सोमवार, 14 जुलाई 2025

सावन में शिव आराधना और रुद्राभिषेक से दूर होगी मानसिक अशांति- महंत विजय गिरी महाराज

 

                         मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद । भगवान शिव को समर्पित अत्यंत पवित्र और पावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो चुकी है जो कि एक महीना यानि 9 अगस्त तक चलेगा और इस बार सावन के 4 सोमवार व्रत रखें जाएंगे साथ ही भक्तों ने कावड़ यात्रा भी प्रारंभ कर दी है। आपको बता दें कि जहाँ शिवालयों में शिव भक्तो की भारी भीड़ देखने को मिलेगी तो वहीं शिव आराधना हेतु अभिषेक अनुष्ठान आदि भी किये जाएंगे और 14 जुलाई को पड़ने वाले सावन के पहले सोमवार को लेकर भक्तों में उत्साह की स्थिति देखने को मिल रही है।सावन के पहले सोमवार यानि 14 जुलाई के महत्व के विषय में   महेश गुर्जर गिरी जी महाराज ने बताया कि वैसे तो पूरा सावन महीना भगवान शिव की आराधना हेतु श्रेष्ठ है वहीं उनके प्रिय दिवस सोमवार को विधि विधान से किया गया अभिषेक अत्यंत फल दायी होता है।मान्यता अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है जबकि सावन वह दिव्य कालखंड है जिसमें संपूर्ण सृष्टि शिवमय हो जाती है और यह महीना केवल एक धार्मिक पर्व नहीं,बल्कि आत्मशुद्धि,आत्मसमर्पण और शिवभक्ति की एक गहन अनुभूति है।इस मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है।इस बार पड़ने वाले सोमवार की श्रृंखला में 21,28 जुलाई के बाद 4 अगस्त को पड़ेगा।उन्होंने कहा कि सोमवार को देवाधिदेव महादेव की कृपा प्राप्ति का द्वार माना गया है।सोमवार कि शिव पूजा के महत्व को लेकर विजय गिरी महाराज  ने बताया कि सावन के सोमवार इसलिए प्रभावशाली होते हैं क्योंकि इस ऋतु में सूर्य का प्रभाव कम और चंद्र का प्रभाव अधिक होता है।चंद्रमा मन के स्वामी हैं और यही समय मानसिक शुद्धि,भावनात्मक संतुलन और आत्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम माना गया है।इस दिन श्रद्धापूर्वक किया गया रुद्राभिषेक मन के विकारों को शांत करता है।ग्रह दोषों में विशेषकर चंद्र,राहु,केतु और शनि से संबंधित पीड़ाओं की शांति के लिए सावन सोमवार को किया गया रुद्राभिषेक अत्यंत लाभकारी होता है।कालसर्प योग,जो अनिश्चितता,भय और जीवन में अवरोध का कारण बनता है उसके निवारण के लिए भी यह महीना अत्यंत श्रेष्ठ है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें