सोमवार, 6 मई 2024

लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने छत्रपति शाहू जी महाराज की पुण्यतिथि मनाई


मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

  गाजियाबाद। सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, सांस्कृतिक क्रांति के ध्वजवाहक, वंचित, शोषित, प्रताड़ित समाज के हित चिंतक, मानवता, समता, समानता, बंधुता के प्रबल पक्षधर, अन्याय, शोषण, अनाचार, धार्मिक पाखंड के घोर विरोधी, प्रेरणापुंज, विलक्षण प्रतिभा के धनी छत्रपति शाहू जी महाराज की पुण्यतिथि सोमवार को लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में प्रखर समाजवादी चिंतक शिक्षाविद राम दुलार यादव के नेतृत्व में आयोजित की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता ड़ा० देवकर्ण चौहान ने किया, मुख्य अतिथि प्रख्यात कवि अवधेश कुमार मिश्र एडवोकेट ने किया, आयोजन इंजी० धीरेन्द्र यादव ने, संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया। समारोह में शामिल सभी साथियों ने शाहु जी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे स्मरण करते हुए समाज हित में उनके द्वारा किये गये अनुकरणीय कार्यों की सराहना की गयी, कार्यक्रम में जोरदार नारे लगाए गये, हुकुम सिंह ने छत्रपति शाहु जी के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया, कार्यक्रम को इतिहासकार कैलाश चन्द्र, चंद्रबली मौर्य ने भी संबोधित किया।

 कार्यक्रम को समोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि छत्रपति शाहु जी का मानना था कि समाज आदेशों से नहीं बल्कि संदेशों और ठोस पहल से बदलता है, उन्होने यह क्रियान्वित करके दिखाया कि दृढ़ इच्छा शक्ति से ही सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्रांति संभव है, शैक्षणिक क्रांति के लिए अपने राज्य में उन्होने विद्यालय और छात्रावास की स्थापना कर वंचित समाज को सरकारी सेवाओं में 50 प्रतिशत वंचितों, पिछड़ों को आरक्षण दे, आर्थिक क्रांति का बिगुल बाजा दिया, वह अपने राज्य कोल्हापुर में हर तरह की असमानता, ऊंच-नीच, जातिवाद, रूढ़िवाद, धार्मिक पाखंड को जड़ से समाप्त करना चाहते थे, इसलिए सार्वजनिक तालाबों, कुओं, अस्पतालों में कोई भी भेदभाव किसी से भी नहीं करेगा, सम्मान पूर्वक उनके साथ व्यवहार करेगा, कानून बनाया| जहां शूद्रों, वंचितों के साथ पानी पीने के जलाशयों में भेदभाव किया जाता था, वहाँ पहले स्वयं जाकर वह पानी पीते थे, उसके बाद राज्य अधिकारियों की हिम्मत नहीं होती थी कि वह किसी को पानी पीने से वंचित करे। 130 वर्ष पहले समाज कितनी गर्हित अवस्था में था, यह शर्मनाक कार्य पुरोहितों और वर्चस्व वादी ताकतों ने किया था, वह मानव को मानव नहीं समझती थी, उन पर अत्याचार आम बात थी, शाहु जी महाराज ने इस व्यवस्था पर करारी चोट की, जिसे ड़ा0 अंबेडकर ने आगे बढ़ाया, आज भी सांप्रदायिक, जातिवादी, रूढ़िवादी, झूठ और भय फैलाने वाली ताक़तें अहंकारी मानसिकता के कारण समाज में विभाजन पैदा करना चाहती है, हमे इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है, देश सद्भाव, भाईचारा, प्रेम से चलेगा, न कि नफरत से, हमे छत्रपति शाहु जी महाराज के संदेश को जन-जन में पहुंचाना चाहिए, यही उनके प्रति हमारी श्रद्धा होगी।

        कार्यक्रम में शामिल रहे, राम दुलार यादव, ड़ा0 देवकर्ण चौहान, अवदेश कुमार म्मिश्र एडवोकेट, कैलाश चन्द्र, चंद्रबली मौर्य, ओम प्रकाश अरोड़ा, के0 के0 दीक्षित, कृष्णानन्द यादव, शिव दरश यादव, वीर सिंह सैन, हुकुम सिंह, ब्रह्म प्रकाश, धर्मेंद्र यादव, मुख राम, फूलचंद पटेल, मुनीव यादव, हरिकृष्ण, देवमन यादव, महेंद्र यादव, राजेंद्र सिंह, एस० एन० जायसवाल, अमृतलाल चौरसिया, देवेश, विनोद यादव, सत्यपाल सिंह, कृष्णा यादव, खुमान, रोहित, नवीन कुमार आदि।


                                                                                                                             


                                                                                                                      

                                                                                                                     

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