मंगलवार, 3 जनवरी 2023

नए साल की शुरुवात "कला" के साथ..

 नए साल की शुरुवात "कला" के साथ..


गौरव गुप्ता। दिल्ली। 

दोस्तों नए साल 2023 की शुरुवात हो चुकी है और लोग अक्सर नए साल पर अलग अलग प्रण लेते हैं , कुछ अच्छी चीज़ें अपने जीवन में जोड़ते हैं और कुछ खराब और न उपयोग में आने वाली आदतों को जीवन से बाहर निकल देते हैं। शायद आप भी ऐसा ही करते होंगे या करने का सोचते तो जरूर ही होंगे, मेरा एक सुझाव ये है की आप क्यूं न इस वर्ष कला को अपने जीवन शैली का एक हिस्सा बनाए। आप जानते हैं आज के समय में लोग अपने अपने कामों में इतना व्यस्त हैं की लोग अपने लिए भी ठीक से समय नहीं निकाल पाते। न खुद से बात कर पाते न खुद को जान पाते , बस इस दुनिया की भाग दौड़ में और कॉम्पिटिशन में लगे रहते हैं, और ये ही एक बहोत बड़ा कारण है लोगों की अस्वस्थ मानसिक स्थिति का, लेकिन आप सोचिए अगर आप इस भाग दौड़ में कुछ पल अपने लिए या अपने परिवार के लिए ऐसे निकाल लें जिसमे आपको खुद को जानने का भी मौका मिले और आप अपने अपने करीबी लोगों से भी जुड़ के रह सके। क्यूं न आप कला को अपने जीवन में लेकर आए? हम सब ने अपने बचपन में कला के क्षेत्रों में जरूर भाग लिए होंगे। कभी अपने स्कूल में, कभी सामाजिक कार्यक्रमों में, कभी परिवाहिक कार्यक्रमों में तो कभी कही तो कभी कही। लेकिन हम सब का बचपन कही न कही कला से जरूर जुड़ा हुआ रहा है और ये भी एक कारण होता है आपका बचपन और ज्यादा यादगार बन के रहने का । आप जब कला से संबंधित कोई भी कार्य करते हैं तो आप दुनिया में सबसे ज्यादा अपने आप के करीब होते हैं क्योंकि आप अपने आप को और अपनी क्षमताओं को जान पाते हैं। लेकिन अब जब हमे कला की और उस मानसिक शांति की सबसे ज्यादा जरूरत है तो हम जैसे कला को भूल ही गए हैं। क्यूं न हम अपने जीवन में फिर से कला को वापस लाएं, यदि आपको रंगमंच से प्यार है या देखने का शौक है तो आप रंगमंच देखने जाएं, यदि आपको फिल्म देखने का शौक है तो आप फिल्म देखने जाएं,आपको गाने का शौक है तो आप गायन कार्यक्रमों का हिस्सा बनें, या नृत्य का शौक है तो अपने शहर या आस पास में हो रहे नृत्य कार्यक्रम का हिस्सा बने उनसे जुड़े या फिर जो भी आपको कला के क्षेत्र में जो भी करना या देखना आपको पसंद हैं तो आप उसका एक बार फिर से हिस्सा बनें और खुद को और अपने परिवार खास कर बच्चो को कला से जोड़ के रखे जिससे बच्चे अपनी संस्कृति से जुड़े रहें और आप अपनी मानसिक शांति से। बस एक बात याद रखिए की आप कला को देखते समय या कला का प्रदर्शन करते समय धर्म और राजनीति से दूर रहें तो अच्छा होगा क्योंकि वो आपके और आपकी कला के बीच की एक बाधा बन सकती है। अंत में आपके लिए ये नया साल शुभ हो ऐसी कामना करता हूं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें