मंगलवार, 10 दिसंबर 2024

शिक्षाविद रामदुलार यादव ने डा0 भीमराव अम्बेदकर का महापरिनिर्वाण दिवस के उल्लासपूर्वक मनाया


                       मुकेश गुप्ता

साहिबाबाद/गाजियाबाद । 6 दिसंबर 2024 को डा0 अम्बेदकर जन कल्याण परिषद् उ0 प्र0 द्वारा संविधान निर्माता, कानूनविद, महान अर्थशास्त्री, मूर्धन्य विद्वान, सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेदकर का महापरिनिर्वाण दिवस, सत्योदय बुद्ध विहार साहिबाबाद के प्रांगण में उल्लासपूर्वक मनाया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद राम दुलार यादव संस्थापक/अध्यक्ष लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट समाजवादी चिन्तक रहे, अध्यक्षता डा0 अम्बेदकर जन कल्याण परिषद् उ0 प्र0 के अध्यक्ष श्याम नारायण  ने, सञ्चालन जगन्नाथ ने किया, सभी साथियों ने डा0 अम्बेदकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर तथा माला पहना उन्हें स्मरण कर उनके विचार और कारवां को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया, जोरदार नारे लगाये गये।

         मुख्य अतिथि समाजवादी विचारक शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि डा0 अम्बेदकर  विलक्षण बहुआयामी प्रतिभावान रहे, उन्होंने दलित, पीड़ित, प्रताड़ित, वंचित वर्ग को समाज को मुख्यधारा में लाने का जीवन भर काम किया, तथा संविधान की रचना कर गरिमामय जीवन जीने का मानव को अधिकार दिये, कानून के समक्ष सभी बराबर है व्यवस्था की, उन्होंने भारत के लोगों के दुःख का कारण अशिक्षा, अज्ञानता, आडम्बर, अन्धविश्वास को माना तथा कहा कि “शिक्षा के प्रचार-प्रसार द्वारा सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सकता है” उनका कहना था कि “शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा, वही दहाड़ेगा” । वह जातिवाद, धार्मिक पाखंड, रुढ़िवाद के घोर विरोधी, अस्पृश्यता को समाज का कोढ़ मानते थे, उन्होंने कहा है कि “मै उस धर्म को नहीं मानता जिसमे समानता, स्वतंत्रता, बंधुता न हो, धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए”। 

आज धर्म और राजनीति में झूठ, लूट, भ्रष्टाचार, अनैतिकता चरम सीमा पर है, मंहगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण प्रदूषण, अत्याचार, अनाचार पर कोई बात नहीं हो रही है, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, आर्थिक असमानता बढ़ रही है, देश, देशी-विदेशी कर्ज के बोझ से बेदम हो रहा है, अहंकार के कारण संवादहीनता बढ़ रही है, लाखों शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी से मिली आजादी और लोकतंत्र लहूलुहान हो रहा है, तंत्र लोक पर हावी  हो रहा है, यदि हमें बाबा साहेब अम्बेदकर के सपनों का भारत बनाना है तो नैतिक आचरण, ईमानदारी पूर्वक संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को प्रभवित कराना, बंद करना चाहिए, तथा बाबा साहेब के सपनों का भारत बनाना चाहिए, जहाँ समाज का अंतिम व्यक्ति भी गौरवान्वित हो सके, उन्होंने महिलाओं को भी आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने का काम किया, सभी साथियों ने महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर डा0 भीमराव अम्बेदकर की मूर्ति पर पुष्प और माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

       प्रमुख रहे, श्याम नारायण, राम दुलार यादव, जगन्नाथ प्रसाद, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, संतोष ठेकेदार, ओमपाल, राजपाल यादव, चंद्रभान, ब्रह्म प्रकाश, रमेश गौतम, राकेश, मो0 ताहिर आदि।


                                                                                                               


                                                                                            

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