शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा मै कौन हूँ” प्रश्न की चर्चा का आयोजन किया गया,

मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

 गाजियाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में आध्यात्मिक व्याख्यान में “मै कौन हूँ” प्रश्न की चर्चा का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ड़ा0 वी0 एल0 गौड़ पूर्व प्राचार्य रहे, मुख्य प्रवचन कर्ता ड़ा0 सभापति शास्त्री पूर्व विभागाध्यक्ष संस्कृत साहित्य लाजपत राय महाविद्यालय साहिबाबाद, अध्यक्षता लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक / अध्यक्ष राम दुलार यादव शिक्षा विद ने किया। आचार्य शास्त्री के सारगर्भित व्यखायान ने सभागार में उपस्थित लोगों को आत्म-विभोर कर दिया, सभी ने एक स्वर से चर्चा की सराहना की, तथा कहा कि समय-समय पर किसी प्रश्न पर व्याख्यान का आयोजन होना चाहिए जिससे देश, समाज में सकारात्मक संदेश जाय, नकारात्मक विचार का विनाश हो सक।  ज्ञानपीठ के सदस्यों, विद्वानों को संबोधित करते हुए ड़ा0 सभापति शास्त्री ने कहा कि ‘मै कौन हूँ’ यह गंभीर विषय है, गुरु स्वामी विरजानन्द के द्वार पर खड़े स्वामी दयानन्द ने जब दरवाजा खटखटाया तो अन्दर से आवाज़ आयी कौन, तो उन्होने कहा कि यही तो जानने आया हूँ कि मै कौन हूँ फिर चर्चा में कहा कि अहंकार, अविवेक, अज्ञान, अंधकार, से मुक्त होकर ज्ञान का प्रकाश बोध मै कौन हूँ प्रदर्शित करता है, क्रोध, मान, लोभ से मुक्त होना चाहते है तो सच्चे स्वरूप की अनुभूति करनी होगी, ज्ञान व्यक्ति के अन्दर विद्यमान आंतरिक बुद्धिमत्ता को पूर्ण रुपेन प्रदर्शित करने और मानव के व्यवहार को प्राकृतिक साधनों, विधानों से विकसित करने के लिए प्रेरित करता है, अधर्म, अविद्या, कुसंग, कुसंस्कार और व्यसन से निर्लिप्त सत्य, परोपकार, विद्या, पक्षपात रहित न्याय, नैतिक आचरण करना इससे बड़ा धर्म नहीं, मै कौन हूँ अज्ञान, अविवेक, अंधविश्वास, पाखंड, भ्रम, द्वेष, ईर्ष्या, असहिष्णुता को समूल नष्ट करना, ज्ञान के प्रकाश को चारों ओर फैलाना, सद्भाव, भाईचारा, प्रेम, समता के भाव को अपने अन्दर जागृत करना और फैलाना मै कौन की पहचान है, यही धर्म है, नैतिक आचरण है, हमे सद्कर्म देश और समाज हित में करते रहना है, अहंकार, अज्ञान रहित विनम्रता का भाव सभी को समान दृष्टि से अवलोकन करना मै कौन हूँ को व्याख्यायित करता है, हमे जीवन इस तरह जीना है कि कोई जीवित व्यक्ति को आप के द्वारा कष्ट न हो, सभी प्राणी निर्भय हो।

      कार्यक्रम में शामिल रहे, ड़ा0 विशन लाल गौड़, ड़ा0 सभापति शास्त्री, संस्थापक राम दुलार यादव, ड़ा0 देवकर्ण चौहान, एस0एन0 अवस्थी, ओम प्रकाश अरोड़ा, फूलचंद पटेल, हरेन्द्र यादव, एस0एन0 जायसवाल, मुनीव यादव, विनोद त्रिपाठी, देवमन यादव, धर्मेंद्र यादव, चंद्रबली मौर्य, सम्राट सिंह यादव, हरिकृष्ण, विजय भाटी आदि  कार्यक्रम के अध्यक्ष राम दुलार यादव ने मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता तथा सभी साथियों को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया।



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