विशेष संवाददाता
नई दिल्ली/ गाजियाबाद। विश्व पुस्तक मेले में देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था 'कथा रंग' के लेखकों व साहित्यकारों का खासा दबदबा देखने को मिला। एक सप्ताह चले इस मेले में 'कथा रंग' से जुड़े सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार सुभाष चंदर, पंकज प्रसून, वंदना यादव, निधि अग्रवाल, रिंकल शर्मा व रेनू अंशुल सहित कई सदस्यों की विभिन्न पुस्तकों का लोकार्पण देश के दिग्गज साहित्यकारों द्वारा किया गया।
मेले का आखिरी दिन भी कथा रंग से जुड़े दिग्गज रचनाकारों की पुस्तकों के लोकार्पण के नाम रहा। सुबह के प्रथम सत्र का शुभारंभ अद्विक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित चर्चित व्यंग्यकार सुभाष चंदर के हास्य कथा संग्रह 'दाने अनार के' के विमोचन से हुआ। सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि सुभाष चंदर को इस दौर के अग्रणीय रचनाकार होने का गौरव इसलिए हासिल है कि वह व्यंग्य एवं हास्य को अलग-अलग तरह से गढ़ते हैं।
इसके साथ ही अद्विक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित गिरीश पंकज के व्यंग्य संग्रह 'चयनित व्यंग्य', पंकज प्रसून के व्यंग्य संग्रह 'झूठ बोलना पाप है' व जे. पी. पांडे के बाल कथा संग्रह 'नीली राजकुमारी' का लोकार्पण सुभाष चंदर, आलोक यात्री, रामनाथ त्रिपाठी, शंभू नाथ मिश्रा, गोपेश्वर दत्त पांडे, रजनीकांत शुक्ला, प्रोफेसर हर्षबाला शर्मा के कर कमलों द्वारा हुआ।
हॉल नंबर 2 के लेखक मंच पर आयोजित लोकार्पण समारोह के अतिथि आलोक यात्री ने कहा कि सुभाष चंदर हास्य एवं व्यंग्य के न सिर्फ सशक्त हस्ताक्षर हैं, बल्कि व्यंग के इतिहास को संजोने का महत्वपूर्ण काम भी उन्होंने किया है। उनकी लेखकीय क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हास्य एवं व्यंग्य में योगदान स्वरूप अब तक उनकी चार दर्जन से अधिक पुस्तकें पाठकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल कर रही हैं। इसके अलावा अद्विक प्रकाशन के स्टॉल पर चर्चित लेखिका वंदना यादव के बाल कथा संग्रह 'पिकनिक और अन्य कहानियां' का लोकार्पण सुभाष चंदर, गिरीश पंकज, आलोक यात्री, सिकंदर यादव द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर सुभाष चंदर ने कहा कि वंदना यादव लेखन के हर क्षेत्र में तेजी से पहचान बना रही हैं। कार्यक्रम का संचालन व्योमा शर्मा ने किया। इस अवसर पर प्रकाशक अशोक गुप्ता, अनिल मीत, शिवराज सिंह, अरुण जैमिनी, राजीव तनेजा, अर्पण जैन 'अविचल', उत्कर्ष गर्ग व जोया सहित बड़ी संख्या में पाठक व श्रोता मौजूद थे।
इसके अलावा प्रकाशक 'किताबवाले' के स्टाल पर गिरीश पंकज के संग्रह 'मेरी प्रिय हास्य रचनाएं', प्रभा ललित सिंह के उपन्यास 'युग योद्धा योगी', डॉ. प्रमिला वर्मा की पुस्तक 'रुक जाओ वैदेही' एवं संतोष श्रीवास्तव की पुस्तक 'कर्म से तपोवन तक' का विमोचन कार्यक्रम अध्यक्ष संजीव कुमार, विशिष्ट अतिथि आलोक यात्री एवं मुख्य अतिथि सुभाष चंद्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर कृष्णा नागपाल, दिविक रमेश व प्रकाशक प्रशांत जैन सहित बड़ी संख्या में श्रोता व पाठक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चकाचौंध ज्ञानपुरी ने किया। इससे पूर्व 'कथा रंग' परिवार की सदस्या रेनू अंशुल की पुस्तक 'बटरफ़्लाईज़' का लोकार्पण साहित्यकार महेश दर्पण, एस. आर. हरनौट व रामेश्वर मिश्र के कर द्वारा किया गया। पुस्तक का प्रकाशन प्रलेक प्रकाशन द्वारा किया गया है। इस अवसर पर रामचंद्र दास व अंशुल अग्रवाल सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।
रविवार को ही लेखिका रिंकल शर्मा की पुस्तक '21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां, दिल्ली' का विमोचन हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने किया। पुस्तक में शामिल सभी कहानियां स्त्री मनोभावों और स्त्री विमर्श से जुड़ी हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण शुक्ल ने किया। इस अवसर पर
अनिल अग्रवंशी, शिवराज सिंह, रेनू सैनी, नेहा वैद्य, अंजलि त्यागी, अमित शर्मा, नीना महाजन, रेनू अंशुल, कीर्ति रतन, रणविजय राव, राकेश कुशवाह, उत्कर्ष गर्ग, अंशुल अग्रवाल, डॉ. खुशी आलम, अशोक कुमार गुप्ता, अरुण कुमार जैमिनी एवं व्योमा मिश्र उपस्थित थे।
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