गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

प्रदेश के गरीब नागरिकों के बच्चों को शिक्षा के लिए आरटीई अहम - सीमा त्यागी

 



गाजियाबाद। आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावको के बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिये शिक्षा सत्र 2023-24 के लिये राइट टू एजुकेशन (आरटीई ) के अंतर्गत दाखिलों के लिये जिले में प्रथम चरण की प्रक्रिया 6 फरवरी 2023 से प्रारम्भ हो गई है जो 28 फरवरी 2023 तक चलेगी जिसके लिये यह जरूरी है कि यह सूचना ज्यादा से ज्यादा गरीब अभिभावको तक पहुँचे और वो आरटीई के अंतर्गत अपने बच्चों का दाखिला स्कूल में करा सके यहाँ आपको यह बताना जरूरी है कि आखिर आरटीई है क्या ?

शिक्षा को सभी वर्ग के नागरिकों के बच्चों के लिए एक सामान बनाने के लिए शिक्षा का अधिकार यानि राइट टू एजुकेशन को शुरू किया गया था जिसके अंतर्गत राज्य में रहने वाले सभी वर्ग के बच्चों को शिक्षा मिल सके। आरटीई के माध्यम से राज्य के स्कूलों में बच्चों को 25% प्रतिशत सीटों पर मुफ्त एडमिशन प्रदान कर आरटीई के अंतर्गत राज्य के गरीब नागरिकों के बच्चों को निशुल्क एडमिशन की सुविधा सरकार द्वारा प्रदान की जाती है, जिसमें बच्चे की शिक्षा का सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाता है। आरटीई के अंतर्गत जिन बच्चों की उम्र 3 से 6 साल के बीच है उनके अभिभावक बच्चों के एडमिशन के लिये आवेदन कर सकते है ,  उत्तर प्रदेश के गरीब परिवार के वह नागरिक जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी से संबंध रखते है वह इसका लाभ ले सकते है।

इस योजना को शुरू करने का उदेश्य यह है कि राज्य के अनेको ऐसे गरीब नागरिकों के बच्चे है जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दिला पाते है और कई बच्चे ऐसे होते है जिनके पास पैसे न होने के कारण उन्हें अपने बच्चों की पढाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। ऐसे गरीब लोग जो एससी/एसटी/ओबीसी  वर्ग से संबंध रखते है जिनके बच्चों को पूर्ण रूप से शिक्षा में समानता नहीं मिल पाती उनके लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने राइट टू एजुकेशन को शुरू किया जिसके माध्यम से बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है

 आरटीई के अंतर्गत प्रवेश के लिये अभिभावको के पास सभी जरुरी दस्तावेज होने बहुत आवश्यक है। 

अनाथ बच्चे, अकेले बच्चे की माँ, निराश्रित बेघर, विधवा महिला के बच्चे को भी आरटीई के तहत दाखिला प्रदान किया जाता है साथ ही यदि कोई विकलांग हो वह भी इसका पात्र समझा जाता है  परन्तु उसे एडमिशन के लिएविकलांगता प्रमाणपत्र जमा करना जरुरी होता है राइट टू एजुकेशन के तहत केवल उत्तर प्रदेश राज्य के मूलनिवासी नागरिक ही एडमिशन हेतु आवेदन कर सकते है। जिन परिवार की आय एक लाख से कम होगी वह इसके पात्र समझे जाते है ।

जो भी अभिभावक आवेदन करेंगे उनके लिए आयु सीमा निर्धारित की गयी है जो इस प्रकार से है:

एलकेजी/यूकेजी : बालक की उम्र 3 साल से ऊपर और 6 साल से नीचे होनी जरुरी है (1 अप्रैल को)

पहली कक्षा : बच्चे की उम्र 6 साल तक होनी चाहिए।

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के माध्य्म से में आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावको से अपील करती हूं कि ज्यादा से ज्यादा अभिभावक अपने बच्चों के फार्म भरवाए जिससे कि आरटीई के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा का लाभ मिल सके । 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें