गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023

क्या बढ़ता पोल्युशन कुत्तो की उग्रता का कारण बन रहा है ??

 


 
मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु
गाजियाबाद। क्या बढ़ता पोल्युशन कुत्तो की उग्रता का कारण बन रहा है। यह कहना हर्ष ENT हॉस्पिटल के  chairman डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने बताया की पॉल्यूशन के कारण डॉग हो रहे हैं उग्र ।डॉ बृजपाल त्यागी ने बताया कि  आजकल आये दिन खबरों  में  पढ़ रहे हैं कि  पैट डॉग व स्ट्रीट डॉग   बहुत काट रहे हैं ।लोगों को  इस बारे में जानने की जरूरत है क्योंकि कुत्ते पहले भी रहते थे पहले इतना हादसे नहीं होते थे| गाँव में आज भी स्ट्रीट डॉग्स काटते नहीं है , तो शहर में आजकल इतने हादसे डॉग क्यों कर रहे हैं, क्यों काट रहे हैं ,क्यों शहरी  समाज परेशान है ?इस बारे में डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने बताया कि पहले इतना पॉल्यूशन नहीं होता था आजकल जो बहुत ज्यादा पॉल्यूशन हो रहा है उसकी वजह से डॉग उग्र हो जाते हैं ,और पॉल्यूशन  उनकी नाक में जाकर उस 
कण फेफड़े की झिल्ली में बैठ जाते हैं ,उनमें ऑक्सीजन की कमी के कारण  उग्रता बढ़ जाती है । उनके ब्रेन में भी पोल्युशन की वजह से कुछ केमिकल चेंज होते है और वह उग्र हो जाते है ।जब डॉग को इर्रिटेशन होती है तो वह फिर जो भी अनजान आदमी उसके आसपास आता है उसको काटने की कोशिश करता है ।ऐसे में जो खबर छप रही  है। कि कुत्तो को हटाना चाहिए और उनके रखने पर कुछ चार्ज लगना चाहिए। एडमिनिस्ट्रेशन को डॉ बृजपाल त्यागी सुझाव देते है  कि वह एक तो पॉल्यूशन को कम करने की कोशिश करें और दूसरा  डॉग को  इम्यूनाइज कर दें तो फिर यह दिक्कत सामने नहीं आएगी ।तीसरी बात पालतू डॉग्स लवर के लिए  है कि वह अपने पालतू डॉग्स को इम्यूनाइज कर के रखें उसका रजिस्ट्रेशन कराये । उनको जब घूमाने ले जाते हैं तो उसमें मजल लगाये ,अगर मजल नहीं लगाएंगे तो वह इरिटेट होकर बाहर पॉल्यूशन की वजह से किसी को भी काट सकता है ।डॉग इरिटेट हो सकता है एवं मालिक को  भी काट सकता है ।जो खबरें आजकल मीडिया में आ रही है कि डॉग ने बच्चों को काटा या यह कि छोटे बच्चों को चार-पांच कुत्तों ने काट लिया और उसकी मृतु हो गई ,इन सब में  चीज देखना बहुत जरूरी है कि वह डॉग रेबीज़ से ग्रस्त तो नहींहै।  वह उग्र किस वजह से हुआ पड़ा है पॉल्यूशन की वजह से या रेबिस कीं वजह  से।  क्योकि रेबिज जान लेवा बीमारी है उसका इम्यूनिजेशन तो करना ही है साथ साथ अपने पैट को पोल्युशन फ्री वातावरण मी रखना भी ज़रूरी हैं ।

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