गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

भाजपा इस बार पंजाबी समाज को टिकट दे----इन्द्रजीत सिंह टीटू

  

 मुकेश गुप्ता  गाजियाबाद।  पंजाबी समाज सज जुड़े सरदार इन्द्रजीत  सिंह टीटू ने इस बार निकाय चुनाव में भाजपा से पंजाबी समाज के सदस्यों को मेयर, सीट पर टिकट दिए जाने की मांग की है साथ ही पंजाबी समाज से कहा कि वह अब भी जाग  जाए।

           उन्होंने कहा कि  हर राजनीतिक दल का अपना एक सिस्टम है अपना एक संगठन है अपनी एक कार्यशैली है लेकिन जितनी मेरी उम्र है जितना मेरा राजनीतिक तजुर्बा है पिछले 28 या 29 साल से मैं राजनीतिक और सामाजिक सेवा में लगा हुआ हूं पूरा पंजाबी समाज आजादी से लेकर आज तक भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ है आंख मीच पर भारतीय जनता पार्टी को सपोर्ट करता है तन से भी मन से भी धन से भी लेकिन सत्ताधारी पार्टी आज भी पंजाबी समाज को रिफ्यूजी मानती है और वह सम्मान नहीं देती जो दूसरे समाज को देती है या तो पंजाबी समाज के लोग अपना हक मांगते नहीं है अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाते हैं या अपने को सारी जिंदगी एक कार्यकर्ता बनकर ही पार्टी में काम करना चाहते हैं ?

           सरदार इन्द्रजीत सिंह टीटू ने कहा कि सभी समाज आदर के योग्य है मेरे सभी धर्म आदर के योग्य हैं उसका कारण है मुझे भी सभी जाति धर्म के लोग कोई अपना छोटा भाई मानता है कोई अपना बच्चा मानता है कोई निजी प्यार रखता है मेरे से स्नेह रखते हैं मेरे से यही कमाई है अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन की

             दूसरी ध्यान देने योग्य बात यह है अन्य राजनीतिक दल पंजाबी समाज को सम्मान देना चाहते हैं सभी अन्य दल आमंत्रित भी करते रहते हैं कोई भी सक्षम व्यक्ति या बहन चुनाव लड़े क्योंकि हमारी कुर्बानियों को देखते हुए हमारी सेवा भावनाओं को देखते हुए हमारे आपसी भाईचारे को देखते हुए और देश के प्रति प्रेम को देखते हुए लेकिन समाज के लोग अन्य राजनीतिक दलों से चुनाव ना लड़कर सबकी एक प्रबल इच्छा रहती है कि हम सत्ताधारी पार्टी से चुनाव लड़े लेकिन अपना हक ले नहीं पाते हैं जिसके दल के साथ पिछले 50 दशक से जुड़े हुए हैं हर तरीके से इस बात को हर जगह कहा भी जाता है की पंजाबी समाज तो बीजेपी का वोटर है

                इस दफा भी सत्ताधारी पार्टी अगर पंजाबी समाज की किसी बहन को किसी बहू को किसी कार्यकर्ताओं को महापौर गाजियाबाद की सीट पर कंसीडर नहीं करती है तो पूरे बीजेपी से जुड़े हुए पंजाबी समाज के नेता कार्यकर्ता इस पर जरूर विचार करें कि उनको अब कुर्ता पजामा पहनना है या उतार कर अपने कारोबार में अपने परिवार में व्यस्त रहना है

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