मुकेश गुप्ता
गाजियाबाद । सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल में कक्षा 3-5 के विद्यार्थियों के लिए भव्य वार्षिक उत्सव "तरंग: शौर्य और सिंदूर की गाथा" का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल में कक्षा 3-5 के विद्यार्थियों के लिए वार्षिक उत्सव "तरंग: शौर्य और सिंदूर की गाथा" का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अपार उत्साह, ऊर्जा और गरिमा से भरपूर था।
समारोह की शुरुआत सम्मानित अभिभावकों के हार्दिक स्वागत के साथ हुई। इसके बाद, स्कूल के अध्यक्ष डॉ. सुभाष जैन और श्रीमती बबीता जैन, मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी श्री रंजीव दलाल, ब्रिगेडियर बिजेंद्र सिंह और श्रीमती शीला सिंह, आईपीएस अधिकारी डॉ. वी.के. शेखर और श्रीमती मीना शेखर, उपाध्यक्ष श्री नमन जैन और श्रीमती मोनिका जैन, निदेशक प्रशासन और स्कूल प्रबंधक श्री प्रणव जैन और गणमान्य अतिथियों ने पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह का आयोजन किया।
स्कूल की प्रबंधन समिति ने मुख्य अतिथि और सभी गणमान्य अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया।
मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी रंजीव दलाल ने छात्रों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, "ऐसी प्रस्तुतियाँ न केवल बच्चों की प्रतिभा को उजागर करती हैं, बल्कि अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति के मूल्यों का भी संचार करती हैं।"
अध्यक्ष डॉ. सुभाष जैन ने कहा, "विद्यालय का उद्देश्य केवल शिक्षा प्रदान करना नहीं है, बल्कि प्रत्येक छात्र में आत्मविश्वास, कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति का विकास करना है। हम ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं जो समग्र विकास को बढ़ावा दे और हमारे छात्रों की अनूठी प्रतिभा को पोषित करे।"
उपाध्यक्ष नमन जैन ने कहा, "छात्रों की प्रस्तुति उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन का परिणाम है।" अनुभवों से सीखना ही सफलता की पहली सीढ़ी है।"
कक्षा 3-5 के विद्यार्थियों ने भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान पर आधारित एक रोमांचक नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की, जिसमें भारतीय सेना की वीरता और रणनीति का प्रदर्शन किया गया।
मुख्य आकर्षण छात्रों का शानदार प्रदर्शन रहा, जिसमें भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान का प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन का चित्रण करते हुए भारतीय सेना की वीरता और रणनीति को दर्शाया।
प्रशासन निदेशक और विद्यालय प्रबंधक श्री प्रणव जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया और वार्षिक उत्सव के सफल आयोजन पर विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई दी।
'तरंग: शौर्य और सिंदूर की गाथा' रचनात्मकता, आत्मविश्वास और देशभक्ति का अद्भुत मिश्रण थी। मैं इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए सभी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई देती हूँ।" - डॉ. गीता जोशी, प्रधानाचार्या




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