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शिक्षाविद राम दुलार यादव ने बताया कि गांधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा संचालित शॉप पर राष्ट्र पिता महात्मा गांधी द्वारा लिखित तथा अन्य लेखक जिन्होने महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर पुस्तकें लिखी हैं, मेले में आकर्षण की केन्द्र रही, सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि पाठकों को सारी पुस्तकें 60% छूट पर उपलब्ध करायी गयी, सम्यक प्रकाशन में पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ पुस्तक खरीदने वालों की थी, जहां बहुजन नायक, ड़ा0 बाबा साहेब अम्बेद्कर द्वारा लिखित भारतीय संविधान कम मूल्य पर हिन्दी में भी उपलब्ध था, शोषित, वंचित समाज के नायक शिक्षा क्रांति, सामाजिक क्रांति के अग्रदूत ज्योतिराव फूले द्वारा लिखित गुलाम गिरी, मान्यवर काशीराम द्वारा लिखित चमचा युग, राम स्वरूप वर्मा नेता अर्जक समाज की जीवनी आकर्षण का केन्द्र रही, विश्व पुस्तक मेले की सबसे बड़ी विशेषता विश्व के चार दर्जन से अधिक देशों प्रकाशक स्टाल लगाये हुए सभी भाषाओं में लिखित पुस्तकें बच्चों का साहित्य तथा स्वास्थ्य संबंधी पुस्तकें स्टाल पर मिल रही थी, प्रसार भारती स्टाल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण के केन्द्र थे, वंडर-वर्ड, अंडर वॉटर, इतिहास के महापुरुष, द स्टोरी आफ आडर न्यूज़ पेपर, द प्लेनेट वर्ड, भारत की राष्ट्रीय संस्कृति, संत बुल्ले शाह, संत कबीर, रहीम दास, महादेवी वर्मा की नीहार, रश्मि, नीरजा, द स्टोरी आफ मैन, भारत में विदेशी यात्री, जैन कहानियाँ, बिहारी के दोहे, दिव्या, महादेव गोविंद रानाडे, महान योगी श्री अरिविन्द और राजनैतिक, सामाजिक चिंतकों की पुस्तकें बच्चों ने बहुत पसंद किया, विश्व पुस्तक मेले में साथ रहे, राम दुलार यादव, चक्रधारी दुबे, रिचा शर्मा, अंकुश तिवारी, फ़राह खान, सोनित सोम, नेहा शर्मा, अमर बहादुर, लक्ष्मी नारायण, अंकित आदि सारी 100 से अधिक पुस्तकें पुस्तकालय में भेंट की गयी|
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