रविवार, 13 अक्तूबर 2024

प्रखर समाजवादी, स्वतंत्रता सेनानी, विलक्षण प्रतिभावान डा0 राम मनोहर लोहिया का स्मृति-दिवसके रूप में मनाया


                        मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद/साहिबाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में शनिवार को प्रखर समाजवादी, स्वतंत्रता सेनानी, विलक्षण प्रतिभावान डा0 राम मनोहर लोहिया का स्मृति-दिवस कार्यक्रम “शोषण, अन्याय मुक्त दिवस” के रूप में संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष शिक्षाविद, समाजवादी चिन्तक राम दुलार यादव के नेतृत्व में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मूर्धन्य लेखक कविहृदय अवधेश मिश्र एडवोकेट ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, सञ्चालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया। इस अवसर पर डा0 राम मनोहर लोहिया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके क्रान्तिकारी विचार को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया, उनके सम्मान में जोरदार नारे लगाये गये, हुकुम सिंह, राजेन्द्र सिंह ने गीत और भजन प्रस्तुत किया, शिक्षक राम प्यारे यादव ने भी विचार व्यक्त किया।

      कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता राम दुलार यादव ने कहा कि डा0 लोहिया, महात्मा गाँधी, कार्लमार्क्स और आधा पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचार से प्रभावित थे। वह शोषण और अन्याय के विरुद्ध एक साथ क्रान्ति बोलने के पक्षधर रहे, उन्होंने सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक शोषण के विरुद्ध, नर-नारी समानता, लोकतंत्र की रक्षा के लिए, अस्त्र-शस्त्र के विरुद्ध, सत्याग्रह, जातिप्रथा के खिलाफ तथा पिछड़ों को विशेष अवसर प्रदान करने के लिए, विदेशी गुलामी के विरुद्ध, आर्थिक और मानसिक रंगभेद के विरुद्ध सप्तक्रान्ति का उद्घोष किया, ब्रिटिश सामाज्य के विरुद्ध भारत को गुलामी से मुक्त कराने के लिए अपार कष्ट झेला, जब देश आजाद हो गया तो भी सामाजिक अन्याय, शोषण मुक्त समाज, पिछड़ों, वंचितों, शोषितों को विशेष अवसर प्रदान करने के लिए अनवरत संघर्ष, आन्दोलन किया, वह भारतीय भाषा हिंदी को राज-काज की भाषा बनाने के पक्षधर रहे, उनका आर्थिक चिंतन व्यक्ति, समाज को सुदृढ़ बनाने के पक्ष में था, उनका मानना था कि हम आर्थिक बराबरी तो नहीं दे सकते लेकिन सापेक्ष बराबरी के लिए तो मार्ग प्रशस्त कर सकते है लेकिन आज आज़ादी के 77 वर्ष बाद हम सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षणिक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से मानवतावादी, समतामूलक समाज नहीं बना पाए, आज गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, झूठ का बोल-बाला है,  अधिनायकवादी, अहंकारी, घोर पूंजीवादी ताकतें पूरी व्यवस्था को प्रभावित कर अपने पक्ष में माहौल बना रही है। देश की अधिकांश जनता तक प्रकाश की किरण नहीं पहुँच पा रही है, वह अभाव में जीवन जीने को अभिशप्त है, अशिक्षा, अज्ञान, अन्धविश्वास, रुढ़िवाद के कारण मानसिक गुलामी का जीवन जी असमानता की शिकार है, हमें डा0 राम मनोहर लोहिया के सपनों का भारत बनाने के लिए उनके सुझाये विचार पर ईमानदारी से चलकर लोगों को न्याय दिलाने का अनवरत प्रयास करना चाहिए। भारत का (भूख) हंगर इंडेक्स 127 देशों में 105वें स्थान पर है।

       कार्यक्रम अध्यक्ष अवधेश कुमार मिश्र एडवोकेट ने कहा कि डा0 लोहिया के विचार देश, समाज, व्यक्ति की गरिमा के लिए आज भी प्रासंगिक है, हम महान पुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन का निर्माण कर सकते है, उनको स्मरण का अपने को आदर्शवान बना चमत्कृत कर सकते है।

       कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे, राम दुलार यादव, अवधेश मिश्र एडवोकेट, अमृतलाल चौरसिया, डा0 डी0 के0 सिंह, ब्रह्म प्रकाश, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, अनिल मिश्र, राम जन्म यादव, शम्भू नाथ जायसवाल, मुनीव यादव, हुकुम सिंह, राम प्यारे यादव, शहनवाज़ हुसैन, फूलचंद वर्मा, ताहिर हुसैन, सरदार जसविन्दर सिंह सैनी, विजय भाटी एडवोकेट, प्रेम चन्द पटेल, रोहित यादव, भक्ति यादव, विजय मिश्र, सुभाष यादव, अमर बहादुर, हरिकृष्ण आदि ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।


                                                                                                                        


                                                                                                                     

                                                                                                                    

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें