बुधवार, 20 जुलाई 2022

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने आरटीई के दाखिलों को लेकर बीएसए को सोपा ज्ञापन ।

आरटीई के दाखिलों के लिये शिक्षाधिकारी और स्कूल के बीच पेरेंट्स बने फुटबाल 

 गाजियाबाद। पिछले लंबे समय से  निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार ( आरटीई ) के दाखिलों को लेकर घमासान जारी है यहां आपको बताते चले कि आरटीई के दाखिलों की तीन चरणों की प्रक्रिया में लगभग 10250 आवेदन आये थे जिसमें 6392 आवेदन को सत्यापित किया गया एवम 3858 को निरस्त कर कुल 5067 सीटे बच्चो के दाखिले के लिए आवंटित की गई थी। 

  जिले के निजी स्कूलों में आरटीई के एडमिशन कराने में शिक्षाधिकारियों और जिलाप्रशासन के पसीने छूट रहे है वही गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन  भी आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों के दाखिले निजी स्कूलों में सुनिश्चित कराने के लिए पूरी जी - जान से जुटी है शिक्षा अधिकारियों एवम जिलाप्रशासन द्वारा निजी स्कूलों पर दबाब बनाने के लिए नोटिसो का सहारा लिया हुआ है जो काफी हद तक बेअसर साबित हो रहा है।

जिले के स्कूल है कि प्रशासन के नोटिस को मानने के लिए तैयार ही नही है और पेरेंट्स को लगातार स्कूल के चक्कर कटवा रहे है अभिभावक अपने बच्चों के दाखिलों को लेकर स्कूल और अधिकारियों के बीच फुटबाल बने है जिले के निजी स्कूल बच्चों के दाखिले नही लेने पड़े इसके लिये नये नये हथकंडे अपना रहे है नियम के विरुद्ध जाकर स्कूल प्रबंधक अभिभावक के घरों में जाकर दो - दो बार चेकिंग कर रहे है चेकिंग के बाद अपनी मन मर्जी रिपोर्ट बनाकर बीएसए कार्यलय भेज रहे है घंटो घंटो स्कूल में बैठाने के बाद  परेंटस से कह रहे है पहले बीएसए से लेटर लिखवा कर लाओ इन्ही मनमानियों को लेकर आज गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने आज जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सोपते हुये अपील की गई है कि आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों के दाखिले तत्काल प्रभाव से निजी स्कूलों में सुनिश्चित कराये जाए साथ ही स्कूल प्रबंधको द्वारा पेरेंट्स के घर जाकर की जा रही वरीफिकेशन और चैकिंग पर रोक लगाई जाए जीपीए ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से अनुरोध किया है कि आरटीई के दाखिले नही लेने वाले स्कूलो की मान्यता रद्द की जाए इस मौके पर विनय कक्कड़ ,नरेश कुमार  , कौशल ठाकुर , जसवीर रावत , विजय चौबे ,धर्मेंद्र यादव , सचिन पाल , अभिषेक सिंह , विनोद सागर , विवेक त्यागी , अमित कुमार , रेनू  , प्रेमा पपनै , धनंजय यादव , आदि मौजूद रहे ।



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