शनिवार, 30 जुलाई 2022

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, में एक निशुल्क परामर्श शिविर लगाया

 

गाजियाबाद। विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, कौशांबी के गैस्ट्रो एवं लिवर डिपार्टमेंट द्वारा हॉस्पिटल में  एक निशुल्क परामर्श शिविर लगाया गया और विशेष जांच के पैकेज भी उपलब्ध कराए गए। इस शिविर में 50 से भी ज्यादा मरीजों ने लाभ लिया। हॉस्पिटल के   वरिष्ठ लिवर एवं पेट रोग विशेषज्ञ डॉ कुणाल दास, डायरेक्टर एवं एच ओ डी, एवं डॉ हरित कोठारी, विशेषज्ञ पेट एवं लिवर रोग ने मरीजों को परामर्श दिया.

मरीजों एवं सामान्य लोगों के लिए हेपिटाइटिस की बीमारी से बचाव एवं उपचार विषय पर एक जागरूकता व्याख्यान का भी आयोजन हुआ. मरीजो को  जागरूकता व्याख्यान में संबोधित करते हुए डॉ कुणाल दास ने कहा लिवर (जिगर)शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है, जिसका वजन लगभग 1.5 किलो होता है। इसे शरीर की प्रयोगशाला और कारखाने के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसमें शरीर के महत्वपूर्ण कामकाज के लिए कई कार्य होते हैं। लिवर रक्त में कई रसायनों को नियंत्रित करता है और पित्त नामक पदार्थ यानी उत्पाद को उत्सर्जित करता है जो लिवर से अपशिष्ट उत्पादों को दूर करता है। लिवर इस रक्त को संशोधित करता है। इस दौरान जब रक्त टूटता है, तो लिवर उसे संतुलित करता है। यह पोषक तत्व बनाता है और दवाओं को भी डिटॉक्सीफाई करता है। यह 500 से अधिक महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिन्हें भोजन के यकृत प्रसंस्करण के साथ पहचाना गया है। "हेपेटाइटिस" यकृत की सूजन को संदर्भित करता है और "क्रोनिक" का अर्थ है कि यह रोग पिछले 6 महीनों से अधिक समय से मौजूद है। क्रोनिक हेपेटाइटिस लगभग 170 मिलियन भारतीयों या 130 करोड़ की भारतीय आबादी का लगभग 15% प्रभावित करता है।  इस अवसर पर बोलते हुए डॉ  हरित कोठारी ने कहा कि क्रोनिक हेपेटाइटिस का सबसे आम कारण वायरल हेपेटाइटिस है- हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और फैटी लिवर को गैर-अल्कोहल स्टीटोहेपेटाइटिस (एनएएसएच) के रूप में भी जाना जाता है। वायरल हेपेटाइटिस भारत में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है, क्योंकि लगभग 40 मिलियन हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं और 6-12 मिलियन हेपेटाइटिस सी के साथ। यह अनुमान है कि भारत में सामान्य आबादी के 16-32% (लगभग 120 मिलियन) में एनएएफएलडी है और उनमें से लगभग 31% एनएएसएच से पीड़ित हैं। फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी/एनएएसएच) के सबसे सामान्य कारण मधुमेह, हाइपोथायरायड और हाइपरलिपिडेमिया हैं। आगे बोलते हुए डॉ कुणाल दास ने कहा कि डब्ल्यूएचओ का मानना ​​​​है कि भारत 2025 तक दुनिया की मधुमेह राजधानी बन जाएगा। इन बीमारियों का निदान करने का सबसे अच्छा तरीका एक डॉक्टर से मिलना है जो एलएफटी (लिवर फंक्शन टेस्ट), वी जैसे रक्त परीक्षण का आदेश दे सकता है। वह वाइरल सीरोलॉजी परीक्षण (एचबीएस- एजी, एंटी-एचसीवी एबी), पेट का अल्ट्रासाउंड आदि करवा सकता है। 

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