शुक्रवार, 24 मार्च 2023

यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी टूबर्कुलोसिस् के मरीजों के लिए सिंगल विंडो की तरह कार्य कर रहा है: डॉ उपासना अरोड़ा

 

गाजियाबाद। यशोदा हॉस्पिटल, कौशांबी द्वारा उत्तर प्रदेश का पहला ड्रग रेसिस्टेंट टी बी  सेंटर खोला जाएगा यह बात यशोदा अस्पताल की निदेशक डॉ उपासना अरोड़ा ने विश्‍व क्षयरोग दिवस पर जागरूकता एवं शिविर के आयोजन पर कही।उन्होंने बताया कि विश्‍व क्षयरोग दिवस प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है। इस दिवस पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी में एक जागरूकता लेक्चर एवं टी बी स्क्रीनिंग कैम्प लगाया गया।

इस जागरूकता कार्यक्रम में इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज के अधिकारी डॉ मिधुन कुमार भी शामिल हुए, जिनके द्वारा राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम में योगदान करने के लिए और केंद्र के सहयोग से मिशन टीबी मुक्त भारत हेतु उद्देश्य से केंद्रीय टीबी डिवीजन के मार्गदर्शन में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी एक बहु-हितधारक कार्यक्रम चला रहा है। इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज संस्था ने यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी की प्रशंशा करते हुए इसे प्राइवेट हॉस्पिटलों में टी बी उन्मूलन के लिए एक रोल मॉडल बताया। उन्होंने बताया कि यशोदा हॉस्पिटल एक स्टेप सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है . स्टेप का मतलब system for TB elimination in private sector होता है, जिसमें TB के मरीजों के लिए हॉस्पिटल एक सिंगल विंडो मेकैनिज्म के तहत काम करता है. जिसमें मरीजों को दवाईयों से लेकर कॉउंसलिंग और पुष्टाहार सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. इस अवसर पर हॉस्पिटल की डायरेक्टर एवं सी ई ओ डॉ उपासना अरोड़ा ने बताया कि आज उन्हें वाराणसी में प्रधानमंत्री के वर्ल्ड टी बी डे के कार्यक्रम में एम्बेसडर बनाया गया और उनका सन्देश वीडियो भी वहा प्रसारित किया गया। डॉ उपासना अरोड़ा ने बताया कि हमारे हॉस्पिटल ने यूनियन के साथ मिल कर, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मान्डविया के दिशा निर्देशन में गाजियाबाद के 5100 मरीजों को टी बी के पुष्टाहार के लिए गोद लिया। गाजियाबाद अब पूरे उत्तर प्रदेश में पहले स्थान पर है जहा के लगभग सारे टी बी मरीजों को पुष्टाहार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल ड्रग रेसिस्टेंट टी बी के मरीजों के लिए अर्थला में एक डी आर सेण्टर बनाने जा रहे हैं , यह उत्तर प्रदेश का पहला डी आर सेण्टर होगा और साथ ही नोएडा में 6000 कर्मचारियों की टी बी स्क्रीनिंग की जाएगी। यह सब विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज एवं यूएसएड की मदद से किया जा रहा है। गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भवतोष शंखधर ने यशोदा हॉस्पिटल के द्वारा टी बी के मरीजों को गोद लेने पर अत्यंत खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि जन भागिदारी की बहुत आवश्यकता है। भारत से टी बी को ख़त्म करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा चलाये जा रहे अभियान "टी बी मुक्त भारत" में यशोदा हॉस्पिटल का योगदान मील का पत्थर साबित होगा।

जागरूकता कार्यक्रम में डॉ आर के मणि, डॉ सुनील डागर, डॉ के के पांडे,डॉ अंकित सिन्हा, डॉ श्वेता मौजूद रहे

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