मुकेश गुप्ता
भक्तों की लगी लंबी-लंबी कतारे, भगवान के दर्शन के लिए भक्तों को करना पड रहा है घंटों इंतजार
मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य व मार्गदर्शन में हुई व्यवस्थाओं की भक्त कर रहे हैं सराहना
गाजियाबादः सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार को भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों की लंबी-लंबी कतारें भगवान दूधेश्वर के दर्शन-पूजन व जलाभिषेक के लिए लगी हुई हैं। मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य में व मार्गदर्शन में जिला-पुलिस व नगर निगम द्वारा की गई व्यवस्थाओं की शिवभक्तों द्वारा सराहना की जा रही है। सावन के पहले सोमवार को भगवान दूधेश्वर के जलाभिषेक के लिए मंदिर में रविवार की रात्रि 10 बजे से ही भक्तों की भीड़ लगने लगी थी। कुछ ही देर में लंबी कतार लग जाने पर महाराजश्री ने रात्रि 12 बजे से ही मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुलवा दिए। मंदिर में भगवान के दर्शन-पूजन व जलाभिषेक के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पजांब, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु आदि से भक्त पहुंचे जिससे भक्तों की कतार घंटाघर तक पहुच गई। भगवान के दर्शन के लिए भक्तों को घंटों इंतजार करना पड रहा है, मगर उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है और भगवान दूधेश्वर व हर हर महादेव के जयकारों से मंदिर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी गूंजायमान हो रहा है। प्रातः 3.15 बजे भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार मोहित व उनकी टीम द्वारा किया गया। प्राचीन देवी मंदिर द्वारका पुरी दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने धूप आरती व दीप आरती की। भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया। भगवान का सांय भी विजय मित्तल द्वारा भव्य श्रृंगार किया जाएगा और 108 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। शंकर गारमेंटस के संजय गर्ग ने परिवार समेत रूद्राभिषेक कराया। भक्त भगवान के दर्शन-पूजन व जलाभिषेक के बाद महाराजश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर इस मंदिर में जलाभिषेक के लिए इस प्रकार की व्यवस्था कर रहे हैं कि भक्तों को कोई परेशानी नहीं हो रही है और जिला व पुलिस तथा नगर निगम द्वारा की गई व्यवस्थाओं की बेहद सराहना कर रहे हैं। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि सावन का सोमवार भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। सावन के सोमवार को जलाभिषेक करने पर वे भक्तों के सभी कष्ट दूर कर प्रत्येक मनोकामना पूर्ण करते हैं। इसी कारण सावन के सोमवार को व्रत रखकर भगवान का जलाभिषेक का इतना अधिक महत्व है कि सोमवार को पूरे दिन कभी भी जलाभिषेक करने पर भगवान की कृपा की प्राप्ति होती है। दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार को देर रात्रि तक जलाभिषेक होगा।
सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि मंदिर में सावन के पहले सोमवार को भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक रात्रि 12 बजे के बाद से ही शुरू हो जाएगा। सबसे पहले महाराजश्री भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना कर उनका अभिषेक करेंगे, उसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। रात्रि 3 बजे प्राचीन देवी मंदिर द्वारका पुरी दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज धूप आरती-दीप आरती करेंगे। मोहित व विद्या शंकर तिवारी भगवान का श्रृंगार अभिषेक करेंगे। सोमवार की सांय को भी भगवान का भव्य श्रृंगार किया जाएगा और विजय मित्तल द्वारा भगवान को 108 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। सावन के पहले सोमवार को देश भर के भक्त जलाभिषेक करेंगे, इसी के चलते सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर ही नहीं आसपास के क्षेत्र में भी पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। सीसीटीवी कैमरों से भी आने-जाने वालों पर पूरी नजर रखी जाएगी। मंदिर के स्वयं सेवक भी व्यवस्था में सहयोग करेंगे। श्रीमहत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि सावन मास के प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। महाराजश्री ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को वैसे तो पूरे दिन ही भगवान की पूजा-अर्चना करना व जलाभिषेक करना उत्तम रहेगा, मगर शुभ मुहूर्त में जलाभिषेक करना और भी उत्तम माना गया है। सावन के पहले सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.11 से 04.52 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11.59 से 12.55 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही प्रदोष काल भी जलाभिषेक के लिए बहुत शुभ माना जाता है।




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