गाजियाबाद। कांग्रेस की कथनी और कर
नी में हमेशा एक बड़ा अंतर देखने को मिला है। जहां कांग्रेस अपने समय में नारा देती थी गरीबी हटाओ लेकिन काम करती थी गरीब हटाओ के। आज सत्ता में नहीं है लेकिन एक गरीब परिवार के बेटे को प्रधानमंत्री के रूप में कांग्रेस स्वीकार नहीं कर पा रही है। पहले से ही गरीबों के प्रति हीन भावना रखने वाली कांग्रेस भला गरीबी से उठकर राष्ट्रवाद के संकल्प को गगन तक ले जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से इतना द्वेष रखती है इसका एक सबूत तमिलनाडु से मिला है।
कांग्रेस ने कन्याकुमारी से अपनी भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है। इस यात्रा में राष्ट्र जुड़ाव की बातें कम और राष्ट्र विरोधी नीतियों, राष्ट्रवादियों से घृणा और भाजपा से द्वेष के अलावा कुछ नहीं है। कपटी कांग्रेसियों ने इस यात्रा के दौरान मदुरै-कन्याकुमारी खंड के परियोजना राजमार्ग में 304 (पुराना एनएच 7) के किमी 230.600 से किमी 231.250 तक शेष सड़क और पुल का निर्माण कार्य के लगे हुए लोकार्पण शिलापट्ट पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के फोटो पर कालख पोती और उनके द्वारा उसको तोड़ा भी गया। यह पूरी घटना तमिलनाडु कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के संज्ञान में रहते हुए की गई। क्या इस काम के लिए राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को आदेश दिए थे? आज पूरा भारत इसका जवाब चाहता है? भारत जवाब चाहता है कि देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आख़िर इतनी नफ़रत क्यों? क्या इसीलिए कि एक गरीब का बेटा प्रधानमंत्री क्यों बन गया? या इसीलिए कि उन्होंने कांग्रेस के भ्रष्ट तंत्र की जड़ें काट दी?खैर! गाजियाबाद के सांसद एवं केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग राज्यमंत्री डॉ. जनरल वी.के. सिंह अपने 3 दिवसीय लोकसभा प्रवास कार्यक्रम के लिए कन्याकुमारी गए हुए हैं। उन्हें जब इस घटना का संज्ञान हुआ तो तत्काल रूप से माननीय मंत्री जी ने लोकार्पण शिलापट्ट पर माननीय प्रधानमंत्री जी नई फ़ोटो लगवाई और मीडिया के माध्यम से कांग्रेस की इस धूर्तता की ढेरों आलोचना की। उन्होंने कहा "कांग्रेस अपनी तुच्छ मानसिकता को कभी छोड़ नहीं सकती है, वह भारत जोड़ो नहीं भारत तोड़ो यात्रा में लगी है। कांग्रेस को समझना चाहिए कि प्रधानमंत्री एक दल का नहीं पूरे देश का होता है हमें मिलकर उनका सम्मान करना चाहिए"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें