जीवन में हमेशा खुशहाली रहती हैः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
गणेश शोभा.यात्रा को श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने हरी झंडी दिखाई
गढमुक्तेश्वर स्थित कल्याणेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद गंगा में मूर्ति का विसर्जन किया गया
गाजियाबादः सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आयोजित श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव का समापन रविवार को मूर्ति विसर्जन के साथ हो गया। मूर्ति विसर्जन श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में गढमुक्तेश्वर में प्राचीन कल्याणेश्वर महादेव मंदिर के निकट गंगा जी में किया गयाए जहां भक्तों ने भाव.विभोर होकर भगवान गणेश को गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारों से बिदाई दी। मूर्ति विसर्जन से पहले मंदिर से भव्य गणेश शोभा.यात्रा निकाली गई जिसका जगह.जगह भक्तों द्वारा स्वागत किया गया।
शोभा.यात्रा का श्रीगणेश श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने हरी झंडी दिखाकर किया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि भगवान गणेश भक्तों के सभी विघ्नों को हरने वाले हैं। उनकी पूजा.अर्चना से सभी कष्टए सभी दुख व विघ्न दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां आती हैं।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर व मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज लोेगों के विघ्नों को हरनेए उनके जीवन को सुखमय बनाने के लिए हर वर्ष श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। गणेश जी को विदाई देने का यही मतलब है कि जिस प्रकार आपने हमारे सभी कष्ट दूर किए, अब आप अन्य भक्तों के कष्ट भी दूर करें। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है क्योंकि वे बुद्धि व शुभता के देवता हैं। हमारे अंदर बुद्धि होगी और हमारे जीवन में शुभता आएगी, तभी हमारे सभी कष्ट व विध्न दूर होंगे। भगवान गणेश का पूजन करते समय भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है। अतः उन्हें सिंदूर का तिलक अवश्य लगाएं। इस दौरान ऊं गं गणपतये नमः का जाप करने से माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। आर्थिक कष्ट दूर होते हैं और जीवन धन.धान्य से भरपूर रहता है। महाराजश्री ने कहा भगवान गणेश की मूर्तिका विसर्जन नवें दिन किया गया क्योंकि नवां दिन बहुत ही शुभ होता है। प्राचीन देवी मंदिर के महंत गिरीशानंद गिरि महाराज, थानापति महंत आनंदेश्वरानंद गिरि महाराज, श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर विकास समिति के उपाध्यक्ष अनुज गर्ग, श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल, श्री दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के सचिव लक्ष्मीेकांत पाढी, अमित कुमार शर्मा, तोयराज उपाध्याय, रोहित त्रिपाठी सामवेदी, वरिष्ठ पत्रकार व कवि राज कौशिक आदि ने भगवान गणेश की पूजा.अर्चना की। शोभा.यात्रा मंदिर से होते हुए डासना गेट, दिल्ली गेट, रमते राम रोड, गंज, घंटाघर, चौपला मंदिर, सिहानी गेट होते हुए जीटी रोड स्थित मीनामल की धर्मशाला में जाकर सम्पन्न हुई। रास्ते में शोभा-यात्रा का जगह.जगह स्वागत किया गया। राईट गंज में दिनेश कुमार गोयल, घंटाघर अनाज मंडी में नरेश प्रधान, चौपला मंदिर पर ईश्वर पंडित, शिवकुमार, सिहानी गेट में गौरव गर्ग, एसबीएन ग्रुप के डायरेक्टर तरूण रावत, नेशनल रफतार के संपादक यथार्थ शर्मा, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव अग्रवाल व मीनामल की धर्मशाला में मैनेजर सुनील शर्मा समेत बडी संख्या में भक्तों ने भव्य स्वागत किया। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि मीनामल की घर्मशाला से भगवान गणेश की मूर्ति को गढमुक्तेश्वर में प्राचीन कल्याणेश्वर महादेव मंदिर ले जाया गयाए मंदिर के महंत सूर्यानंद गिरि महाराज ने पूजा-अर्चना की। बडी संख्या में भक्तों की मौजूदगी में मूर्ति का विधि-विधान के साथ गंगाजी में विसर्जन किया गया। प्राचीन कल्याणेश्वर महादेव मंदिर सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर की ही शाखा है और मंदिर के महंत सूर्यानंद गिरि महाराज श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के शिष्य हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें