बुधवार, 10 जुलाई 2024

श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में संत सनातन कुंभ में लगा हजारों संतों का मेला,संत ही समाज के सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैंः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज

 

                            मुकेश गुप्ता

ब्रहमलीन श्रीमहंत गौरी गिरी महराज समेत 28 गुरू मूर्तियों को श्रद्धांजलि दी गई

संतों ने मानव की श्रेष्ठता का मूल्यांकन उसके सदाचार के आधार पर कियाः जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज

सच्चे संत जाति, धर्म, मत, पंथ, सम्प्रदाय आदि दायरों से परे होते हैंः श्रीमहंत हरि गिरी महाराज

दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर प्राचीन भारतीय गौरव की पुर्नस्थापना कर रहा हैः श्रीमंहत प्रेम गिरी महाराज

गाजियाबादःसिद्धपीठ दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में ब्रहमलीन श्रीमहंत गौरीगिरी महाराज व अन्य सिद्धगुरू मूर्तियों की स्मृति में आयोजित 10 दिवसीय संत सनातन कुंभ का बुधवार को श्रद्धांजलि सभा व संत भंडारे के साथ समापन हो गया। श्रद्धांजलि सभा व संत भंडारे में हजारों संतों ने भाग लिया। देश के विभिन्न शहरों से संत बुधवार को दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर पहुंचे। श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि ऊर्ध्वाम्नाय श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि संतों ने शुरूआत से ही धर्मान्धता, रूढ़ियों का अंधानुकरण, जातिगत भेदभाव, सम्प्रदायगत कट्टरता आदि विघटनकारी ताकतों का विरोध किया। उन्होंने मानव की श्रेष्ठता का मूल्यांकन उसके सदाचार के आधार पर किया । उन्होंने व्यक्ति एवं जाति को नहीं बल्कि उनकी नैतिक शुद्धता पर बल दिया, जिसके चलते समाज में नैतिकता का विकास हुआ। श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने ने कहा कि सच्चे संत जाति, धर्म, मत, पंथ, सम्प्रदाय आदि दायरों से परे होते हैं। ऐसे करुणावान संत ही अज्ञान.निद्रा में सोये हुए समाज के बीच आकर लोगों में भगवद्भक्ति, भगवद्ज्ञान, निष्काम कर्म की प्रेरणा जगाते हैं और समाज को सही मार्ग दिखाते हैं। संतों के बताए मार्ग पर चलकर ही हर वर्ग के लोग आध्यात्मिकता की ऊँचाईयों को छूने के साथ ही अपना सर्वांगीण विकास भी कर लेते हैं। कर लेते हैं। सभी में भगवद्-दर्शन करने की प्रेरणा देने वाले ऐसे संतों के द्वारा ही धार्मिक अहिष्णुता, छुआछूत, जातिगत भेदभाव, राग-द्वेष आदि को देर कर समाज में धर्म, आध्यात्म, प्रेेम, करूणा, समानता व आपसी सदभावना का वृक्ष रोपित किया जाता है। 

श्रीपंच दसनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महराज ने कहा कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर व मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज पूरे विश्व में हिंदू सनातन धर्म की पताका फहराकर देश के प्राचीन गौरव को पुर्नस्थापित करने का कार्य कर रहे हैं। संत सनातन कुंभ के आयोजक श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संत ही समाज के सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं। वे समाज का मार्गदर्शन करते हैं और उसे सही मार्ग दिखाते हैं। संत का धर्म मानव धर्म होता है और और वह समाज में शांति की स्थापना के लिए हमेशा मानव धर्म की साधना में लीन रहता है। सत्याचरण के माध्यम से जो स्वतः ब्रह्म के सच्चे स्वरूप के प्रति निरंतर उन्मुख रहता है वही सच्चा संत कहलाता है। श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में साक्षात रूप से भगवान दूधेश्वर विराजमान हैं और मंदिर सदैव ही ब्रहमलीन श्रीमहंत गौरी गिरी महाराज जैसे सिद्ध संतों का वास रहा है, जिन्होंने समाज को सही मार्ग दिखाने का काम किया। बुधवार को प्रातः 9 बजे सिद्ध गुरू मूर्तियों की समाधि का पूजन किया गया। भगवान दूधेश्वर, भगवान दत्तात्रेय व मंदिर में विराजमान भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान सत्यनारायण समेत सभी देवी- देवताओं का पूजन किया गया। प्रातः 11 बजे से श्रद्धांजलि सभा का आरंभ हुआ जिसमें ब्रहमलीन श्रीमहंत गौरी गिरी महाराज समेत मंदिर में स्थापित सभी 28 सिद्ध गुरूमूर्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि सभा का संचालन राजस्थान से आए नवरत्न सोनी ने किया।

 श्रद्धांजलि सभा में श्रीमहन्त पृथ्वी गिरि महाराज गादीपति बालक हिसार हरियाणा, श्रीमहन्त मोहन भारती महाराज सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा डेरा भगाना हरियाणा, श्रीमहन्त महेश पुरी महाराज सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा हरिद्वार, श्रीमहन्त शैलेंद्र गिरि महाराज सचिव श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा श्री शिव मंदिर गुलजारी वाला धाम कैराना रोड शामली, श्रीमहंत केदार पुरी महाराज महामंत्री जूना अखाडा, अष्टकौशल महंत विद्यानंद गिरी महाराज पंजाब, श्रीमहंत शिववन महाराज निरंजनी अखाडा सुथियाना, स्वामी विद्या चेतन महाराज नैमिष पीठाधीश्वर, स्वामी अभयारणय सामवेदी, दिल्ली संत महामंडल के संगठन मंत्री महामंडलेश्वर स्वामी कंचन गिरी महाराज, कोषाध्यक्ष धीरेंद्र पुरी महाराज आरटीओ, कोतवाल मंगलदास महाराज, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज, वृंदावन से जूना अखाडा की  श्रीमहंत साध्वी विष्णु प्रिया गिरी महाराज, विश्व ंिहंदू परिषद के संरक्षक मार्गदर्शक दिनेश, महंत शैलेंद्र गिरी महाराज मध्य प्रदेश, पंडित महेश वशिष्ठ, महंत कन्हैया गिरी महाराज, महंत रमेशानंद गिरी महाराज, महंत रमण गिरी महाराज गंगापुर, महंत गिरिशानंद गिरि जी ,

महंत मुकेशानंद गिरी महाराज वैद्य, महंत विजय गिरी महाराज,महंत जगदीश गिरि जी राजस्थान, श्मशानवासिनी महंत साध्वी कैलाश गिरी महाराज, आचार्य ऋचा वशिष्ठ सदस्य सलाहकार समिति रेलवे, शशि नागर, गोविन्द सोलंकी प्रवक्ता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद उज्जैन, डॉ राहुल कटारिया पत्रकार उज्जैन, बीके शर्मा हनुमान, अजय चोपडा आदि भी मौजूद रहे। संतों के भंडारे की व्यवस्था मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग व उपाध्यक्ष अनुज गर्ग द्वारा की गई। दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल,गौरव शर्मा , शंकर झा, लक्ष्मी कांत पाढी, अमित, मुकेश ,तोयराज उपाध्याय, विकास पाण्डेय, नित्यानंद आचार्य, अतुल कुमार शर्मा ,रोहित त्रिपाठी ,दीपांकर पांडेय आदि द्वारा संतों का स्वागत- अभिनंदन किया गया।

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