शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

राम जन्मभूमि  के लिए किया संघर्ष परंतु रास्ते में ही हुए गिरफ्तार -राजीव अग्रवाल

प्र​​तीेक गुप्ता 


सन् 1990 श्री राम जन्मभूमि आंदोलन जन जन की भावनाओं में भर चुका था । बलिदानी कारसेवकों के जत्थे निरंतर अयोध्या कूच कर रहे थे । उस समय मेरी उम्र  16 वर्ष थी लेकिन राम मंदिर आंदोलन मेरी नस नस में भर चुका था । हर रोज बसें भर भर के राम भक्त जेल भेजें जा रहे थे । पूरा देश राम मय हो गया था । हर तरफ राम मंदिर बनाने के लिए संघर्ष चल रहा था । उस समय गगनभेदी नारों से रोंगटे खड़े हो जाते थे ।



बच्चा बच्चा राम का जन्म भूमि के काम का राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे  मेरा मन भी कारसेवकों के जत्थे में कार सेवा करने के लिए अयोध्या जाने के लिए तड़प रहा था । फिर भगवान श्री राम का बुलावा आया और मैंने अपने माता-पिता की नम आंखों के साथ अयोध्या जाने की विदाई ली ।राम जन्म भूमि में मंदिर निर्माण हो यही हमारा संकल्प है का बैनर ले कर चल दिये।राम भक्त जत्था चंद्रपुरी रिछपाल पूरी दिल्ली गेट ग़ाज़ियाबाद का बैनर के साथ अयोधया चल दिये। मैं भी सिर पर राम नाम का पटका बांध कर कारसेवकों के बलिदानी जत्थे के साथ कार सेवा करने के लिए अयोध्या जी चल दिया । उस समय अयोध्या जाने वाले कार सेवकों का वापसी आना भी संभव नहीं होता था ।



 ना जाने वहां क्या हो जाए । नगर के गणमान्य लोगों और राम भक्तों ने एक बहुत बड़े जुलूस के साथ हम सब राम भक्तों को फूल माला पहनाकर गगनभेदी नारों के साथ विदा किया । वह दृश्य बड़ा ही अभिभूत और रोंगटे खड़े कर देने वाला था । मन में कुछ बहुत बड़ा करने की इच्छा थी । मरने का बिल्कुल भी डर नहीं था ।



वह नारे सुनते थे बच्चा बच्चा राम का जन्म भूमि के काम का अगर हम राम जन्मभूमि के लिए वीरगति को भी प्राप्त हो गए तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा    अयोध्या जाने के लिए संघर्ष किया परंतु रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया 7 दिन बुलंदशहर SN डिग्री कॉलेज में बंद रहे कॉलेज को जेल में प्रवर्तित कर रखा था। जेल में बंद रहने के बाद भी शाखा प्रारंभ कर दी। उस समय मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शाखा का में मुख्य शिक्षक था। और जेल के अंदर भी प्रतिदिन प्रात कालीन शाखा प्रारंभ करी। उस समय में ऐसे ऐतिहासिक आंदोलन से मैं जुड़ा ।  मेरा जीवन सफल हो गया । आज वही यादें ताजा करता हूं तो मन यादों में खो जाता है । यह सारे फोटो मैंने अपने बच्चों को दिखाएं तो बच्चे भी बड़े गौरवान्वित हुए ।  आज बहुत ही खुशी है कि हमारे जीवन काल में ही भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनने का सपना पूरा हो रहा है । आंखें खुशी में बार-बार नम हो रही है"जय जन्मभूमि" जय श्रीराम ! जय श्रीराम !  जय श्रीराम ! राजीव अग्रवाल पूर्व महानगर महामंत्री।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें