रविवार, 2 अक्तूबर 2022

श्री सुल्लामल रामलीला में श्रीराम सुग्रीव मित्रता, बाली वध सीता जी की खोज में हनुमान हो भेजने तक की लीला का मंचन किया गया

गाजियाबाद। अतिप्राचीन श्री सुल्लामल रामलीला में श्रीराम सुग्रीव मित्रता, बाली वध सीता जी की खोज में हनुमान हो भेजने तक की लीला का मंचन किया गया। कलाकरों के संवादों ने दर्शकों को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। लीला के दौरान माता शबरी श्री राम को बताती है कि कुछ दूर ऋषिमुक नामक पर्वत है जहाँ पर महाराज सुग्रीव और उन की सेना रहती है जो सीता को पता लगाने में आप आवश्यक सहायता करेंगे। तत्पश्चात राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता को ढ़ूढ़ते हुए  पर्वत पर पहुंचते हैं, ऋष्यमूक पर्वत पर सुग्रीव, वानरदल के साथ विराजमान हैं। इस बीच दो धर्नुधारी के आने की सूचना पर वह सशंकित हो जाते हैं। हनुमान ब्राह्मण के वेष मे राम-लक्ष्मण के पास जाते हैं। हनुमान को जब पता चला कि वे दोनों दशरथ नंदन भगवान श्रीराम व लक्ष्मण हैं तो वे भाव विह्वल हो जाते हैं। राम-हनुमान मिलन की प्रस्तुति ने सभी को आकर्षित कर दिया।

हनुमान राम व लक्ष्मण को अपने कंधों पर बैठाकर सुग्रीव के पास ले जाते हैं। यहां राम व सुग्रीव की मित्रता होती है। सुग्रीव श्रीराम को बाली द्वारा किये गये अत्याचारों से अवगत कराते हैं। उनके कहने पर सुग्रीव, बाली को युद्ध के लिए ललकारते हैं। प्रथम बार तो वो बाली से परास्त होकर चले आते हैं। भगवान राम पुनः युद्ध के लिए भेजते हैं। दूसरी बार में प्रभु स्वयं पेड़ की ओट से बाली का वध कर देते हैं। सुग्रीव वध होते ही रामलीला स्थल पर जय श्रीराम का जयघोष गूंजता रहा।

    लीला मंचन के क्रम में राजा सुग्रीव वानरों की सेना चारों दिशाओं में माता सीता की खोज के लिए भेजते हैं। एक अन्य दृश्य में समुद्र का किनारा होता है, वानरदल इस चिंता में नजर आता है कि सौ योजन समुद्र पार कर लंका कौन जा सकता है। जामवंत हनुमान जी को उनके बल का स्मरण कराते हैं। हनुमान जी को अपनी शक्ति का ज्ञान होता है। हनुमान जी सियापति रामचंद्र की जय कर जयकारा लगाते हुए समुद्र लांघ जाते हैं।

    आज की लीला में अध्यक्ष वीरू बाबा, उस्ताद अशोक गोयल, कार्यवाहक महामंत्री दिनेश शर्मा बब्बे, ज्ञान प्रकाश गोयल, राजेन्द्र मित्तल मेंदी वाले, संजीव मित्तल, अनिल चौधरी, आलोक गर्ग, सुबोध गुप्ता, विनय सिंघल, नरेश अग्रवाल प्रधान जी, राघवेंद्र शर्मा, मोहित मित्तल, रविन्द्र मित्तल, अतुल गुप्ता, विजय गोयल, सुभाष बजरंगी, राजीव शर्मा, दिनेश गोयल, नीरज गोयल सहित समस्त पदाधिकारी, सम्मानित राम भक्तगण उपस्थित रहे।

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