रविवार, 28 जनवरी 2024

रेफ़रल सेंटर बनकर रह गए हैं गाजियाबद के सरकारी अस्पताल -डॉ. बीपी त्यागी ने की मुख्यमंत्री से गहराई से जांच की मांग

 

मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

ग़ाज़ियाबाद । राष्ट्वादीजनतासत्ता दल के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी व वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. बृजपाल त्यागी ने गाजियाबाद के हेल्थ विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकारी अस्पताल रेफरल अस्पताल बनकर रह गए हैं । उन्होंने मुख्यमंत्री से गहराई से जांच की मांग की है। डॉ.त्यागी ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों की स्थिति पर नजर डालें तो गाजियाबद का  हेल्थ सिस्टम सवालो के दायरे में आ गया है।उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले संजय नगर के कंबाइंड हॉस्पिटल से एक 11 साल की बच्ची को जिसके गले में सिक्का फँसा हुआ था एक प्राइवेट हॉस्पिटलभेज दिया जाता है ।जो की महिंद्रा एनक्लेव में स्तीथ है । लेकिन बच्चे के पिता हर्ष अस्पताल में जाते है और डॉ बी पी त्यागी सारा इलाज फ्री कर देते है । क्योकि बच्चा ग़रीब था , और बच्चे को सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस तक नहीं मिलती है । अभी एक मामला ईएसआई साहिबाबाद का है ,एक ईएसआई कार्ड होल्डर की  सास को बिना देखे की नोएडा यथार्थ अस्पताल भेज दिया जाता है और  उस मरीज़ को हार्ट में स्टंट लगा दिये जाते है व बिल ईएसआई के लिए जेनेरेट कर दिया जाता है । 

ये दोनों मामले कही न कही अंदर तक घुसे दलाली सिस्टम की और संकेत दे रहे है । ये दोनों मामले एक हफ़्ते के अंदर पकड़ में आना यह दर्शाता  है कि मुख्यमंत्री योगी व प्रधानमंत्री मोदी कितना भी पैसा भेजे दलाली तो होगी ही । क्या इन दोनों प्राइवेट हॉस्पिटल्स या दोनों सरकारी हॉस्पिटल की जाँच होगी ?? क्या ग़रीब ऐसे ही पिस्ता रहेगा और प्राइवेट हॉस्पिटल के दलाल सरकारी अस्पतालों को ऐसे ही पैसा बाटता रहेगा ।ये कौन है जो सरकार के पैसे का दुरुपयोग कर रहा है  यदि इसकी गहराई से जांच हो जाये तो पूरे नेक्शस का खुलासा सकता है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें