शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025

लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ज्ञानपीठ केन्द्र पर लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल” का जन्म दिवस समारोह आधुनिक भारत के शिल्पकार” दिवस के रूप में मनाया




                              मुकेश गुप्ता 

साहिबाबाद/गाजियाबाद । लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में “स्वतंत्रता सेनानी, बेजोड़ वक्ता, उच्चकोटि के संगठनकर्ता, भारत रत्न, देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री, लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल” का जन्म दिवस समारोह “आधुनिक भारत के शिल्पकार” दिवस के रूप में आयोजित किया गया, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता समाजवादी चिन्तक राम दुलार यादव शिक्षाविद रहे, मुख्य अतिथि मूर्धन्य लेखक समाज सेवी सरदार अमरजीत सिंह कलिंगा, अध्यक्षता इंजी0 हरिभान सिंह पटेल ने किया।

 आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया, गीतकार हुकुम सिंह ने ज्ञानपीठ सन्देश “लोकतंत्र बचाना है, संविधान बचाना है, शिक्षा और चिकित्सा को घर-घर पहुँचाना है” प्रस्तुत किया, कार्यक्रम को जगन्नाथ प्रसाद, त्रिलोकी, सम्राट सिंह यादव, डा0 देवकर्ण चौहान ने भी संबोधित किया, सभी साथियों ने लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर स्मरण करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा ले चलने का संकल्प लिया।

       कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी चिन्तक राम दुलार यादव ने कहा कि वह महान देश भक्त, ब्रिटिश गुलामी से भारत को आजाद कराने, एकता के सूत्र में पिरोने, किसानों, कामगारों, महिला सशक्तिकरण और कमजोर वर्गों के सर्वांगीण विकास में अपना सारा जीवन लगा दिया” | वह उच्चकोटि के प्रशासक, मूर्धन्य विधिवेत्ता, बेजोड़ वक्ता, विलक्षण प्रतिभावान रहे, सरदार बल्लभ भाई पटेल ने लाखों लोगों को संबोधित कर भारत माँ को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए तैयार किया, वह महात्मा गाँधी के विचार के ध्वजवाहक रहे, 565 रियासतों को एक सूत्र में बाधने  का देश को सशक्त बनाने का कार्य कर असंभव को संभव बना दिया।

       श्री यादव ने कहा कि सरदार पटेल का मानना था कि कार्यपालिका की निष्ठा संविधान और राष्ट्र के प्रति समर्पित होनी चाहिए, उसे जाति, धर्म, दल या किसी समुदाय के दबाव में न आकर निष्पक्ष और निर्भीकता पूर्वक देश, समाज हित में कार्य करना चाहिए, देश की एकता और अखंडता पर किसी को चोट करने का अधिकार नहीं, यही कारण था कि महात्मा गाँधी की निर्मम हत्या के बाद देश में नफ़रत, असहिष्णुता का वातावरण बनाने वाले, हिंसा और आगजनी करने वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर 4 फरवरी 1948 में प्रतिबन्ध लगाने का उन्होंने कार्य किया, वह किसी भी दबाव में नहीं आये, आज आजादी के 78 वर्ष बाद भी 21वीं शदी में सरकारी तंत्र सत्ता के प्रभाव में कार्य कर रहा है, यह लौह पुरुष के विचार के प्रतिकूल देश में कार्य हो रहा है, कोई देश भेद-भाव, नफ़रत और सत्ता के केन्द्रीकरण से विकास नहीं कर सकता, हमें यदि सरदार बल्लभ भाई पटेल के सपनों का आधुनिक भारत बनाना है तो देश में सद्भाव, भाईचारा, सहयोग, प्रेम, संविधान के अनुरूप कार्य करना होगा, तभी सभी को न्याय मिलेगा और विषमता, भय, भ्रष्टाचार, झूठ और निर्लज्जता पूर्वक लूट से छुटकारा मिल सकता है।

          कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अमरजीत सिंह कलिंगा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने 565 टुकड़ों में विभाजित भारत को एक सूत्र में ऐसे पिरो दिया जैसे माला में हर फूल, आधुनिक भारत के सच्चे सपूत व शिल्पकार रहे है, हमें निर्भीकता पूर्वक उनके विचार को जन-जन में पहुँचाने का कार्य करते रहना चाहिए और एक-दूसरे की हर तरह मदद करनी चाहिए।

          कार्यक्रम के अध्यक्ष इंजी0 हरिभान सिंह पटेल ने शामिल सभी विद्वानों, पत्रकार साथियों, सांस्कृतिक कार्यक्रम से सभी को आत्मविभोर करने वाले गीतकारों का धन्यवाद किया।

        लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की प्रमुख रहे, राम दुलार यादव, अमरजीत सिंह कलिंगा, डा0 देवकर्ण चौहान, हरिभान सिंह पटेल, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, अनिल मिश्र, त्रिलोकी, सुमित शर्मा, ओम प्रकाश अरोड़ा, बालकरन यादव, सुभाष यादव, राजेन्द्र सिंह, सम्राट सिंह, जगन्नाथ प्रसाद, एस0 एन0 जायसवाल, हरीश ठाकुर, रामकरन जायसवाल, ब्रह्म प्रकाश, मुनीव यादव, नागेन्द्र मौर्य, हुकुम सिंह, मोहम्मद यासीन, प्रेमचंद पटेल, विक्रम सिंह, हरिकृष्ण, हरेन्द्र, अमृतलाल चौरसिया, श्री नारायण आदि ने स्मरण किया।

                                                                                                                        

                                                                                                                             

                                                                                                                             

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