सिपाही से दरोगा बनते ही पत्नी को छोड़ा, दूसरी के चक्कर में तलाक का नोटिस भेजा
गाजियाबाद। शहर कोतवाली के पुराना बस अड्डा पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा अभय प्रताप सिंह की पत्नी आशी सिंह ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में अपने पति पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं। आशी सिंह अपनी तीन वर्षीया बेटी व वृद्ध मां के साथ बरेली से गाजियाबाद पहुंची थी। आशी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि पहले उनके पति अभय प्रताप सिंह पुलिस में सिपाही थे। तब तक उनका व्यवहार बहुत अच्छा था। लेकिन प्रमोशन पाने के बाद दरोगा बनने पर अभय प्रताप सिंह का न केवल व्यवहार बदल गया, बल्कि चरित्र भी बदल गया।
दरोगा बनने पर वह उनका उत्पीड़न करने लगे। आशी सिंह का आरोप है कि दरोगा बनने के बाद वे एक युवती के संपर्क में आये और उसके चक्कर में पड़कर उनका उत्पीड़न करने लगे और जबरन तलाक के कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें मारा पीटा गया। पति अभय प्रताप सिंह का लगातार मानसिक उत्पीड़न व मारपीट करने से परेशान हो गयी। आशी सिंह के कहना है कि इस मामले में उनकी सास व नन्दों ने भी उनके पति का पक्ष लिया और कहा कि वह दरोगा बन गया है तो उसे अपने हिसाब से जीन के हक है। ससुराल पक्ष व पति द्वारा लगातार उत्पीडन बढ़ते जाने से कुछ माह पूर्व वह अपने मां के घर बरेली आ गई। वहां उन्होंने बे ऐसे में से कर वह अपनी मां के पास आ गयीं। पति में सुधार की कोई गुंजाइश न देख उन्होंने बरेली के थाना इज्जत नगर में 25 अप्रैल, 2024 को अपने पति अभय प्रताप सिंह व ससुराल के अन्य लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी। आशी सिंह ने बताया कि उनके दरोगा पति अभय प्रताप सिंह के खिलाफ बरेली के इज्जतनगर थाने में आईपीसी की धारा 498ए, 323, 504, 506, 354(क) दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 व 4 के तहत मामला दर्ज कराया है। इस मामले में आशी सिंह ने पति अभय प्रताप सिंह, सास बीना, नन्द सुचेता सिंह, पूजा सिंह, कीर्ति सिंह सहित आठ लोगों को नामजद हैं, लेकिन पुलिस मामले की जांच नहीं कर रही है। उन्होंने पति पर मुकदमा वापस लेने व न तलाक देने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। आशी सिंह का कहना है कि यदि बरेली ने नामजद आरोपियों व व गाजियाबाद पुलिस दरोगा अभय प्रताप सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वे अपनी बेटी को लेकर इस मामले में कार्रवाई करने की मांग लेकर डीजीपी कार्यालय व मुख्यमंत्री दरबार में न्याय मांगने जाएंगी।
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