सोमवार, 15 दिसंबर 2025

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, भारत की ओर से सिद्धयोगी स्वामी ओम महर्षि महाराज को श्रीमहंत की उपाधि से विभूषित किया


 


महाराजश्री ने कहा कि महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद महाराज के शिष्य स्वामी ओम महर्षि महाराज सनातन धर्म का परचम पूरे अमेरिका में फहरा रहे हैं

दास विजय बाबा एवं पंडित महेशचंद वशिष्ठ ने कहा कि स्वामी ओम महर्षि महाराज के श्रीमहंत बनने से सनातन धर्म को और अधिक मजबूती मिलेगी

फ्लोरिडा, अमेरिका :तेरह अखाड़ों की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, भारत की ओर से सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने सिद्धयोगी स्वामी ओम महर्षि महाराज को विधिवत श्रीमहंत की चादर ओढ़ाकर एवं पट्टाभिषेक कर श्रीमहंत की उपाधि से विभूषित किया।

स्वामी ओम महर्षि महाराज को यह उपाधि श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, टेम्पा में आयोजित समारोह में प्रदान की गई। उनके श्रीमहंत पद की पुकार  उज्जैन महाकुंभ में सभी अखाड़ों की जाएगी।

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने अपने करकमलों से श्रीमहंत की चादर विधि एवं पट्टाभिषेक की संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न कराते हुए श्रीमहंत की उपाधि प्रदान की तथा आशीर्वाद दिया।

श्रीमहंत सिद्धयोगी स्वामी ओम महर्षि महाराज, महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद महाराज — आचार्य पीठ, सूरत गिरि बंगला, हरिद्वार एवं संन्यास आश्रम, विले पार्ले (पश्चिम), मुंबई — के अमेरिका स्थित प्रमुख शिष्य हैं।

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि अपने गुरु महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद महाराज के पदचिह्नों पर चलते हुए स्वामी ओम महर्षि महाराज ने अमेरिका में वैदिक सनातन धर्म की जो ज्योत प्रज्वलित की है, उससे आज पूरा अमेरिका प्रकाशमान हो रहा है तथा सनातन धर्म की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है।

महाराजश्री ने कहा कि धर्म ही हमें आगे बढ़ाता है और धर्म ही हम सबको जोड़कर रखता है। वैदिक सनातन धर्म में जन्म लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से मृत्यु तक सभी संस्कारों का पालन करना होता है।

उन्होंने कहा कि दृष्टि से बड़ी सृष्टि होती है, अतः हमारी दृष्टि दिव्य होनी चाहिए तथा हमारे भीतर सभी के प्रति प्रेम, सम्मान और समानता का भाव होना चाहिए, क्योंकि हम सभी ऋषियों की संतान हैं और सभी ईश्वर का ही स्वरूप हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से भारत का मान-सम्मान पूरे विश्व में बढ़ा है। पाँच सौ वर्षों के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बना, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जो एक संत की भांति सबके कल्याण के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं।

महाराजश्री ने कहा कि जितना महत्व जन्मभूमि का होता है, उतना ही महत्व कर्मभूमि का भी होता है। अतः सभी को अपनी कर्मभूमि का सम्मान करते हुए अपने सभी कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठा से पालन करना चाहिए।

दास विजय बाबा ने कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सिद्धयोगी स्वामी ओम महर्षि महाराज को श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जैसे सिद्ध एवं तपस्वी संत के करकमलों से श्रीमहंत की उपाधि प्राप्त हुई है।

पंडित महेशचंद वशिष्ठ ने कहा कि सिद्धयोगी स्वामी ओम महर्षि महाराज के श्रीमहंत बनने से वैदिक सनातन धर्म को और अधिक मजबूती प्राप्त होगी।

सिद्धयोगी स्वामी ओम महर्षि महाराज ने कहा कि श्रीमहंत की उपाधि प्राप्त होना भगवान की कृपा, उनके गुरु महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद महाराज तथा श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जैसे संतों का आशीर्वाद है।

उन्होंने कहा कि श्रीमहंत के रूप में जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है, उसका वे पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन करेंगे और आजीवन वैदिक सनातन धर्म को सुदृढ़ बनाने के लिए समर्पित रहेंगे।

इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु एवं भक्तजन उपस्थित रहे।

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