रिपोर्ट---मुकेश गुप्ता
गाजियाबाद । यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नेहरू नगर, गाज़ियाबाद एक 310+ बिस्तरों वाला चतुर्थक देखभाल और बहु-विशिष्टता अस्पताल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला वेगस नर्व स्टिमुलेशन (VNS) सर्जरी सफलतापूर्वक करके एक बड़ी मेडिकल उपलब्धि हासिल की है*। यह सफल प्रोसीजर *रिफ्रैक्टरी एपिलेप्सी* से पीड़ित एक बच्ची पर किया गया, जिससे इस क्षेत्र की न्यूरोसर्जिकल क्षमताओं में एक बड़ी तरक्की हुई है। यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह बच्ची पापुआ न्यू गिनी, ओशिनिया महाद्वीप में ऑस्ट्रेलिया के पास देश की सवा साल की छोटी सी बच्ची हैं
इस सम्बंध में शनिवार को यशोदा अस्पताल नेहरू नगर परिसर में प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए डाक्टरों ने बताया कि यह दुर्लभ और विशेष प्रक्रिया यशोदा की विशेषज्ञ न्यूरोसर्जरी टीम द्वारा की गई, जिसका नेतृत्व डॉ. पुनीत मलिक (वरिष्ठ सलाहकार, न्यूरोसर्जरी) ने किया, जिसमें डॉ. (प्रो.) ब्रिगेडियर यादवेंद्र सिंह सिरोही (वरिष्ठ सलाहकार, न्यूरोलॉजी), एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. विकास चोपड़ा और बाल रोग और नियोनैटोलॉजी इकाई के प्रमुख डॉ. (मेजर) सचिन कुमार दुबे शामिल थे। सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हुई; मरीज़ स्टेबल है और अच्छी तरह से ठीक हो रही है।
उन्होंने बताया कि मिर्गी के लिए पारंपरिक ब्रेन सर्जरी के विपरीत, वेगस नर्व स्टिमुलेशन (VNS) में मस्तिष्क में कोई दखल नहीं होता है। इसके बजाय, गर्दन में एक छोटा डिवाइस लगाया जाता है, जो वेगस नर्व को हल्के, कंट्रोल्ड इलेक्ट्रिकल इम्पल्स भेजता है। *ये इम्पल्स दिमाग में असामान्य इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रेगुलेट करने में मदद करते हैं, जिससे दौरे आने की फ्रीक्वेंसी और गंभीरता कम हो जाती है*। ये मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर न्यूनतम रक्त हानि और मरीज़ की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए किया जाता है।
वेगस नर्व स्टिमुलेशन (VNS)* दुनिया भर में उपलब्ध सबसे नए और एडवांस्ड न्यूरोसर्जिकल तरीकों में से एक है, जो मेडिकली रिफ्रैक्टरी मिर्गी के मरीज़ों के लिए है — एक ऐसी स्थिति जिसमें दौरे दवा से ठीक नहीं होते। क्योंकि *डिवाइस को मस्तिष्क के बजाय गर्दन में लगाया जाता है*, इसलिए ये प्रोसीजर ओपन ब्रेन सर्जरी से जुड़े खतरे को खत्म करता है और लंबे समय तक फायदे देता है। यह थेरेपी साइंटिफिक रूप से साबित हो चुकी है कि इससे दौरे पड़ने की फ्रीक्वेंसी काफी कम हो जाती है, जिससे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। इस रेयर और एडवांस्ड प्रोसीजर को सफलतापूर्वक करके, *यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर* ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक, विश्व-स्तरीय न्यूरोसर्जिकल देखभाल लाने में अपना नेतृत्व दिखाया है।
*यशोदा ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. दिनेश अरोड़ा ने कहा, “यशोदा ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स में, हम लगातार कोशिश करते हैं कि मरीज़ों को दूर न जाना पड़े और उन्हें लोकल लेवल पर ही सस्ती, विश्व-स्तरीय देखभाल और इलाज के ऑप्शन मिलें।* यह कामयाबी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एडवांस्ड न्यूरोसर्जिकल इलाज को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।”
यशोदा ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रजत अरोड़ा कहते हैं, “*यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली वेगस नर्व स्टिमुलेशन (VNS) सर्जरी है*, और हमें इस शानदार कामयाबी के लिए अपनी मेडिकल टीम पर बहुत गर्व है। यह सफलता यशोदा अस्पताल द्वारा नवाचार, सुरक्षा और मरीज़ों के प्रति बेहतरीन देखभाल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. पुनीत मलिक ने कहा, “यह एक सुरक्षित और न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें रक्त की हानि न्यूनतम होती है, क्योंकि इसमें दिमाग में नहीं, बल्कि गर्दन में एक छोटा डिवाइस लगाया जाता है। यह साबित हो चुका है कि VNS मिर्गी के मरीज़ों में दौरे को काफ़ी कम करता है और ड्रग-रेसिस्टेंट मामलों में नई उम्मीद जगाता है।”
*पापुआ न्यू गिनी, ओशिनिया महाद्वीप में ऑस्ट्रेलिया के पास देश की इस छोटी बच्ची का सफलतापूर्वक इलाज करके, यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नेहरू नगर, गाज़ियाबाद ने इंटरनेशनल मरीज़ों को विश्व-स्तरीय इलाज प्रदान करने में अपनी महारथ सिद्ध की है।* 35 वर्षों से लगातार मरीज़ों की सेवा में तत्पर यशोदा अस्पताल मरीज़ों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और हर कदम पर सुरक्षित रोगी देखभाल को सबसे आगे रखता है। इस अवसर पर आशिष अग्रवाल, शेखर झा, अजय चौधरी आदि उपस्थित रहे।
इस कामयाबी के साथ, यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नेहरू नगर, गाज़ियाबाद, एडवांस्ड मेडिकल इनोवेशन में आगे बढ़ना जारी रखे हुए है, और सभी मरीजों को, चाहे देशी हों या विदेशी, को सस्ती, वर्ल्ड-क्लास और दयालु स्वास्थ्य सेवादेने के अपने उद्देश्य को पक्का करता है।



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