मुकेश गुप्ता
साहिबाबाद/ गाजियाबाद । लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में 5 अक्टूबर 2025 को समाज सेवी, लेखक, अध्यात्मिक विचारक अमर जीत सिंह कलिंगा द्वारा लिखित पुस्तक “जरूरतें, जिम्मेदारियां और ख्वाहिशें” पुस्तक का विमोचन समारोह आयोजित किया गया। पुस्तक का विमोचन संस्कृत साहित्य के मूर्धन्य विद्वान डा0 विशन लाल गौड़ ने किया। समारोह की अध्यक्षता समाजवादी विचारक राम दुलार यादव शिक्षाविद ने, अध्यात्मिक गुरु सरदार मंजीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल रहे। संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया, समारोह में भूतपूर्व कर्नल तुली, पूर्व कर्नल अर्जुन सिंह, डा0 कालीचरण चौधरी, नरेश शर्मा, कैलाशचंद, सरदार बिट्टू ने भी विचार व्यक्त किया, हुकुम सिंह, पंडित विनोद त्रिपाठी, राजेन्द्र सिंह ने देश-प्रेम के गीत सुना सभी को आत्मविभोर कर दिया, इस अवसर पर लेखक अमर जीत सिंह कलिंगा और पर्यावरणविद डा0 चौधरी कालीचरण का शाल ओढा, माला पहनाकर डा0 विशन लाल गौड़ और लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने सम्मानित किया, सभी अतिथियों का माला पहना कर स्वागत सरदार जगतार सिंह भट्टी, टीकम सिंह दिलवालिया, डा0 देवकर्ण चौहान, सचिन त्यागी, चन्द्रबली मौर्य, तेजपाल सिंह, अमरजीत, रमनदीप, मंजीत सिंह, जोगेंद्र सिंह ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सरदार मंजीत सिंह ने अध्यात्मिक विचारक अमरजीत सिंह कलिंगा को उच्चकोटि का लेखक बताया और कहा कि उनकी पुस्तकों से देश, समाज और व्यक्ति के सर्वांगीण विकास की प्रेरणा मिलेगी, अमरजीत सिंह कलिंगा समाजसेवी, लेखक के साथ-साथ कमजोर वर्गों के हमदर्द है, वह लगातार जाति-धर्म से ऊपर उठकर समाज को दिशा देने में लगे हुए है, डा0 विशन लाल गौड़ ने “जरूरतें, जिम्मेदारियां और ख्वाहिशें” का विमोचन करते हुए कहा कि अमरजीत सिंह कलिंगा ने अपनी पुस्तक में शासन-प्रशासन से भी अपेक्षा की है कि लोगों की जरूरतें पूरी करें, जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की व्यवस्था करें, जिससे देश का विकास हो।
अध्यक्षीय संबोधन में राम दुलार यादव ने समारोह में शामिल सभी अतिथियों, विद्वानों तथा ज्ञानपीठ केन्द्र के सदस्यों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि सरदार अमरजीत सिंह कलिंगा एक उद्भट विद्वान, लेखक, अध्यात्मिक विचारक ने “जरूरतें, जिम्मेदारियां और ख्वाहिशें” लिखकर समाज को सन्देश दिया है, हमें चाहे कितनी ही शक्ति प्राप्त हो जाय, अहंकार और ईर्ष्या जैसे दुर्गुणों से अपने को बचाना चाहिए तथा समाज, देश में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम, सहयोग की भावना को प्रबल करना चाहिए लेकिन आज लोगों में नफ़रत, असहिष्णुता, अहंकार, ईर्ष्या का वातावरण बनाया जा रहा है, बदले की भावना से जनता में आक्रोश है, छात्र, नवजवान, किसान, मजदूर, व्यापारी सभी लोग मंहगाई, बेरोजगारी से पीड़ित है, पिछले साल से 65% अधिक छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की, यह दुखद और शर्मनाक है, देश के कर्णधारों को लोगों की जरूरतें, जिम्मेदारी पूर्वक पूरी करने का काम करना चाहिए, तभी उनकी ख्वाहिशें उनके जीवन में प्रकाश की किरण आलोकित करेंगी, सरदार अमरजीत सिंह कलिंगा की पुस्तक से प्रेरणा शासन को लेना चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लेखक अमरजीत सिंह कलिंगा ने कहा कि आप की सोच सकारात्मक होगी, तो आपके विचार नैतिकता और इमानदारी से ओतप्रोत होंगे, हमारी पुस्तकें सफलता के मूलमन्त्रों पर पर आधारित है, मानव को जीवन में कोई कठिनाइयाँ आती है तो उन कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने के लिए हमारी पुस्तकें मार्ग दर्शक का काम करेंगी, आप चिंतामुक्त होंगे, किताबों का अध्ययन करके प्रसन्नचित मन आप का होगा, इन्सान अपनी किस्मत खुद लिखता है, उसे लगातार सद्कर्म में लगे रहना चाहिए, देश. समाज और व्यक्ति का कैसे विकास हो उस पर अपनी लेखनी चलाए, उसके अनुरूप कार्य करें तभी सफलता प्राप्त हो सकती है।
कार्यक्रम में शामिल ओम प्रकाश अरोड़ा, एस0 एन0 जायसवाल, मुनीव यादव, राम प्यारे यादव, विजय मिश्र, कृष्ण कुमार दीक्षित, विजय सिंह, सत्यपाल सिंह, एस0 एस0 तिवारी, विजय भाटी एडवोकेट, यासीन, ताहिर अली ने वक्ताओं के विचार सुने और सभी का स्वागत किया, प्रसाद सभी साथियों ने ग्रहण किया।



कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें