गुरू पूर्णिमा पर्व पर भगवान सत्यनारायण की कथा कराने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि व खुशहाली आती है
गाजियाबादः सिद्ध पीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि गुरू पूर्णिमा का पर्व गुरूवार 10 जुलाई को मनाया जाएगा। हम सब मनुष्यों के जीवन निर्माण में गुरुओं की अहम भूमिका होती है। जिन गुरुओं ने हमें गढ़ने में अपना योगदान दिया है, उनके प्रति अपने कृतज्ञता के भाव को ज़ाहिर करने के लिए ही गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का ऐसा पावन पर्व है, जो ज्ञान, शिक्षण और मार्गदर्शन के प्रतीक गुरु को समर्पित होता है। यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मान देने और अपने जीवन में गुरु के योगदान को याद करने का उत्तम अवसर होता है। इस बार का गुरू पूर्णिमा पर्व और भी खास है क्योंकि यह गुरूवार को है। गुरूवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, जो समस्त सृष्टि के संचालक, रक्षक, शुभकर्ता व मंगलकर्ता हैं। गुरू पूर्णिमा पर भगवान विष्णु योग निंद्रा में होते हैं। इसी कारण गुरू पूर्णिमा पर्व पर उनके ही स्वरूप भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा का बहुत अधिक महत्व होता है। गुरू पूर्णिमा पर पूजा-अर्चना कराने से भगवान सत्यनारायण की कृपा से सभी कष्ट स संकट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि व खुशहाली आती है। गुरू कृपा भी हमेशा बनी रहती है। भगवान विष्णु के योग निंद्रा में होने से सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में होता है तो उनकी कृपा भी गुरू पूर्णिमा पर्व पर प्राप्त होगी। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि गुरूवार 10 जुलाई को गुरू पूर्णिमा पर श्रीमहंत नारायण गिरि से देश.विदेश के हजारों भक्त गुरू दीक्षा लेंगे। इसके लिए भक्तों द्वारा मंदिर कार्यालय में संपर्क भी किया जा रहा है। गुरू पूर्णिमा पर्व पर गुरू पूजन का समय प्रातः 8 बजे रहेगा। भगवान दूधेश्वर, भगवान सत्यनारायण, श्री गुरू दत्तात्रेय भगवान, मंदिर में विराजमान सभी देवी-देवताओं व सिद्ध संत समाधियों की पूजा.अर्चना की जाएगी। महाराजश्री से गुरू दीक्षा लेने का समय प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा।



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