मंगलवार, 9 जनवरी 2024

जिला अस्पताल बना बंदर, कुत्तों की शरणस्थली, टि्पल इजंन की सरकार पर डा० बी पी त्यागी ने उठाएं सवाल

 

मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

गाजियाबाद। जिला एम एम जी अस्पताल व सयुंक्त अस्पताल संजयनगर आज कल बंदरों व लावारिस कुत्तों की शरणस्थली बन गया है। जिला एम एम जी अस्पताल के वार्डो मे सर्दी मे लावारिस कुत्ते नजर आते है। स्वास्थ्य कर्मी कुत्तों को भगाने की जहमत नहीं उठाते हैं। वहीं मरीज व उनके तिमारदार कुत्ते के काटने से डरते हैं। इससे पहले भी डाक्टरों पर  कुत्ते बंदर हमला कर चुके हैं। इस सम्बंध में  राष्ट्रवादी जनसत्ता दल के स्वास्थ्य प्रभारी डॉ बी पी त्यागी ने ट्रिपल इंजन सरकार की कार्य प्रणाली पर फिर सवाल उठाए है। 

उन्होंने कहा कि  एम एम जी अस्पताल के वार्ड में स्ट्रीट डॉग का मिलना कितना घातक ??                         रेबीज सीरम क्यों ज़रूरी है ??

क्या है डॉग बाईट में उसका महत्व ??

नई नेशनल गाइड लाइन फॉर रेबीज कंट्रोल के तहत नीचे लिखी जानकारी को समझे 

अगर डॉग, मंकी, रैट ,कैट इत्यादि का दांत चमड़ी के नीचे चला जाता है तो रेबीज वैक्सीन फुल कोर्स 0,3,7,14,28 दिन पर देने के साथ साथ रेबीज सीरम भी देना ज़रूरी होता है जो घाव के नीचे लगाया जाता है । 

रेबीज सीरम २ प्रकार का होता है 

१- ह्यूमन 

२- इक्वाइन 

ह्यूमन सीरम आधि खुराक में लगता है व इक्वाइन सीरम पूरी खुराक में लगता है ।

40 IU पर केजी के हिसाब से इक्वाइन व 20 IU पर केजी के हिसाब से ह्यूमन सीरम दिया जाता है । 

गर्दन व गर्दन के ऊपर अगर जानवर द्वारा छिल भी दिया जाये तो दोनों इंजेक्शन / सीरम लगाना ज़रूरी है ।

अब अगर इम्यूनो कंप्रोमाइज्ड / कम इम्युनिटी वाले मरिजो की बात करे तो दोनों ही लगाना सेफ है । 

कौन है कम इम्युनिटी वाले मरीज़ ??

१- एचआईवी 

२- अनकंट्रोल्ड डायबिटीज 

३- कैंसर 

४- ऑर्गन ट्रांस्प्लांट 

५-स्टेरॉयड थेरेपी किसी भी बीमारी के लिए 

६- कीमोथेरेपी किसी भी बीमारी के लिए 

इंजेक्शन लगाने की तकनीक 

०.१ ml डरमिस में 

०.१ ml सेम साइड की डेल्टॉयड मसल में 

बचा हुआ दूसरी तरफ़ की डेल्टॉयड मसल में ।

अगर फिर से इलाज के बाद कभी भी जानवर काठता है तो काटने वाले दिन व तीसरे दिन सारा इलाज करना है । 

लेकिन अगर ट्रिपल इंजन की सरकार में भी सरकारी अस्पतालों को रेबीज सीरम नहीं मिलेगा तो कौन है ज़िम्मेवार ??

उसके भी ऊपर अस्पताल के वार्ड में स्ट्रीट व बिना वैक्सीन लगाये डॉग का पाया जाना ट्रिपल इंजन सरकार पर व ग़ाज़ियाबाद नगर निगम पर सवाल उठाता है ।

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