शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से रियल लाइफ बनी रील लाइफ - सीमा त्यागी


 गाजियाबाद। सोशल मीडिया एक ऐसा माध्य्म है जिसके फायदे और नुकसान दोनों हैं, अगर हम आज के परिवेश में इसका आकलन करे तो सोसल मीडिया के नुकसान इसके फायदों से कई गुना अधिक हैं,  आजकल सोशल मीडिया एक नशे की लत की तरह युवाओ से लेकर बुजर्गो तक तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है हम सभी देख रहे है कि सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव भारत की युवा पीढ़ी पर हावी होता जा रहा है जिसके कारण भारत की युवा पीढ़ी भौतिक रूप से जीवन जीना छोड़कर काल्पनिक जीवन जीने की उड़ान भर रहे है सोशल मीडिया का बढ़ता दायरा समाज के प्रत्येक पहलू को प्रभावित कर रहा है विशेषकर युवाओं के नैतिक और सामाजिक मूल्यों के साथ यह युवाओं की जीवनशैली और विचारों को भी तीव्र गति से प्रभावित कर रहा है सोशल  मीडिया का बढ़ता दायरा भारतीय संस्कृति को पतन की तरफ ले जाता हुआ प्रतीत हो रहा है एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में फेसबुक के माध्यम से दोस्ती और यौन हिंसा का अनुपात 39%, इंस्टाग्राम 23%, व्हाट्सएप 14% है,  महिला वेब अध्ययन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 34% महिलाओं को पुरुषों द्वारा ऑनलाइन परेशान किया जा रहा है; इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया के 150 मिलियन यूजर्स में से 60 मिलियन महिलाएं हैं। सोसल मीडिया का बढ़ता दायरा आज युवाओ के मन और मस्तिष्क पर हावी हो रहा है जिसके कारण आज समाज मे नए नए तरीके के अपराध हो रहे है महिला पुरूष और बच्चे सभी इसकीं मजबूत पकड़ से अछूते नही है अगर सोसल मीडिया के  बढ़ते नकारात्मक दायरे पर चिंतन नही किया गया तो वो दिन दूर नही जब हम भारत की आधी से ज्यादा आबादी को मानसिक रूप से अवसादग्रस्त होते देखेगे 

#ABVP_Allindia

#abhibhvk_sangh

#aajtak

#DM_Ghaziabad

# haziabad_news 

# hindi_news_paper_ghaziabad #satta_bandhu



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें