेल खाती है।

यह तीर्थ केवल श्रद्धा का स्थल नहीं, बल्कि समाज उत्थान और आध्यात्मिक जागरण का केंद्र बन चुका है

 *अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज* जैन जगत के ऐसे अद्भुत साधक हैं जिन्होंने अपने जीवन में उपवास और तप का एक अलौकिक इतिहास रचा है। उन्होंने सम्मेद शिखर की उतंग पहाड़ी पर जैन परंपरा की सर्वोच्च साधना — सिंह निष्कीड़ित व्रत साधना — संपन्न की, जिसमें उन्होंने 557 दिन तक अखंड मौन एकांतवास किया और मात्र 61 दिन ही आहार ग्रहण किया। उनकी यह विलक्षण साधना उन्हें वर्तमान युग के महावीर स्वरूप संत के रूप में प्रतिष्ठित करती है।

गुरुदेव ने अपने साधनापथ को समाजसेवा से जोड़ा — उन्होंने अपने संत जीवन में 1,30,000 किलोमीटर की “ *अहिंसा संस्कार पदयात्रा”* संपन्न की, जो केवल एक यात्रा नहीं बल्कि मानवता, नैतिकता और जीवन मूल्यों के पुनर्जागरण की साधना रही। इस पदयात्रा के माध्यम से उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, गौसेवा और नैतिक जागरण के क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया तथा समाज में नई चेतना का संचार किया।

उनके कार्यों की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई है — उन्हें वियतनाम विश्वविद्यालय व गुजरात की स्वर्णिम विश्वविद्यालय द्वारा मानद “डॉक्टरेट” की उपाधि तथा ब्रिटिश पार्लियामेंट द्वारा “भारत गौरव अवार्ड” से सम्मानित किया गया है।

आचार्य श्री का जीवन संदेश समस्त मानवता के लिए प्रेरक है

“ *जहां अहिंसा है, वहीं संस्कार हैं; और जहां संस्कार हैं, वहीं सच्चा मानव उत्थान है।”* 

इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा गुफा मंदिर का लोकार्पण न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि यह आध्यात्मिकता, समाजसेवा और राष्ट्र चेतना के संगम का प्रतीक बनकर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।

 आज प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से उपस्थित  सुनील जैन, निमीत जैन ,दीपेश जैन ,अरुण  जैन, संजय  जैन अजयजी जैन,त्यागी जी उपस्थित रहे।

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