रविवार, 2 जून 2024

उद्योगों के विकास के लिए बैंकों का सहयोग बेहद जरूरी- सुरेंद्र सिंह नाहटा

.                मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

नोएडा। सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) देश की  अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन बैंकिंग सेक्टर के सहयोग के बिना उद्योगों के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उद्योगों के विकास में बैंकों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। आज देशभर में अनेक लघु और सूक्ष्म उद्योग ऐसे हैं, जो बैंकों के सहयोग के चलते ही उन्नति की राह पर अग्रसर हैं। एमएसएमई इंडस्ट्रियल​ एसोसिएशन और केनरा बैंक की ओर से सेक्टर-27 ​स्थित होटल फोरच्यून में आयोजित एमएसएमई आउटरीच कार्यक्रम को संबो​धित करते हुए एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने यह बाते कहीं। 

इस मौके पर केनरा बैंक के महाप्रबंधक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि हम ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध हैं और केनरा बैंक ईमानदारी से काम करता है !  उद्यमियों के हित में ही नहीं ब​ल्कि उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी बैंक की ओर से योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे उनके जीवन को भी संवारा जा सके। 

महाप्रबंधक ने बैंकिंग सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा कि उद्यमियों की मांगो पर गौर करेंगे और भविष्य मे ऐसी रणनीति बनाएंगे जिससे अधिक से अधिक उद्यमियो को फायदा पहुँच सके। केनरा बैंक के उप महाप्रबंधक लोकनाथ एवं क्षेत्रीय प्रमुख अतुल राजन ने एमएसएमई सेक्टर के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। कपड़ा उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए एमएसएमई टेक्सटाइल ऋण योजना, निर्माण क्षेत्र के लिए एमएसएमई कांट्रेक्टर योजना, केनरा जीएसटी स्कीम, महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजना और मुद्रा योजना के बारे में जानकारी दी।

सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा कि लघु, मध्यम एवं सूक्ष्य उद्योगों के ढांचागत विकास में बैंकों की वित्तीय सहायता आक्सीजन का कार्य करती है। अधिकतर उद्यमी रोज काम की व्यस्तता के चलते अपने बिजनेस की ग्रोथ को बढ़ाने, भविष्य में उसके विस्तार को लेकर योजना नहीं बना पाते, लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमी व्यवसाय को नया स्वरूप दे सकते हैं। एमएसएमई सेक्टर के लिए चलाई जा रही तमाम बैंकिंग योजनाओं से साबित होता है देश के प्रधानमंत्री अंतिम पंक्ति तक सरकारी बैंकों की योजनाओं को पहुंचाना चाहते हैं। बैंकों में वह शक्ति है जो बंद पड़े उद्योग को अपने सहयोग से ऑक्सीजन देने का काम कर सकते हैं। इस दौरान उद्यमियों के लिए चलाई जा रहीं केनरा बैंक की योजनाओं की जानकारी दी गई। डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा कि एक उद्यमी के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 500 परिवार जुड़े होते हैं। ऐसे में औद्योगिक विकास के लिए बैंकिंग सेक्टर को कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जरूरत है। बैंकिंग नीतियों में सुधार लाने की भी जरूरत है। केनरा बैंक लोगों को अच्छी सेवाएं दे रहा है। इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए। विपुल कोचर ने उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। इस मौके पर एसोसिएशन के नोएडा अध्यक्ष शिवकुमार राणा, यमुना प्राधिकरण अध्यक्ष रमेश राठौर,ग्रेटर नोएडा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष विजय भारती, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष रीना राणा,मंत्री आकांक्षा चुग,उद्यमी वानी सेठ,अंकिता मिश्र,ज्योति ठाकुर,बबिता गुप्ता, कुम्मू जोशी भटनागर, पीडी शर्मा, समीर  सेठ, मनोज खंडेलवाल, अरुण मित्तल, नवीन अग्रवाल, अशीष गुप्ता, हाजी अनवर, राजकुमार जयसवाल, हाजी हकीमुदीन,मेहंदी हसन नकवी,असलम खान,गणेश बिष्ट,भूपेंद्र बिष्ट,गुरिंदर सिंह भिंडर,आर एस सोलंकी आदि सैंकड़ों उद्यमी मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें