जानकारी के अनुसार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 1 जून 2021 से 31 जुलाई 21 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत खसरा नंबर 339, 340, 349, 350 ग्राम रसूलपुर सिकरोड़ कोड संख्या 895 41डी के तहत फार्म भरवाए। फार्म भरवाते समय लोगों से पांच-पांच हजार रुपये भी लिए लेकिन फार्म भरने के 10 माह बाद ही प्राधिकरण के अधिकारियों ने मकानों का ड्रा भी निकाल दिया। अधिकारियों ने ड्रा किस स्थिति में निकाला जब मकान बनकर तैयार भी नहीं हुए। ड्रा निकलने के बाद लोग मकान पाने के लिए कभी जीडीए और कभी नगर निगम तो कभी डूडा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इनको मिलने वाले मकानों का कोई अता पता ही नहीं है। लोगों की इस समस्या का समाधान कराएं भी तो कैसे जब मकान बने ही नहीं हैं। खड़े स्ट्रक्चर में उन्हें कैसे बसाया जाए यह भी सोचनीय प्रश्न है। आज भी लोग नगर निगम और जीडीए के चक्कर लगवा रहे हैं। लेकिन इनकी कोई सुनने वाला नहीं है। विभागीय अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि धूमिल हो रही है। जो 789 मकान पात्र लोगों को देने हैं वह गोविंदपुरम के आइडियल इंस्टिट्यूट के निकट एटीएस ग्रैंड रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड फर्म के द्वारा बनाए जा रहे हैं जो कि निर्माणाधीन है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा प्रताप विहार, मोदीनगर, डासना, लोनी आदि स्थानों पर पीएम योजना के मकान बनाए जा रहे हैं जिनका काम तेजी पकडेÞ हुए है। लेकिन मधुबन बापूधाम में करीब 2 साल बीत जाने के बाद भी मकान नहीं बन पाने से लोगों में भारी रोष व्याप्त है। पीएम आवास पाने वाले लोगों ने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री, जिला अधिकारी/उपाध्यक्ष जीडीए, सचिव जीडीए आदि से जल्द से जल्द मकान दिलवाने की मांग की है। पात्र लोगों का कहना है कि अधिकारी या तो हमें नया मकान दें या कहीं और बनाए जा रहे पीएम आवास योजना में मकान दिया जाए। जीडीए अधिकारियों का कहना है एटीएस फर्म के पास पैसा नहीं है। पैसे की मांग शासन से की है जिसकी फाइल सूडा लखनऊ को भेजी गई है। जल्द ही काम में तेजी आएगी।
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