गाजियाबादःसंजयनगर के पी ब्लॉक में चल रही श्रीमद भागवत कथा में कथा व्यास ने गोवर्धन पूजा प्रसंग का वर्णन कर सभी को भाव-विभोर कर दिया। कथा में गोवर्धन पर्व धूमधाम से मनाया गया। गिरिराज महाराज की झांकी आकर्षण का केंद्र रही और भगवान को छप्पन भोग लगाया गया।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhoN-yCVWQFnEh95RaxtTWZE0Lrh9Cy2QhkzmXiy94AGBFJ0KAbRvDocymFu4ADJfnQQFtVK6otAXUKCR-LHG1AAEFHeK77-g0lqe8AWJQ3ISCHP8JeCp5jcpIeKHdQsFmbPbH4LHDj4zWGCai4LLg7B9cW7rmW-C6rgVqzymTmy2A-TTjGIi-NFv8N/s320/IMG-20230408-WA0024.jpg)
कथा व्यास पंडित विष्णु दत्त सरस ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं के दौरान जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया। कथा के दौरान गिरिराज पर्वत की झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे। पंडित विष्णु दत्त सरस ने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस लीला के द्वारा भगवान ने प्रकृति संरक्षण का संदेश भी दिया। कथा के मुख्य यजमान प्रवीन शर्मा व प्रदीप शर्मा के अलावा दीपिका, मधु, वात्सलय शर्मा, डॉ रिशेष शर्मा, अंशु दीक्षित, अलका, दया, पिंकी, कौशल, मुन्नी, विमलेश आदि ने गिरिराज महाराज की पूजा-अर्चना की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें