मंगलवार, 2 दिसंबर 2025

कार बुकिंग के बहाने ड्राइवर की हत्या करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार-अपरहण की साजिश के लिए छीनी थी टैक्सी

 



                    रिपोर्ट- मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद। कमिश्नरेट गाजियाबाद की स्वाट टीम नगर जोन व विजयनगर थाना पुलिस ने टैक्सी चालक की हत्या कर उसकी कार लूटने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मृतक का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है।

20 नवंबर 2025 को दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक स्विफ्ट डिजायर कार (HR IB AF 0602) में पीछे की सीट पर एक व्यक्ति का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। सूचना पर पहुंची विजयनगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा भरते हुए एमएमजी अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया। पहचान होने पर परिजनों को सूचित किया गया।

1 दिसंबर को मृतक हरीराम के पुत्र संजय कुमार ने थाना विजयनगर में तहरीर दी कि दो अज्ञात व्यक्तियों ने उनके पिता की कार बुक कर लूट की नीयत से उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर टीमें गठित कीं। मुखबिर की सूचना, सर्विलांस और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से पुलिस ने 02 दिसंबर को IPEM कॉलेज के सामने से दोनों आरोपियों गोविन्द पुत्र जगदीश, निवासी बदायूं, वर्तमान में सेक्टर-3 बवाना, उत्तर-पश्चिम दिल्ली। शनि उर्फ छोटू, पुत्र सर्वेश, निवासी बदायूं, वर्तमान में बरौला, सेक्टर-49, गौतमबुद्धनगर को दबोच लिया।

पत्रकारों से बातचीत में एसीपी नगर रितेश त्रिपाठी ने बताया कि 20 नवम्बर को विजय नगर क्षेत्र में एक कार बरामद हुई छानबीन में कार से एक शव बरामद हुआ। जिसका खुलासा करने पुलिस के लिए चुनौती था। पुलिस ने इनपुट सर्विलांस व सीसीटीवी फुटेज के जरिए हत्यारोपियों तक पहुंची। फिर परतदर परत घटना से पर्दा उठता चला गया। 

अपहरण की साजिश से शुरू हुआ कत्ल का खेल

उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपी गोविन्द ने चौंकाने वाली जानकारी दी। उसने बताया कि वह दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र में विपुल कुमार नामक व्यक्ति के पास किरायेदार था। उसे पता था कि विपुल आर्थिक रूप से सक्षम है। इसी लालच में उसने अपने साथी शनि उर्फ छोटू के साथ मिलकर विपुल के बेटे अंश झा (कक्षा–7) के अपहरण की योजना बनाई।

अपहरण के लिए उन्हें कार की जरूरत थी। इसी साजिश के तहत उन्होंने टैक्सी चालक हरीराम की स्विफ्ट डिजायर को 20 नवंबर को अलीगढ़ जाने के नाम पर 3200 रुपये में बुक किया। रास्ते में दोनों ने गाड़ी छीनने की कोशिश की, विरोध करने पर हरीराम की गला दबाकर हत्या कर दी।

हत्या के बाद आरोपी घबरा गए और पहचान छिपाने के लिए कार को दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे पर रोककर मृतक की लाश पिछली सीट पर डाल दी। कार की आरसी, आधार और मोबाइल फोन लेकर अंधेरे में भाग निकले ताकि उनकी पहचान न हो सके।

पुलिस ने समझदारी से सुलझाई गुत्थी

सर्विलांस टीम, स्थानीय इनपुट और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को धर दबोचा। मामले में आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

कमिश्नरेट पुलिस का कहना है कि आरोपी संगठित अपराध की योजना बना रहे थे, जिसे समय रहते विफल कर दिया गया। पुलिस की सजगता और त्वरित कार्रवाई से एक जघन्य अपराध का पर्दाफाश संभव हो सका।

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