रविवार, 4 फ़रवरी 2024

त्रिदिवसीय विराट आर्य महासम्मेलन धूमधाम से संपन्न,आज भी महर्षि दयानन्द की बातों को आत्मसात करेंगे तो भारत विश्वगुरू बनेगा-डा वीके सिंह


मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

वेद रूपी समुन्द्र में जितने गोते लगाओगे उतनी बार मोती मिलेगा-सांसद डा सत्य पाल

मनुष्य की हर परेशानी का हल दयानंद ने दिया-आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक

महर्षि दयानन्द ने अपनी विचार धारा का आधार वेद को बनाया-स्वामी आर्यवेश

गाजियाबाद। रविवार को जिला आर्य प्रतिनिधि सभा एवं आर्य केन्द्रीय सभा के संयुक्त तत्वावधान में महर्षि दयानंद यशोगाथा सम्मेलन का शुभारंभ आर्ष गुरुकुल नोएडा के प्राचार्य डॉ.जयेन्द्र आचार्य के ब्रह्मत्व  महायज्ञ से हुआ।वेदपाठ आर्ष गुरुकुल नोएडा ब्रह्मचारियों एवं आर्ष कन्या गुरुकुल सौरखा की ब्रह्मचार्णियों द्वारा किया गया। सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक पंडित कुलदीप आर्य मेरठ के आधुनिक साजबाज पर ऋषि दयानंद सरस्वती यशोगान गीतों गीतों को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।

मुख्य अतिथि के रूप में पधारे जन.डा वीके सिंह (राज्य मंत्री भारत सरकार) ने आर्य दर्पण पुस्तक का विमोचन किया और आयोजकों को सुन्दर आयोजन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि महर्षि दयानन्द की 200 वीं जयंती पर विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।स्वामी  दयानन्द की कल्पना थी भारत को बदलने की उनका सपना साकार हो रहा है।सनातन धर्म बहुत पुराना चलता आ रहा है चलता रहेगा,बीच में इसमें कुछ विकार आए थे उनको दूर करने की चेष्टा हुई।जैसे दही को मथने पर मक्खन निकलता है,उस मक्खन रूपी अमृत को ग्रहण कर सुधार कर सकते हैं। महर्षि की इतनी प्रसिद्धि हो गई थी,उस समय के लोग उनकी प्रसिद्धि नहीं चाहते थे,रास्ते से हटाना चाहते थे।अच्छे विचारों को,जिम्मेदारी को लेकर चलना धर्म है।यदि आज भी स्वामी दयानन्द की बातों को आत्मसात करेंगे तो भारत वास्तव में विश्वगुरु बनेगा,आपके अथक प्रयासों से आर्य समाज शक्तिवान,ऊर्जावान और जमानस को दिशानिर्देश देगा।आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक (होशंगाबाद) ने सिंहगर्जना करते हुए कहा कि प्रज्ञाचक्षु विरजानन्द के मन की इच्छा को प्रभु की कृपा से स्वामी दयानन्द ने पूर्ण किया।विद्या पूर्ण होने पर दक्षिणा में लोंग के स्थान पर पूरा जीवन जंजीरों में जकड़ी भारत माता को मुक्त कराने हेतु मांगा जिसे दयानन्द ने सहर्ष दिया।उन्होंने कहा मनुष्य की हर परेशानी का हल दयानंद ने दिया।डा सत्यपाल (सांसद बागपत) ने कहा कि महर्षि दयानन्द की 200 वीं जयंती का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देता हूं।मेरा यहां तक पहुंचने का श्रेय ऋषि दयानंद की विचाधारा है जो शांति से जीना चाहते हो वह मार्ग वेदों का मार्ग है जो महर्षि दयानंद ने बताया था।उन्होंने बताया स्वराज्य का बिगुल,चक्रवर्ती सम्राट होते थे,विश्वगुरु,स्वदेशी आंदोलन को बताने वाला दयानंद था।वेदरूपी समुंद्र में जितने गोते लगाओगे उतनी बार मोती मिलेगा,इसलिए सत्यार्थ प्रकाश,वेद और ऋषि दयानंद को आत्मसात करें,देश और घर अच्छा बनेगा।डा जयेंद्र आचार्य ने कहा कि जो व्यक्ति एक बार दयानन्द सरस्वती के विचारों का रस चख लेता है उसे कोई अन्य रस अच्छा नहीं लगता।

डा पवित्रा विद्यालंकार ने कहा कि  महर्षि दयानन्द सरस्वती राजाओं के राजा परमात्मा की वेदाज्ञा का पालन करता थे जो कुछ कहते सत्य ही कहते थे।सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश ने कहा कि महर्षि दयानन्द ने अपनी विचार धारा का आधार वेद को बनाया, वेद की कसौटी पर जो विचार खरे नहीं उतरते थे वे उन्हें नहीं मानते थे।उन्होंने गूगल पर अश्लीलता परोसने के लिए उसपर पाबंदी की सरकार से मांग की। स्वागताध्यक्ष माया प्रकाश त्यागी ने 100 वर्षीय मुंशी त्रिलोक चन्द के संस्मरण सुनाते हुए कहा परमात्मा द्वारा रचित संसार में पहाड़,वहां से निकली नदियां, वनस्पतियां,सूर्य,चन्द्र,श्रेष्ठ मानव चोला ध्वज के सामान उसका रास्ता बता रहे हैं,इन्हें निहारो ये आपको उस तक ले चलेंगे। अध्यक्षता कर रहे देवेन्द्र पाल वर्मा ने सम्मेलन की सफलता की आयोजकों को बधाई दी।उन्होंने कहा भय और लोभ व्यक्ति को गिरा देता है। आर्य समाज सत्य को सत्य कहता है,हमें भी उनके अनुरूप चलना चाहिए।अपने सिद्धांतों पर चलने का आह्वान किया। मंच का कुशल संचालन यशस्वी मंत्री सत्यवीर चौधरी ने करते हुए कहा कि महर्षि दयानंद ने जो सपना देखा था उसको आज की वर्तमान सरकार पूर्ण कर रही है। इस अवसर पर डा महावीर अग्रवाल (पूर्व कुलपति गुरुकुल कांगड़ी),ठाकुर विक्रम सिंह श्रद्धानंद शर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री आई सी अग्रवाल,सुभाष गर्ग,प्रतिभा सिंघल,नरेश त्यागी, मोती लाल गर्ग,ओम प्रकाश आर्य,डा प्रेम पाल शास्त्री, सुरेन्द्र पाल,मोती लाल गर्ग,स्वामी सुर्यवेश,प्रवीण आर्य,डा प्रमोद सक्सेना,सुभाष शर्मा,सुशील भाटिया,डा आरके आर्य,आनंद प्रकाश आर्य,नरेन्द्र आर्य आदि मौजूद रहे।




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