मोहासुर का गर्व चूर करने के लिए भगवान गणेश ने महोदव अवतार लिया थाः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज
गाजियाबादःसिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड उमड पडी। सोमवार को भक्तों ने मंदिर में भगवान गणेश के तीसरे स्वरूप महोदर की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि राक्षसों का अंत करने व अपने भक्तों की रक्षा के लिए भगवान गणेश ने अनेक अवतार लिए। उनका तीसरा अवतार महोदर अवतार है।
श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने मोहासुर नामक एक राक्षस को अस्त्र.-शस्त्र की शिक्षा.दीक्षा देकर देवताओं के विरुद्ध लड़ने के लिए तैयार किया था। मोहासुर के अत्याचारों से परेशानी देवी-देवताओं ने मिलकर भगवान गणेश का आह्वान किया। तब गणेशजी ने महोदर अवतार लिया। महोदर अर्थात बड़े पेट वाला। महोदर अपने मूषक पर सवार होकर मोहासुर से युद्ध करने पहुंचे। मोहासुर ने बिना युद्ध किए महोदर अवतार को अपना इष्ट बना लिया। महाराजश्री ने बताया कि मोहासुर का गर्व भंग करने के लिए भगवान गणेश ने महोदर अवतार लिया जो ज्ञान का स्वरूप भी है। मंदिर में प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दूर्वा व लडडू तथा मोदक द्वारा गणपति जी का सहस्रार्चन व पूजन किया गया। गणेश स्तुति, षोडशोपचार राज उपचार, भगवान गणेश के सहस्रनाम की भी पूजा हुई। भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया। भगवान गणेश को लडडू व मोदक का भोग लगाया गया। रात्रि में आरती के बाद भोग लगाया गया व प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि 17 सितंबर को भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के बाद मंदिर से शोभा-यात्रा निकाली जाएगी। शोभा-यात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए मुरादनगा गंग नहर स्थित श्री दूधेश्वर घाट पहुंचेगी, जहां भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
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